"जो मोदी-शाह के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएगा वो सही मायने में मर्द-ए-मुजाहिद कह लाएगा। मैं वतन में रहूँगा, पर कागज नहीं दिखाऊँगा। कागज अग़र दिखाने की बात होगी, तो सीना दिखाएँगे कि मार गोली। मार दिल पे गोली मार, क्योंकि..."
पीएम ने ऐतिहासिक बोडोलैंड समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि अब असम में अनेक साथियों ने शांति और अहिंसा का मार्ग स्वीकार करने के साथ ही लोकतंत्र को स्वीकार किया है, भारत के संविधान को स्वीकार किया है। इससे 50 साल पुरानी समस्या का समाधान हुआ। बोडोलैंड क्षेत्र को 1500 करोड़ का पॅकेज भी मिलेगा।
प्रधानमंत्री के इस मजाकिया अंदाज़ से पक्ष ही नहीं बल्कि विपक्षी नेता भी बेंच थपथपाते नज़र आए। इनमें से एक कोडिकुन्नील रमेश भी शामिल थे। वो कॉन्ग्रेस के सांसद हैं लेकिन जब पीएम मोदी ने बिना नाम लिए राहुल गाँधी को 'ट्यूबलाइट' कहा तो वो अपनी हँसी नहीं रोक पाए।
"हम अगर उसी तरीके से चलते, जिस तरीके से आप लोग चलते हैं तो इस देश से अनुच्छेद 370 नहीं हटता, मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की तलवार आज भी डराती रहती, नाबालिग से रेप के मामले में फाँसी की सजा का कानून नहीं बनता, राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती, करतारपुर कॉरिडोर कभी नहीं बनता, भारत-बांग्लादेश सीमा विवाद कभी नहीं सुधरता।"
'टाइम्स नाउ' द्वारा करवाए गए हालिया सर्वेक्षण ने भाजपा समर्थकों का मनोबल गिराने का काम किया है। टाइम्स नाउ ने दावा किया है कि यह सर्वे जनवरी 27, 2020 और फरवरी 01, 2019 के बीच किया गया था, यानी कि ऐसी अवधि के दौरान जबकि भाजपा को बढ़त बनाते हुए देखा गया।
"यह कोई संयोग नहीं है, बल्कि सोचा-समझा प्रयोग है। ये राष्ट्र की सौहार्दता को खंडित करने का एक कुत्सित प्रयास है। संविधान और तिरंगे को सामने रखते हुए ज्ञान बॉंटा जा रहा है और असली साजिश से ध्यान हटाया जा रहा है।"
पीएम मोदी ने इस बैठक में कहा कि CAA पर हमने कुछ भी गलत नहीं किया है, बल्कि हमको फ्रंटफुट पर और आक्रामक रहना है। बैठक में उन्होंने कहा कि CAA से किसी की नागरिकता नहीं जा रही है, बल्कि नागरिकता देने के लिए यह लाया गया है।
हाल ही में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित काजी मासूम अख्तर ने कहा कि मुझे अपने जीवन जीने से डर है और बंगाल में मेरी कभी भी हत्या की जा सकती है। उन्होंने सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन पर कहा कि इससे मुस्लिमों को डरने की कोई जरूरत नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति के विद्वान जोसेफ नाइ के सॉफ्ट पॉवर की परिभाषानुसार प्रधानमंत्री मोदी भारत की वैश्विक पहुँच में बदलाव के वाहक बने हैं। PM मोदी ने अपनी विदेश नीति के 5 स्तंभों के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ावा देने के लिए एक सफल प्रयास किया है। ये 5 स्तंभ - सम्मान, संवाद, समृद्धि, सुरक्षा एवं संस्कृति और सभ्यता हैं।
कौन हैं वो 'मसीहा पत्रकार', जिनकी पूर्ववर्ती सरकारों में अच्छी-ख़ासी मौज रहती थी? मोदी के आने से उन्हें दिक्कत क्यों हुई? 'इंडिया टीवी' के न्यूज़ एंकर सुशांत सिन्हा से समझिए कि अवार्ड-वापसी और 'लिंचिंग' की कैसे रची गई पूरी साज़िश। लुटियंस गैंग की तिलमिलाहट का पोस्टमॉर्टम।