तीन राज्य के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी स्पष्ट बहुत के साथ सत्ता में आई है। इनमें से राजस्थान में उसने अशोक गहलोत की कॉन्ग्रेस सरकार को सत्ता से बेदखल किया है। अशोक गहलोत ने काफी रेवड़ियों का ऐलान किया था लेकिन अपराध पर काबू ना कर पाना उनके फेल होने का एक बड़ा कारण बना है।
अशोक गहलोत कानून-व्यवस्था के मामले में किस तरीके से विफल रहे हैं, यह चुनावों के बाद सामने आए ‘राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो’ (NCRB) के आँकड़ो ने स्पष्ट किया है। NCRB हर साल देश में होने वाले अपराधों के विषय में आँकड़े जारी करती है। NCRB के आँकड़ों के अनुसार, राजस्थान देश में बलात्कार के मामलों में नम्बर एक है। अशोक गहलोत की सरकार के दौरान महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा रहा है। भाजपा ने इसे अपने चुनावी कैम्पेन में प्रमुख मुद्दा बनाया था।
वर्ष 2022 में राजस्थान से 5399 बलात्कार के मामले सामने आए हैं। इससे पहले वर्ष 2020 और 2021 में राजस्थान के भीतर बलात्कार की क्रमशः 5310 और 6337 घटनाएँ हुई थीं। बलात्कार की घटनाओं पर कार्रवाई के मामले में भी राजस्थान काफी पीछे है। NCRB की रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2022 में राजस्थान में बलात्कार समेत महिलाओं के विरुद्ध अपराध के कुल 45,058 मामले सामने आए हैं। वर्ष 2021 और वर्ष 2020 की तुलना में महिलाओं के विरुद्ध अपराध राजस्थान में बढ़ गए हैं।
वर्ष 2020 में महिलाओं के विरुद्ध राजस्थान में 34,535 अपराध के मामले सामने आए थे जबकि 2021 के दौरान यह बढ़ कर 40,378 हो गए थे। इस प्रकार वर्ष 2021 के मुकाबले 2022 में राजस्थान में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामलों में 11.5% की वृद्धि हुई है।
राजस्थान में महिलाओं के विरुद्ध अपराध जहाँ लगातार बढ़ रहे हैं वहीं अशोक गहलोत के शासन में पुलिस भी अकर्मण्य रही है। NCRB की यह रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं के विरुद्ध हुए अपराधों के मामलों में राजस्थान पुलिस केवल 54% में ही चार्जशीट लगा पाई है। देश के अन्य बड़े राज्यों में यह आँकड़ा 70% के ऊपर है।
ऐसा नहीं है कि राजस्थान केवल बलात्कार के मामलों में ही आगे है। अन्य अपराध भी राजस्थान में तेज़ी बढ़े हैं। राजस्थान में वर्ष 2022 में अपराधों की संख्या 3 लाख पार कर गई है। वर्ष 2022 में राजस्थान में 3,12,804 आपराधिक घटनाएँ सामने आई हैं। 2020 में यह घटनाएँ 2.84 लाख और 2020 में 2.60 लाख थी। वर्ष 2022 में 2021 की तुलना में राजस्थान के भीतर 10% की वृद्धि हुई है। राजस्थान में वर्ष 2022 में 1,834 हत्या की वारदातें हुई हैं। यह वर्ष 2021 में 1,786 और 2020 में 1,719 थीं।
इन वर्ष 2022 में राजस्थान में हुई 1834 हत्याओं में से मात्र 57% मामलों में ही राजस्थान पुलिस चार्जशीट लगाने में सफल हुई है। 43% मामलों में अब भी चार्जशीट तक नहीं लग पाई है। राजस्थान में हत्या, बलात्कार के इन बढ़ते मामलों और उन पर कार्रवाई ना होने के कारण लोगों का अशोक गहलोत की सरकार में विश्वास चला गया था। इसलिए भाजपा ने जब इसे चुनावी मुद्दा बनाया तो जनता ने कॉन्ग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया।