Thursday, December 12, 2024

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Nattional Education Policy

PM मोदी के सलाहकार बने अमित खरे: नई शिक्षा नीति के शिल्पकार, लालू के चारा घोटाले को भी किया था उजागर

अमित खरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है। वे दो साल तक इस पद पर रहेंगे।

PM मोदी ने दिया 5-C और 5-E का मंत्र, कहा- NEP 2020 में बच्चों की शिक्षा पर सबसे ज़्यादा जोर, यह आने वाले कल...

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज स्कूल एजुकेशन कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के ज़रिए किस तरह के बदलाव आएँगे।

तमिलनाडु: नई शिक्षा नीति के खिलाफ कैथोलिक संस्थाओं का अभियान, लोगों ने बताया खतरनाक ट्रेंड

तमिलनाडु में नई शिक्षा नीति के खिलाफ कैथोलिक संस्थाओं के अभियान का विरोध करते हुए इंटरनेट पर लोग इसे खतरनाक ट्रेंड बता रहे हैं।

आत्मनिर्भरता की रीति में बनी नई शिक्षा नीति

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में कहीं भी इस बात का बिल्कुल ही जिक्र नहीं है कि अंग्रेजी को एकदम हटाया जाए। इस नीति में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जो भी विदेशी भाषा है, उसको विदेशी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा।

ग्लोबल सिटीजन बनने के साथ छात्र अपनी जड़ों से भी जुड़े रहें: राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर PM मोदी का सम्बोधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर कॉन्क्लेव' में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उद्घाटन भाषण देते हुए अपने विचार रखे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: अजीत भारती का विश्लेषण | Ajeet Bharti on NEP 2020

IIT से लेकर डीयू तक में अलग-अलग समस्याएँ हैं। बच्चे स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर शिक्षा ग्रहण करते हुए भी केवल रट्टा मारकर उत्तीर्ण होना चाहते हैं।

34 साल बाद बदली भारत की शिक्षा नीति: जानिए हर पहलू, सरल शब्दों में

तीन दशकों में पूरी दुनिया के सोचने, समझने और शिक्षा को बेहतर तरीके से पहुँचाने का तरीका बदल जाता है, लेकिन भारत उसी वामपंथी नीति पर अटका था, जो कि इसकी जड़ों को दीमक की तरह खोखला करता रहा।

NEP 2020: प्रारम्भिक शिक्षा में मातृभाषा से लेकर उच्च शिक्षा में मल्टीपल इंट्री और एग्जिट का विकल्प

नई शिक्षा नीति पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि इस नीति गुणवत्ता, पहुँच, जवाबदेही, सामर्थ्य और समानता के आधार पर एक समूह प्रक्रिया के अंतर्गत बनाया गया है।

मीडिया के बेकार मुद्दों पर चर्चा से बेहतर है कि नई शिक्षा नीति पर अपनी बात सरकार तक पहुँचाइये

आमतौर पर समितियों की सिफारिश (अभी वाली नेशनल एजुकेशन पालिसी ड्राफ्ट भी) करीब पाँच सौ पन्ने का मोटा सा बंडल होता है जिसे कौन पढ़ता है, या नहीं पढ़ता, हमें मालूम नहीं। ऐसी सभी सिफारिशों से मेरी एक और आपत्ति ये भी होती है कि ये किस आधार पर बनी है ये पता नहीं होता।

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