Friday, October 18, 2024
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‘सत्ता आती-जाती है, लेकिन देश महत्वपूर्ण है’: अजित पवार को देवेंद्र फडणवीस की दो टूक, कहा – नवाब मलिक का गठबंधन में आना ठीक नहीं, वो जमानत पर बाहर

"मेरी उनसे कोई निजी शत्रुता नहीं है, मैं इसे शुरू में ही स्पष्ट कर देता हूँ। हालाँकि, जिस तरह से उन पर आरोप लगे हैं, उसे देखते हुए हमारा मानना ​​है कि उन्हें हमारे गठबंधन में शामिल करना उचित नहीं होगा।"

उद्धव ठाकरे की सरकार में मंत्री रहे और वर्तमान में जेल से जमानत पर बाहर एनसीपी विधायक नवाब मलिक के अजित पवार गुट को समर्थन देने से महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। नवाब मलिक की विधानसभा में उपस्थिति को लेकर उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उप-मुख्यमंत्री अजित पवार को पत्र लिखा है।

उन्होंने नवाब मलिक को गठबंधन में लेने को गलत ठहराया है। दरअसल, जेल से मेडिकल आधार पर जमानत पाए एनसीपी नेता नवाब मलिक हाल ही में नागपुर में चल रहे महाराष्ट्र विधानसभा के सत्र में पहुँचे थे और महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में शामिल एनसीपी के अजित पवार गुट के साथ बैठे दिखे थे। इससे यह भी स्पष्ट हुआ था कि नवाब मलिक शरद पवार के साथ नहीं बल्कि अजित पवार के साथ हैं। गौरतलब है कि अजित पवार एनसीपी के अधिकांश विधायकों को साथ लेकर जुलाई 2022 में महाराष्ट्र की शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे।

नवाब मलिक को फरवरी 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। उनके ऊपर आरोप है कि उन्होंने दाऊद इब्राहिम से संबंधित एक सम्पत्ति को कम स्टाम्प ड्यूटी पर उसकी बहन हसीना पार्कर के साथ मिलकर खरीदा और इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग हुई। नवाब मलिक को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगस्त 2023 में अंतरिम जमानत दी गई थी।

नवाब मलिक की विधानसभा में उपस्थिति को लेकर विपक्ष ने भी प्रश्न उठाए थे कि पहले भाजपा और शिवसेना इनका विरोध कर रहे थे और अब यह इनके साथ कैसे बैठे हुए हैं। शिवसेना ने इसको लेकर देवेन्द्र फडनवीस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कुछ पुराने वीडियो भी चलाए थे। इसी को लेकर अब फडणवीस ने पत्र लिखा है।

उप-मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने लिखा है, “पूर्व मंत्री एवं विधानसभा सदस्य नवाब मलिक आज विधानमंडल आए और कार्यवाही में भाग लिया। उन्हें विधान सभा का सदस्य होने के नाते इसका अधिकार भी है। मेरी उनसे कोई निजी शत्रुता नहीं है, मैं इसे शुरू में ही स्पष्ट कर देता हूँ। हालाँकि, जिस तरह से उन पर आरोप लगे हैं, उसे देखते हुए हमारा मानना ​​है कि उन्हें हमारे गठबंधन में शामिल करना उचित नहीं होगा।”

आगे उन्होंने लिखा, “सत्ता आती है और जाती है। लेकिन सत्ता से ज्यादा महत्वपूर्ण देश है। वह केवल मेडिकल आधार पर जमानत पर बाहर हैं। अगर उन पर लगे आरोप साबित नहीं हुए तो हमें उनका स्वागत करना चाहिए। हालाँकि, हमारी स्पष्ट राय है कि ऐसे आरोप लगने पर उन्हें गठबंधन का हिस्सा बनाना उचित नहीं है।”

उन्होंने यह भी लिखा कि अजित पवार को यह पूरा अधिकार है कि वह किसे अपनी पार्टी में ले या नहीं, इससे गठबंधन में भी कोई समस्या नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि हर घटक दल को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है, इसलिए वह इसका विरोध करते हैं।

उप-मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की सरकार पर नवाब मलिक को मंत्रिमंडल से ना हटाने के फैसले को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने लिखा, “हम तत्कालीन मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) और महा विकास अघाड़ी सरकार से सहमत नहीं हो सकते जिन्होंने नवाब मलिक पर देशद्रोह के आरोप लगने के बाद भी उन्हें मंत्रिमंडल में बनाए रखा।” देवेन्द्र फडनवीस के इस पत्र पर एनसीपी के अजित पवार गुट और अजित पवार का क्या रुख होगा यह देखने वाली बात होगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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