सुबह ही पुलिस ने स्पष्ट किया था कि प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन जेकेएलएफ से सम्बंधित संगठनों ने घाटी में आने वाले दिनों में हिंसा की घोषणा करते हुए पर्चे बाँटे हैं और वे एक गैरकानूनी संगठन के संदेशों और गतिविधियों का प्रचार कर रहे हैं। शाम होते-होते...
अफजल गुरू की फाँसी की बरसी के चलते घाटी में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) ने बंद का एलान किया है। यह बंद 9 फरवरी और 11 फरवरी को बुलाया गया है। 11 फरवरी को नेशनल लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक मकबूल भट्ट की भी बरसी है, जिसके चलते...
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल ही संसद में उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बारे में टिप्पणी की और रात में उन पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) लगा दिया गया। आप कश्मीर पर इस तरह राज नहीं कर सकते हैं। कश्मीर भौगोलिक तौर पर तो हमारा है लेकिन भावनात्मक रूप से नहीं।"
तब भी ऐसा ही मजहबी उन्माद था। इसी तरह के नारे और ऐसी ही साजिशें थी। उस समय इसकी आग में कश्मीर के हिंदू जले थे। आज नहीं चेते तो अगला नंबर आपका हो सकता है।
19 जनवरी 1990 की भयावह घटनाएँ बस शुरुआत थी। अंतिम प्रहार 26 जनवरी को होना था, जो उस साल जुमे के दिन थी। 10 लाख लोग जुटते। आजादी के नारे लगते। गोलियॉं चलती। तिरंगा जलता और इस्लामिक झंडा लहराता। लेकिन...
ये किसी फिल्म के दृश्य नहीं हैं जहाँ नाटकीयता के लिए आरी से किसी को काटा जाता है, किसी की खोपड़ी में लोहे का रॉड ठोक दिया जाता है, किसी की आँखें निकाल ली जाती हैं, किसी के दोनों गाल चाकू से चमड़ी सहित छील दिए जाते हैं, किसी के तिलक लगाने वाले ललाट को चाकू से उखाड़ दिया जाता है…
मलेशिया के प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी किए जाने और नागरिकता कानून में संशोधन किए जाने पर भारत सरकार की आलोचना की थी। जिसके जवाब में भारत ने इस महीने से मलेशिया के पाम ऑइल का आयात रोक दिया।
“देश हमेशा सबसे पहले है। जिंदगी इंतजार करेगी यह वादा है। एक सैनिक की जिंदगी का बस एक और दिन। भारतीय सेना का एक जवान कश्मीर घाटी में भारी बर्फबारी की वजह से अपनी शादी में नहीं पहुँच सका। दुल्हन के परिवार वाले नई तारीख को लेकर...”
"उस रात इस्लामी आतंकियों ने 3 विकल्प दिए थे - कश्मीर छोड़ दो, धर्मांतरण कर लो, मारे जाओ। गिरिजा टिक्कू को सामूहिक बलात्कार कर टुकड़ों में काट दिया। बीके गंजू को गोली मारी और उनकी पत्नी को खून से सने चावल (वो भी पति के ही खून से सने) खाने को मजबूर किया।"
बुखारी ने केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। इसका श्रेय उन्होंने राज्य की जनता और केंद्र सरकार को दिया है।