Friday, May 17, 2024

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Supreme Court

‘संस्कृत’ से नहीं उन्हें ‘संस्कृति’ से गुरेज़ है, उन्हें ‘श्लोक’ से नहीं ‘हिंदू-धर्म’ से परहेज़ है

अब कोर्ट इसका निर्णय करेगा कि विद्यालयों में ‘असतो मा सदगमय’ (मुझे झूठ से सच की ओर ले चलें) जैसी प्रार्थनाएँ गाई जा सकती हैं या फिर नहीं।

राम मंदिर: 0.3 एकड़ विवादित भूमि को छोड़ 67 एकड़ पर मोदी सरकार ने SC में चल दिया बड़ा दाँव

केंद्र सरकार के ताज़ा कदम का विश्व हिन्दू परिषद व अन्य हिन्दू संगठनों ने स्वागत किया है। सुप्रीम कोर्ट में बार-बार राम मंदिर मसले की सुनवाई टलने से ये संगठन नाराज़ चल रहे थे।

‘वेश्या’ कहे जाने पर पति की हत्या ‘मर्डर’ नहीं: SC का फ़ैसला

आरोपित महिला ने प्रेमी के साथ मिल कर अपने पति की हत्या कर दी थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने उन दोनों को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस सज़ा को रद्द कर दिया।

रामभक्तों को अभी और करना होगा इंतज़ार, अयोध्या मामले की सुनवाई फिर टली

29 जनवरी को जस्टिस बोबडे अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए उप्लब्ध नहीं रहेंगे। इस वजह से सुनवाई को तत्तकाल टाल दिया गया है।

10% आरक्षण पर अभी नहीं लगेगी कोई रोक : सुप्रीम कोर्ट

आर्थिक आधार पर मिलने वाले आरक्षण पर रोक लगाने के लिए साफ़ रूप से मना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले 124वें संविधान संशोधन पर विचार करेगा।

NRC की समयसीमा में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा: SC

देश के सर्वोच्च न्यायालय ने एनआरसी की अंतिम रिपोर्ट 31 जुलाई 2019 से पहले पूरा करने के लिए कहा।

जज साहब डर गए क्या? आख़िर उंगली उठते ही भागकर किसका भला कर रहे हैं आप?

CBI डायरेक्टर, सेना प्रमुख, CJI- नेताओं ने अपनी घटिया राजनीतिक बयानबाज़ी में संवैधानिक पदों पर बैठे उच्चाधिकारियों को भी घसीट लिया है। उन पर बिना सबूत घटिया लांछन लगाए जाते हैं- अपनी राजनीति चमकाने के लिए।

प्रशांत भूषण बाबू, हुई गवा? करवा लियो बेइज्जती?

लोकपाल मामले पर बहस के दौरान कोर्ट में जब प्रशांत भूषण ने सर्च कमिटी के उपर सवाल खड़ा किया तो चीफ़ जस्टिस ने तल्ख अंदाज में प्रशांत भूषण को ये जवाब दिया- "ऐसा लगता है आप जजों से भी ज्यादा जानते हैं।"

‘कॉलेजियम के फ़ैसले ने बढ़ा दी है चिंताएँ, एक साल बाद भी कुछ नहीं बदला’

जस्टिस खन्ना और जस्टिस माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किए जाने के कॉलेजियम की सिफ़ारिश के ख़िलाफ़ पूर्व CJI लोढ़ा सहित दो अन्य जजों ने नाराज़गी जताई

ऑफिस बॉय से लेकर चपरासियों के नाम पर 23 फ़र्ज़ी कंपनियाँ, SC ने दी चेतावनी

इस मामले में फॉरेंसिक एडिटर्स ने 655 ऐसे लोगों को नोटिस भेजा था, जिनके नाम पर बेनामी फ्लैट बुक हुए थे, लेकिन इन 655 में 122 जगह पता चली जहाँ पर उन्हें कोई भी नहीं मिला।

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