गुजरात के कच्छ के गाँधीधाम में जीडी गोएनका अंग्रेजी माध्यम स्कूल में बच्चों को शिक्षा के नाम पर हिंदू विरोधी ज्ञान दिया जा रहा था। स्कूल द्वारा दी गई पाठन सामग्री में गाय के बारे में प्रकाशित जानकारी बता रही थी कि गाय का मीट खाना चाहिए। जब इसका पता हिंदू संगठनों को चला तो उन्होंने इसका विरोध किया और स्कूल को माफी माँगनी पड़ी। सोशल मीडिया पर भी नेटिजन्स स्कूल के इस हरकत की आलोचना कर रहे हैं।
सामने आए स्टडी मटेरियल की तस्वीर में देख सकते हैं लिखा है- “ये गाय है। ब्लैक एंड वहाइट। ये Mooo कहती है। घास खाती है। हमें इसका दूध पीना बहुत अच्छा लगता है। हम इसका माँस खा सकते हैं। इसके सिर पर दो सींघ होती है और इसे खेतों में रहना अच्छा लगता है।”
What a Shameful conduct by GD Goenka School!
— Punit Soni (Modi ka parivaar) (@truthseeeeekerr) March 19, 2024
GD Goenka textbook for toddler kids.
We can eat Cow Meat! 😳🤮🤮🤮#GDGoenkaSchool pic.twitter.com/H5IOYxLNRm
बच्चों को दी जा रही इस शिक्षा की जानकारी होने के बाद लोगों ने इसका विरोध शुरू किया। इसे शर्मनाक बताया गया और हैरानी जताई गई कि ये शिक्षा व्यवस्था को क्या होता जा रहा है।
Are children being taught in school that they should eat meat?
— Youth Of Jainism Now Active (@Yojna_group) March 19, 2024
I'm literally shocked to see what's going on in the name of education.
GD GOENKA in Gandhidham teaching kids they can eat BEEF (Cow Meat)@CMOGuj please take necessary action. pic.twitter.com/8nuDab1AEO
वहीं दूसरी ओर इस टेक्स्ट के पता चलने के बाद हिंदू संगठनों ने भी इसका जमकर विरोध किया और स्कूल से माँफी माँगने को कहा। इस बीच ऑपइंडिया ने भी स्कूल से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं हो सकी। हालाँकि इस बीच स्कूल की ओर से एक पत्र सामने आया।
इसमें उन्होंने सनातनियों से माफी माँगते हुए कहा कि स्कूल की सनातन धर्म को नीचा दिखाने की कोई मंशा नहीं थी। अपने पत्र में स्कूल ने बताया कि जो कंटेंट स्टडी मटेरियल में पब्लिश हुआ वो पिंटरेस्ट से लिया गया था।
उन्होंने कहा, “हम सनातन के सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों को समझते हैं और उनका सम्मान करते हैं और हमारे अभियान के कारण हुए किसी भी अपराध या गलतफहमी के लिए हम क्षमा चाहते हैं।” स्कूल के माफी पत्र में कहा गया है, “किसी भी आस्था या प्रथा का अनादर या अवहेलना करना हमारा इरादा नहीं था।”