Sunday, December 22, 2024

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Pakistan

पूरी दुनिया से कहा पाक को ‘आतंकी देश’ घोषित करो, खुद के प्रस्ताव में नाम भी नहीं!

सर्वसम्मति की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि हमारा शत्रु एक है- ‘आतंकवाद’। जो भी देश आतंक का भरण पोषण करता है वह हमारे लिए आतंकी देश होना चाहिए। यह विचार भारत के प्रत्येक संस्थान और व्यक्ति द्वारा बिना किसी रिलिजियस अथवा सामुदायिक भेदभाव के अंगीकार किया जाना चाहिए।

पाकिस्तान के पूर्व गृहमंत्री का भारत पर आरोप: RAW ने करवाया पुलवामा आतंकी हमला

रहमान मलिक का आरोप है कि अंतराष्ट्रीय न्यायालय में लंबित कुलभूषण जाधव के मसले से ध्यान हटाने के लिए भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ ने ख़ुद ही हमले कराए हैं।

PM मोदी की हुंकार, नहीं छिप सकेंगे आतंकी, सज़ा मिलना तय

प्रधानमंत्री मोदी ने कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएँ ग़रीबों से जुड़ी, सड़कों से जुड़ी, रेलवे से जुड़ी, रोज़गार से जुड़ी हई हैं।

सोनू और कंगना का ‘सेकुलरों’ पर तंज: ‘विपक्ष वाले फ़र्ज़ी शोक न मनाएँ’, ‘उन्हें गधे पर बिठाकर थप्पड़ मारो’

फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा, “अब जो भी शांति और अहिंसा की बात करेगा उस पर कालिख पोत कर, गधे पर बैठा कर चौराहे पर खड़ा कर देना चाहिए ताकि जो भी आए थप्पड़ मार कर जाए।”

सोशल मीडिया पर ज़हर उगलने वालों पर कड़ी नज़र, जवानों का अपमान करने वाले हो रहे गिरफ़्तार

पुलिस ने कई मामलों में एक्शन लिया। कुछ मामलों में ऐसे लोगों को उनकी कम्पनी ने नौकरी से भी निकाला।

भीख का कटोरा लेकर घूमने वाले पाक के लिए सेना को समय, स्थान, योजना तय करने की पूरी छूटः मोदी

उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, "हर नुकसान का हिसाब पाकिस्तान को देना पड़ेगा, उसे इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी होगी।"

कश्मीर में जिहाद को रोकने के लिए अपनाने होंगे ‘out of the box’ विकल्प

भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री लाना, उसे वाहन पर असेम्बल करना, कई दिन पहले से इलाके की रेकी करना और पूरा प्लान बनाने में अच्छा-खासा समय लगता है। यह स्थानीय सहायता के बिना संभव ही नहीं है।

चीन ने दिखाया असली रंग, मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने से फिर किया इनकार

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को तो 1267 कमिटी के द्वारा ग़ैरक़ानूनी करार दिया जा चुका है, लेकिन उसका प्रमुख अज़हर अभी भी बेख़ौफ़ बाहर घूम रहा है।

2014 में मसूद अज़हर की वापसी और आतंक की स्क्रिप्ट का पुनर्लेखन

आतंकियों को पाकिस्तानी सत्ता के संरक्षण का जीता-जागता उदाहरण। 5 साल पीछे। मसूद अज़हर की वो रैली जहाँ से पठानकोट और पुलवामा हमले की पटकथा का लिखा जाना शुरू हो गया था।

उरी से पुलवामा तक… संसद से पठानकोट तक… सब का ज़िम्मेदार सिर्फ़ पाकिस्तान

लगातार धर्म की आड़ में आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान को अच्छे से यह बात मालूम है कि जो आतंक का बीज़ वो अपनी धरती पर लगाता है, उसकी जड़ें भी बनेंगी और वो फैलेंगी भी।

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