"इस रविवार को कोरोना के अंधकार को चुनौती देनी है। 5 अप्रैल को रात 9 बजे सबके 9 मिनट चाहिए। घर की सभी लाइट बंद कर, घर के दरवाजे पर, बॉलकनी में खड़े होकर 9 मिनट, मोमबत्ती, दीया, टॉर्च, फ्लैशलाइट जलाएँ।"
कोरोना संक्रमण से निपटने में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति जनता कर्फ्यू के दिन पूरे देश की जनता ने आभार जताया था। यह कुछ लिबरलों और तथाकथित बुद्धिजीवियों को रास नहीं आया। लेकिन, अब उसी रास्ते पर बढ़ते हुए ब्रिटेन ने कोरोना वारियर्स के प्रति आभार व्यक्त किया है।
“वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बातें देशवासियों के साथ साझा करूँगा। आज, 24 मार्च रात 8 बजे देश को संबोधित करूँगा।”
जिन लोगों ने इन ट्रेनों में टिकट बुक कराए थे, उन्हें व्यक्तिगत रूप से इसकी जानकारी दी जा रही है। इन ट्रेनों में टिकट रद्द होने का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यात्रियों को पूरा पैसा वापस मिलेगा। रेलवे ने कहा कि सामाजिक दूरी सुनिश्चित करना जरूरी है।
तमाम अपीलों के बावजूद भी गोरखपुर में जुमे की नमाज के लिए आज कई जगह सैंकड़ों की भीड़ देखी गई। आम दिनों की तरह ही घंटाघर और कलेक्ट्रेट में दोपहर से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी।
मोदी के समर्थन में लिबरल-सेक्युलर मीडिया गैंग के अलावा कॉन्ग्रेसी इकोसिस्टम का भी उतर आना वाकई सुखद आश्चर्य देता है, जिसने मोदी के जनता कर्फ्यू का दिल खोल कर स्वागत किया।
इटली से लाई गई एक युवती के पिता ने अपनी भावना साझा करते हुए कहा है कि वो सालों से सरकार की आलोचना कर रहे थे। लेकिन, अब उन्हें एहसास हो रहा है कि मोदी सरकार पिता के साए (fatherly figure) जैसी है।
सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन की बात हो, स्वच्छ भारत के जरिए शौचालय मुहैया कराना हो या उज्ज्वला योजना के जरिए करोड़ों परिवार को गैस कनेक्शन देकर स्वास्थ्य की चिंता करना, मोदी सरकार ने महिला हितैषी ऐसे कई कदम उठाए हैं, जिनके दूरगामी परिणाम होंगे।