एसटीएफ को निजामुद्दीन के ठिकाने से सिमकार्ड के अलावा एक लैपटॉप और एक चार्जर भी बरामद हुआ हैं। लैपटॉप में High caliber explosive (तीव्र क्षमता वाला विस्फोटक) बनाने संबंधी वीडियो अपलोड था।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक लिस्ट में पहले नंबर पर पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर है। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को नंबर दो पर रखा गया है। तीसरे नंबर पर दाऊद इब्राहिम है।
पूछताछ में उसने अधिकारियों से कई भाषा में बात की। कई भाषाओं का जानकार होना और बस्ते से मिले सामान से उसकी सच्चाई पर सवाल बना हुआ है। पूरी जाँच के बाद ही साफ़ होगा कि असलम बीमार है या फिर वास्तविकता छिपाने के लिए कहानी गढ़ी गई है।
"हमारे पास कुछ निजी वाहनों के पंजीकरण नंबर हैं जो अभी भी सड़कों पर चल रहे हैं और हम उनके मालिकों को एक अंतिम चेतावनी जारी कर रहे हैं। कोई भी रास्ता नहीं खोला जाना चाहिए। कोई भी महिला सड़क पर नहीं दिखनी चाहिए। महिलाएँ अपने घर में रहें।"
गुजरात में पूर्वी कच्छ के डेप्युटी एसपी डीएस वाघेला ने बताया कि उन्हें राज्य सरकार से एक आतंकी ख़तरे के बारे में सूचना प्राप्त हुई है। संपूर्ण कच्छ ज़िला हाई अलर्ट पर है, सभी लैंडिंग पोर्ट पर सुरक्षा की व्यवस्था की गई है।
हाल में बिहार के गया से JMB का कुख्यात आतंकी एजाज़ अहमद गिरफ़्तार किया गया था। उसके पास से भारी मात्रा में जिहादी दस्तावेज़ मिले थे। वह अरसे से गया में वेश और नाम बदलकर रह रहा था। सूत्रों ने बताया की वह बड़े हमले की फ़िराक में था।
आतंकी एजाज़ अहमद पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले के पारुई इलाक़े का निवासी है। उसके बारे में पता चला है कि वो काफ़ी समय से आतंकवादी संगठन JMB के लिए संगठन के आला सरगनाओं के साथ मिलकर काम कर रहा था। उसका मुख्य कार्य इस आतंकी संगठन से युवाओं को जोड़ना था।
खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक संदिग्ध केरल से बेंगलुरु में दाखिल हुए हैं और माना जा रहा है कि वे शहर के 'धार्मिक स्थानों' में छिपे हो सकते हैं। आतंकी हमले को लेकर इंटेलीजेंस इनपुट मिलने के बाद बेंगलुरु पुलिस ने हाई अलर्ट घोषित किया है।
पुलिस जाँच से पता चला है कि छ: रोहिंग्याओं को दिल्ली में एक मदरसे में प्रशिक्षण दिया गया और उन्हें दिल्ली तथा मणिपुर के कुछ एजेंटों की मदद से यहाँ लाया गया था।
भारत में एक ब्यूरोक्रेट को मिलिट्री और सुरक्षा सम्बन्धी निर्णय लेने के लिए रखा जाता था। वो ब्यूरोक्रेट किसी भी क्षेत्र से आया हुआ हो सकता था और उसे सेना व सुरक्षा ऑपरेशन्स की कितनी समझ है, इससे कोई लेना-देना नहीं था। इसीलिए सीडीएस का पोस्ट क्रिएट करना आवश्यक था।