महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की ट्रेनिंग होल्ड कर दी गई है। उन्हें वाशिम के असिस्टेंट कमिश्नर के पोस्ट से तुरंत प्रभाव से हटा दिया है। साथ ही उन्हें मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडिमिनिस्ट्रेशन एकेडमी वापस बुला लिया गया है। उन्हें आधिकारिक तौर पर पत्र भेजकर मसूरी बुलाया गया है, जहाँ 23 जुलाई से पहले उन्हें रिपोर्ट करना होगा। लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडिमिनिस्ट्रेशन अकेडमी ने महाराष्ट्र सरकार को भी सूचित कर दिया है कि पूजा खेडकर की ट्रेनिंग होल्ड कर उन्हें मसूरी तलब किया गया है।
लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी द्वारा पूजा खेडकर को जारी आदेश में कहा गया है, “आपके जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित रखने तथा आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए आपको तुरंत वापस बुलाने का निर्णय लिया है। अतः आपको महाराष्ट्र राज्य सरकार के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से मुक्त किया जाता है। एकेडमी का पत्र इसके साथ संलग्न है। आपको 23 जुलाई, 2024 से पहले एकेडमी में शामिल होने का निर्देश दिया जाता है।”
Maharashtra: Trainee IAS officer Puja Khedkar relieved from District Training Program of State Government of Maharashtra.
— ANI (@ANI) July 16, 2024
The letter from Nitin Gadre, Additional Chief Secretary (P) reads, "…LBSNAA, Mussoorie has decided to keep your District Training Program on hold and… pic.twitter.com/IHXw8ZOhmw
तमाम गड़बड़ियों के संकेत, कार्रवाई तय
बता दें कि अभी तक जहाँ उनकी अनुचित माँगों और शारीरिक दिव्यांगता से जुड़े फर्जी डॉक्यूमेंट के कारण वे सवालों के घेरे में थीं तो वहीं अब मामले में पता चला है कि पूजा खेडकर ने अपनी उम्र को लेकर भी झूठ बोला है। खबरों के मुताबिक पूजा खेडकर ने महज 3 साल के अंतर में दो डॉक्यूमेंट में अपनी उम्र अलग-अलग बताई। इसके मुताबिक उनकी उम्र 3 साल में सिर्फ 1 साल बढ़ी है।
टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने साल 2020 में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल को एक एप्लीकेशन दिया था, जिसमें उनकी उम्र 30 साल और साल 2023 में इस प्रकार के डॉक्यूमेंट में उनकी उम्र 31 साल दिखाई दे रही है। इन्हीं डॉक्यूमेंट को देखते हुए सवाल खड़ा हो रहा है कि जब ऐसा नहीं हो सकता कि दिसंबर 2020 से लेकर 2023 तक में पूजा खेडकर की उम्र केवल 1 साल बढ़ी हो तो इससे तो यही साफ है कि उन्होंने अपनी उम्र को लेकर दस्तावेजों में झूठ बोला है।
इसके अलावा पूजा खेडकर के नाम को लेकर भी बवाल है। उन्होंने साल 2020 में अपने दस्तावेज में अपना नाम डॉ खेडकर पूजा दिलीप राओ बताया था। वहीं 2023 में उन्होंने अपना मिस पूजा मनोरमा लिखा था। वहीं पिता के नाम की स्पेलिंग को भी बदल दिया था। 2023 में उन्होंने नाम उन्होंने ऐसा क्यों किया इसकी छानबीन की जा रही है। उनके नाम में डॉक्टर होने और फिर डॉक्टर हटाने की चर्चा मीडिया में तेज है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया।
बता दें कि इससे पहले जानकारी सामने आई थी कि पूजा खेडकर ने 2007 में एमबीबीएस में एडमिशन लेते समय भी घालमेल किया था। दरअसल, पूजा खेडकर ने एमबीबीएस में ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर के तहत एडमिशन लिया था जबकि उनके माता-पिता प्रशासनिक अधिकारी थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस, एमडी (माइक्रोबायोलॉजी) डॉ. अरविंद वी. भोरे ने दावा किया था कि IAS अधिकारी डॉ पूजा खेडकर ने 2007 में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए ओबीसी सर्टिफिकेट जमा किया था। इस दौरान उन्होंने ओबीसी खानाबदोश जनजाति-3 कैटेगरी के तहत एडमिशन लिया था, जो वंजारी समुदाय के लिए रिजर्व है। एडमिशन के वक्त उन्होंने किसी प्रकार की फिजिकल डिसेबिलिटी को लेकर कोई प्रमाण पत्र नहीं दिया था।