Thursday, May 9, 2024
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हाई कोर्ट जज के साले को घर से उठाया, बिजली के झटके दे जीजा के खिलाफ बनवाया Video: पाकिस्तान में न्यायपालिका ही माँग रही न्याय, 6 जज बोले- ISI से बचाओ

पत्र में कहा गया कि एक जज के साले को ISI के लोग उठा ले गए थे। उसे बिजली के झटके दिए गए। उससे एक वीडियो बनवाया गया जिसमें वह फर्जी दावे कर रहा था। इसके बाद जज को उस वीडियो के आधार पर इस्तीफ़ा देना पड़ा।

पाकिस्तान के लाहौर हाई कोर्ट के 6 जजों ने एक पत्र लिख कर आरोप लगाया है कि ISI उन पर अपने मन मुताबिक फैसले के लिए उन पर दबाव बना रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जजों के रिश्तेदारों को किडनैप किया जा रहा है और जजों की जासूसी हो रही है। उन्होंने पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा को पत्र लिखा है।

जानकारी के अनुसार, लाहौर हाई कोर्ट के 8 में से 6 जजों ने एक पत्र पाकिस्तान की सुप्रीम जुडिशियल काउंसिल को लिखा है। जस्टिस मोहसिन अख्तर कियानी, जस्टिस तारिक महमूद जहाँगीरी, जस्टिस बाबर सत्तार, जस्टिस एजाज इशाक खान, जस्टिसमुहम्मद ताहिर और जस्टिस समन रिफत इम्तियाज ने इस पत्र में बताया है कि कोर्ट के मामले में लगातार जासूसी एजेंसियाँ दखल दे रही हैं। उन्होंने इस पत्र में 7 घटनाओं का जिक्र किया गया है जब कोर्ट के मामले में ISI ने दखल दिया।

जजों ने कहा है कि जब उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ एक मामले में सही नहीं माना तो उन्हें ISI ने उनके दोस्तों और रिश्तेदारों के जरिए धमकाया। इस मामले में ISI ने भरोसा दिया लेकिन फिर भी धमकियों का दौर जारी रहा। पत्र में कहा गया कि एक जज के साले को ISI के लोग उठा ले गए थे। उसे बिजली के झटके दिए गए। उससे एक वीडियो बनवाया गया जिसमें वह कुछ दावे कर रहा था। इसके बाद जज को उस वीडियो के आधार पर इस्तीफ़ा देना पड़ा।

हाल ही में एक हाई कोर्ट के पूर्व जज के हटाए जाने को भी सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया था। बताया गया कि जज को इसलिए हटाया गया क्योंकि उन्होंने ISI के खिलाफ एक सभा में कुछ बातें कह दी थीं। इसी के कारण उन्हें हटाया गया था। उनके पक्ष में फैसला आने के बाद उन्हें रिटायर्ड जज का दर्जा दिया गया था।

एक और जज के घर में कैमरे लगा दिए गए थे। यहाँ तक कि उसके बेडरूम में भी कैमरे लगे हुए थे। इन कैमरों में उनकी और उनके परिवार की निजी वीडियो रिकॉर्ड थीं। जजों की इस माँग का समर्थन लाहौर बार असोसिशन ने भी किया है। बार असोसिएशन ने कहा है कि इस मामले में निष्पक्ष जाँच हो। बार ने देश भर में हड़ताल की भी धमकी दी है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान में खुफिया एजेंसी ISI लगातार राजनीतिक मामले में दखल देती आई है। ISI पर अपने हिसाब से देश की राजनीति को मोड़ने का आरोप लगता आया है। उस पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भी सत्ता से बाहर करने के आरोप हैं। इससे पहले भी सत्ता परिवर्तन में उसकी भूमिका संदिग्ध रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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