Sunday, July 13, 2025
Homeदेश-समाजमैं सरकार को कोसता था, लेकिन मोदी सरकार पिता के साए जैसी: इटली से...

मैं सरकार को कोसता था, लेकिन मोदी सरकार पिता के साए जैसी: इटली से लौटी युवती के पिता

विदेश से लाए गए एक युवक ने कहा है कि ऐसी व्यवस्था तो उसने जर्मनी जैसे यूरोपीय मुल्कों में भी नहीं देखी है। विडियो में यह शख्स बता रहा है कि सरकार ने करीब 70 किलोमीटर दूर सभी पैसेंजर को कोरोन्टाइन किया है। बिल्डिंग को लगातार सैनेटाइज किया जा रहा है। उन्हें 24 घंटे की देखरेख में रखा है, जहॉं बेहतरीन सुविधाएँ हैं।

कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए भारत की तैयारियों और प्रभावित देशों से अपने नागरिकों को लाने की केंद्र सरकार की कोशिशों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना हो रही है। कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गॉंधी भले इस वैश्विक महामारी को मोदी सरकार पर हमले के मौके की तरह तलाश कर रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया में सरकार की तारीफ करते हुए कुछ लोगों ने जो आपबीती शेयर की है वह बेहद मार्मिक है। इटली से लाई गई एक युवती के पिता ने अपनी भावना साझा करते हुए कहा है कि वो सालों से सरकार की आलोचना कर रहे थे। लेकिन, अब उन्हें एहसास हो रहा है कि मोदी सरकार पिता के साए (fatherly figure) जैसी है। विदेश से लाए गए एक युवक ने कहा है कि ऐसी व्यवस्था तो उसने जर्मनी जैसे यूरोपीय मुल्कों में भी नहीं देखी है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार रोहन दुआ ने इटली से लौटी युवती के पिता का पत्र शेयर किया है। इस पत्र में उन्होंने इंडियन एंबेसी, भारत सरकार और विशेषत: नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। पिता के मुताबिक उनकी बेटी मास्टर की पढ़ाई करने इटली के मिलान गई थी। वहॉं हालात बिगड़ने पर उसे वापस लौटने को कहा। जब वह लौटने लगी तो उससे भारत वापस जाने का सर्टिफिकेट माँगा गया। न्होंने खुद इंडियन एंबेसी को संपर्क करने की कोशिश की। मगर मिलान में एंबेसी का कार्यालय बंद होने के कारण ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने इंडियन एंबेसी के अन्य लोगों को मेल के जरिए संपर्क किया और रात के 10:30 बजे उनकी बेटी ने फोन पर बताया कि उसकी बात दूतावास में हो गई है और वह अगली फ्लाइट से भारत लौट रही है।

पिता के मुताबिक, वे सालों से भारतीय सरकार को कोस रहे थे। लेकिन मोदी सरकार में पिता का चेहरा है। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी 15 मार्च को भारत आई और आईटीबीपी अस्पताल में उसकी स्वास्थ्य संबंधी, खान-पान संबंधी सभी जरूरतों का ख्याल रखा गया। गौरतलब है कि इटली उन देशों में शामिल है जो कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित हैं।

गौरतलब है कि भारत सरकार इन दिनों लगातार विदेशों से लौटने वाले अपने नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करवाने में प्रयासरत है। सोशल मीडिया में वायरल हुए एक विडियो में विदेश से लौटा शख्स मिली सुविधाओं के बारे में बता रहा है। इस विडियो को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी शेयर किया था। इसमें व्यक्ति बता रहा है कि सरकार ने करीब 70 किलोमीटर दूर सभी पैसेंजर को कोरोन्टाइन किया है। बिल्डिंग को लगातार सैनेटाइज किया जा रहा है। बड़े-बड़े अधिकारी मौक़े पर तैनात हैं। उन्हें 24 घंटे की देखरेख में रखा है। साथ ही जहाँ उन्हें रखा गया है वहाँ सरकार ने बहुत अच्छी व्यवस्था की है। सबको अलग से रूम मिले हैं। इसमें उन्हें पानी, चप्पल, बेड, खाना, नई तौलिया सब मुहैया कराया जा रहा है। इसलिए वे नरेंद्र मोदी, स्वास्थ्य मंत्री समेत पुलिस प्रशासन और डॉक्टरों का धन्यवाद करते हैं।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कोरोना वायरस के संक्रमण से निबटने के लिए सरकार ने 400 बेड का कोरोन्टाइन वार्ड तैयार करवाया है। यहाँ विदेश से लौटने वालों को सीधे दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर जाया जाएगा। यहाँ इन सभी लोगों की 14 तक की निगरानी होगी और अगर इनमें कोरोना के लक्षण मिलते हैं तो इन्हें आइसोलेट कर छोड़ा जाएगा। ये कोरोन्टाइन वार्ड नोयडा के सेक्टर 39 में स्थित जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग में बना है। यहाँ पर्याप्त संख्या में पैरामेडिकल स्टॉफ तैनात हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बिहार की वोटर लिस्ट में मिले घुसपैठियों के नाम, बांग्लादेश-नेपाल-म्यांमार से आकर बनाई फर्जी पहचान: EC सबको करेगा बाहर, राज्य में कुल 7.89 करोड़...

नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार से आए लोगों के नाम 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित होने वाली अंतिम चुनावी सूची में शामिल नहीं किए जाएँगे।

RSS के जिस स्वयंसेवक के वामपंथी गुंडों ने काट दिए पैर, राष्ट्रपति ने उनको राज्यसभा भेजा: जानिए कौन हैं केरल के सदानंदन मास्टर

61 साल के केरल के C सदानंदन मास्टर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए नामित किया है। उनके पैर कम्युनिस्टों ने काट दिए थे।
- विज्ञापन -