बता दें कि इससे पहले उनके बयान, "उनके साथ अली हैं तो हमारे साथ बजरंग बली हैं" चुनाव आयोग ने इस बयान को आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए उन पर 72 घंटों का प्रतिबन्ध लगा चुका है।
योगी ने अयोध्या और वाराणसी में मंदिरों के दर्शन को लेकर अपने ट्वीट में कहा, "मेरे आराध्य रामलला, बजरंग बली और महादेवजी के दर्शन को किसी भी प्रकार की राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। मैं स्पष्ट करना चाहता हूँ कि आस्था का अधिकार संविधान प्रदत्त है और मुझे इस अधिकार का प्रयोग करने से कोई रोक नहीं सकता।"
CM योगी ने अपने जवाब में स्पष्ट किया है कि उन्होंने अपने भाषण (जिसके कारण उन पर साम्प्रदायिक होने का आरोप लगा) में केवल छद्म धर्मनिरपेक्षता को उजागर किया था, धर्म के नाम पर वोट नहीं माँगा था। अपने जवाब में उन्होंने यह भी लिखा कि हर नागरिक को अपने धर्म व आस्था की स्वतंत्रता है।
योगी ने कहा था, "जब गठबंधन के नेताओं को अली पर विश्वास है और वह अली-अली कर रहे हैं, तो हम भी बजरंगबली के अनुयायी हैं और हमें बजरंगबली पर विश्वास है।" साथ ही उन्होंने वेस्ट यूपी से हरा रंग साफ़ करने की अपील की थी। आयोग ने दोनों ही बयानों पर आपत्ति जताई है।
यह बिलबिलाहट जनाधार खो चुकी लुटेरी पार्टियों और चाटुकार पक्षकारों का सामूहिक रुदन है। जब तक यह सर्वजन के हित की बात नहीं करेंगे। तब तक इनका भला नहीं होने वाला अब जनता जाग चुकी है, धोखे से न नेता को वोट मिलने वाला है और न ही पक्षकारों को रीडर या दर्शक।
“बापू ने 1947 में कहा था, कॉन्ग्रेस का काम समाप्त, अब कॉन्ग्रेस का विसर्जन कर दो। वो जानते थे कि कॉन्ग्रेस का मतलब अब एक परिवार होने जा रहा है। बापू के सपने को साकार करने के लिए भाई-बहन आ चुके हैं।”
"देवी सीता यहीं ठहरी थीं। उनकी याद में आज भी सीताकुंड घाट है। सुल्तानपुर के गजेटियर में भी इस बात का उल्लेख है कि इसका नाम कुशभवनपुर ही था। बाद में मुगल शासकों ने इसका नाम बदल दिया था।"
सीएम योगी ने लिखा, “हमारी सरकार जब से सत्ता में आई है हमने लंबित 57,800 करोड़ रुपए का गन्ना बकाया भुगतान किया है। ये रकम कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा है। पिछली सपा-बसपा सरकारों ने गन्ना किसानों के लिए कुछ नहीं किया जिससे किसान भुखमरी का शिकार हो रहा था।”
भाजपा और कॉन्ग्रेस के मुख्यमंत्रियों की औसत उम्र में डेढ़ दशक का फ़र्क़ है। अगर वंशवाद को हटा दें तो कॉन्ग्रेस में शायद ही कोई बड़ा युवा नेता हो। जबकि विपक्षियों द्वारा रूढ़िवादी कही जाने वाली भाजपा के किसी भी मुख्यमंत्री की उम्र 65 से ज्यादा नहीं है।