सीमा से सटे इलाके में हमले को अंजाम देने के लिए आतंकी गाड़ियों और मोटरसाइकिल से आए थे। जहॉं हमला किया गया वह संवेदनशील इलाका है। आतंकियों के खिलाफ अभियान में वायुसेना को भी जुटना पड़ा।
पिछले कुछ सालों में बिहार से कई आतंकी पकड़े गए हैं। बीते साल ही गया से जमात आतंकी दबोचा गया था। इतनी गिरफ़्तारियों से यह सवाल उठने लगा है कि आतंकियों के लिए बिहार सेफ़-ज़ोन तो नहीं बनता जा रहा?
स्थानीय लोगों के अनुसार पटाखा फैक्ट्री के नाम पर बम बनाने का काम चल रहा था। इस इलाके में कई ऐसी फैक्ट्रियॉं होने की बात कही जा रही जहॉं पटाखों के नाम पर प्रतिबंधित बम बनाए जाते हैं। आशंका जताई कि इस फैक्ट्री का सम्बन्ध आईएसआई या अन्य आतंकी संगठनों से हो सकता है।
क़ानूनविद अब्दिरिजाक मोहम्मद ने भी ट्विटर के माध्यम से इस घटना की सूचना दी। उनके अनुसार, बम विस्फोट में 17 पुलिस अधिकारी, 73 नागरिक और 4 विदेशी नागरिक विस्फोट के पीड़ितों में शामिल हैं। ये बम विस्फोट शहर के टैक्स ऑफ़िस के पास हुआ है।
राष्ट्रपति ने 2 दिनों का शोक घोषित किया है। अभी तक किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। सेना ने बताया है कि हमले में 8 जवान भी शहीद हुए हैं।
जॉंच एजेंसी ने कहा कि संदिग्धों से इस मामले में दो आरोपियों से उनके संबंधों के बारे में पता लगाने के लिए पूछताछ की जा रही है। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या वे आईएस की किसी गतिविधि में शामिल हैं।
अफ़ग़ानिस्तान के नंगरहार प्रांतीय गवर्नर शाह महमूद मियांखली ने कहा, "पिछले दो सप्ताह में ISIS के 243 आतंकवादी और उनके परिवार के लगभग 400 सदस्य आत्मसमर्पण कर चुके हैं।" पिछले सप्ताह नंगरहार के अचिन ज़िले में सुरक्षा बलों के सामने 51 महिलाओं और 96 बच्चों के साथ 82 सेनानियों ने अपने हथियार सौंप दिए थे।
अक्टूबर में, एक आतंकी को टीवी समाचार रिपोर्ट में सीरियाई नरकहोल जेल की फ़र्श पर धमाके करते देखा गया था। उसे उसके माता-पिता ने भी देखा था। जैक लेट्स नाम के इस शख़्स का फुटेज भी सामने आया था, जिसमें उसने ख़ुद को "ब्रिटेन का दुश्मन" घोषित कर दिया था।