Thursday, October 24, 2024
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अब्दुल हमीद का पड़ोसी, मस्जिद के सामने घर, फिर भी ‘नारा ए तकबीर’ चिल्लाती भीड़ ने संतोष तिवारी को नहीं छोड़ा: बताया- दुर्गा विसर्जन जुलूस में प्रसाद बाँट रहा था, धारदार हथियारों से हुआ हमला

संतोष तिवारी घर तो लौट आए हैं, लेकिन अब भी काफी डरे-सहमे हैं। वे अपने परिवार के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। संतोष का घर उस मस्जिद के ठीक सामने है, जहाँ से मुस्लिमों को उकसाने का आरोप कई पीड़ित हिन्दू लगा चुके हैं। वायरल हो रहे एक वीडियो में मस्जिद के आगे कुछ जलता हुआ दिख रहा है। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों का दावा है कि यह संतोष तिवारी की बाइक हो सकती है।

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महराजगंज में 13 अक्टूबर 2024 को माँ दुर्गा की विसर्जन यात्रा पर मुस्लिम भीड़ द्वारा हमले में राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कई लोग घायल भी हुए थे। घायलों में संतोष तिवारी भी हैं। वे हमले के मास्टरमाइंड अब्दुल हमीद के पड़ोसी हैं। उन्हें इतना मारा गया कि इलाज के लिए लखनऊ जाना पड़ा। हिंसक भीड़ ने उनकी बाइक को भी आग लगा दी थी।

इस घटना को लेकर संतोष तिवारी ने ऑपइंडिया से बातचीत की। संतोष तिवारी और हमलावर अब्दुल हमीद की छत आपस में सटी हुई है। उनका त्रिपाठी डिजिटल सेवा केंद्र नाम से ऑनलाइन सर्विसेज की एक दुकान है। यहाँ वो खसरा-खतौनी आदि के प्रिंटआउट और टाइपिंग आदि करके अपने परिवार का गुजारा करते हैं। घर में पत्नी और एक नाबालिग बेटी है। संतोष ने अपने घर की छत पर भगवा ध्वज लगा रखा है।

बाँट रहे थे प्रसाद, फूँक दी गई बाइक

लगभग 45 साल के संतोष ने बताया कि उनका पूरा परिवार 9 दिनों तक नवरात्रि का व्रत रखता है। घटना के दिन माँ दुर्गा की विसर्जन यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को वो प्रसाद बाँट रहे थे। उन्होंने बताया कि उसी दौरान शोरगुल हुआ और मारपीट होने लगी। मारपीट होता देखकर वे अपने घर में घुस गए और अंदर से गेट बंद कर दिया। तभी किसी ने चिल्लाकर बताया कि उनकी बाइक को आग लगा दी गई है।

संतोष बताते हैं कि इस बात की जाँच करने के लिए वे घर से बाहर निकले तो देखा कि उनकी बाइक धू-धू करके जल रही है। अपनी जलती बाइक को बचाने के लिए वे जैसे आगे बढ़े, मुस्लिम भीड़ ने उन्हें घेर लिया और उन पर हमला शुरू कर दिया गया। हमलावरों के हाथों में लाठी-डंडे और धारदार हथियार थे। वो अपने घर की तरफ भागे, लेकिन हिंसक भीड़ ने उनको घसीट लिया और बेरहमी से पीटने लगी।

नारा ए तकबीर चिल्ला रही थी भीड़

संतोष तिवारी आगे बताते हैं कि उन्हें पीट रही भीड़ में शामिल किसी भी व्यक्ति से उनकी ना ही कोई दुश्मनी थी और ना ही जान-पहचान। बकौल संतोष, उन्हें पीटने वाली भीड़ ‘नारा ए तकबीर…’ के नारे लगा रही थी। इस दौरान छतों से पथराव भी हो रहा था। संतोष ने बताया कि पिटाई के बाद वे बेहोश हो गए। संतोष तिवारी का मानना है कि मुस्लिमों की भीड़ ने उन्हें मरा समझकर छोड़ दिया था।

आखिरकार संतोष के परिजनों ने उन्हें घर के अंदर खींच लिया। थोड़ी देर बाद घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल पहुँचा। इसके बाद एम्बुलेंस को बुलाया गया। उनके सिर सहित कई जगह पर चोट लगी थी। घायल अवस्था में हिन्दू उन्हें स्थानीय अस्पताल ले गया, जहाँ से जिले के मेडिकल कॉलेज में भेज दिया गया। यहाँ के डॉक्टरों ने भी उनकी हालत को देखते हुए लखनऊ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।

घायल संतोष तिवारी को अस्पताल ले जाती एम्बुलेंस

मस्जिद के सामने ही है संतोष तिवारी का घर

संतोष तिवारी हमें बताते हैं कि अगर लखनऊ पहुँचने में देर हो जाती तो उनकी जान चली जाती। इलाज के दौरान यह भी पता चला कि उन्हें सिर में चोट है। संतोष तिवारी ने इलाज के दौरान उनकी खींचीं गई कई तस्वीरों को ऑपइंडिया के साथ साझा किया। इनमें से एक तस्वीर में संतोष तिवारी के मुँह पर ऑक्सीजन मास्क लगा हुआ है। इलाज के बाद संतोष फिलहाल घर वापस लौट आए हैं।

संतोष तिवारी घर तो लौट आए हैं, लेकिन अब भी काफी डरे-सहमे हैं। वे अपने परिवार के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। संतोष का घर उस मस्जिद के ठीक सामने है, जहाँ से मुस्लिमों को उकसाने का आरोप कई पीड़ित हिन्दू लगा चुके हैं। वायरल हो रहे एक वीडियो में मस्जिद के आगे कुछ जलता हुआ दिख रहा है। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों का दावा है कि यह संतोष तिवारी की बाइक हो सकती है।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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