जितिन प्रसाद ने सभी राजनीतिक दलों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें जनसंख्या नियंत्रण जैसे गंभीर मुद्दे पर एकसाथ खड़े होना चाहिए। बता दें कि इस साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसंख्या का मुद्दा उठाया था।
ये स्वयं को प्रधानमंत्री की अवमानना के लिए स्वतंत्र मानते हैं परन्तु अपने विरोध में उठे एक स्वर पर भी दिल्ली-सुलभ 'जानता है मेरा बाप कौन है' का फ़िकरा फ़ेंक के मारते हैं। प्रसिद्ध पिता के प्रताप से वंचित लेखक व्यंग्य ही लिखेगा और आशा करेगा कि बिना दीक्षा और समीक्षा के...
मोदी की हर वक्त आलोचना को गैर वाजिब बताने के उनके बयान को सोनिया गाँधी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। इसके बाद केरल की प्रदेश कॉन्ग्रेस ने थरूर से स्पष्टीकरण माँगा और पूर्व मंत्री वीरप्पा मोइली ने उन्हें 'पब्लिसिटी का भूखा' बताया।
आज बांग्लादेशी घुसपैठियों की सबसे बड़ी पैरोकार ममता बनर्जी ने एक समय (2005 में) बांग्लादेशी घुसपैठियों पर चर्चा कराने की माँग को लेकर तत्कालीन लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी पर कागज़ फेंके थे। महीना यही था अगस्त का और तारीख थी चार।
सिद्धारमैया से पूछा गया था कि राज्य में गठबंधन सरकार के गिरने के लिए जेडीएस उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहा है। जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री ने एक कन्नड़ के एक कहावत का इस्तेमाल किया, जिसका मतलब होता है कि जो वेश्याएँ नाच नहीं सकती वे डॉंस फ्लोर का रोना रोती हैं।
दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान सुनंदा के भाई आशीष दास ने भी अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने कहा, "वह (सुनंदा) शादीशुदा ज़िंदगी से खुश थीं। आख़िरी दिनों में बहुत परेशान रहने लगी थी। लेकिन वह कभी भी आत्महत्या के बारे में नहीं सोच सकती थी।"
बिहार कॉन्ग्रेस MLA सुधीर कुमार उर्फ़ बंटी चौधरी और उनकी पत्नी का एक #TikTok वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वो मशहूर कॉमेडियन सुनील ग्रोवर के गाने 'मेरे हसबैंड मुझको प्यार नहीं करते' पर एक्टिंग कर रहे हैं।
रेणुका चौधरी ने वादा किया था कि नाइक को वायरा विधानसभा सीट से टिकट दिलाएँगी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और रेणुका ने पैसे वापस करने से भी इनकार कर दिया। धोखाधड़ी की वजह से नाइक की तबियत ख़राब रहने लगी और 14 अक्टूबर 2018 को उनकी मौत हो गई।
"यदि सिंधिया को मध्य प्रदेश की राजनीति से दूर किया गया तो 500 कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली के 10 जनपद स्थित कॉन्ग्रेस कार्यालय जाकर प्रदर्शन करेंगे और फिर भी अगर बात नहीं मानी गई तो सामूहिक रूप से अपने पदों से इस्तीफ़ा दे देंगे।"
2017 में एक छापेमारी के दौरान डीके शिवकुमार की सम्पत्तियों में गड़बड़ी मिली थी, जिसके बाद उनके ख़िलाफ़ जाँच की जा रही है। शिवकुमार के साथ-साथ चार अन्य को भी इस मामले में पूछताछ के लिए ED से नोटिस मिला है, जिसे रद्द कराने का अनुरोध लेकर वह......