Saturday, November 2, 2024
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‘कार्यकर्ताओं के कहने पर गई मंदिर, पूजा-पाठ नहीं की’ : फतवा जारी होते ही सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने की तौबा, पार्टी वाले वीडियो शेयर बता रहे थे सेकुलरिज्म की मिसाल

अपने खिलाफ फतवा आने के बाद नसीम सोलंकी ने साफ तौर पर कहा कि उन्होंने महादेव के मंदिर में कोई पूजा अर्चना नहीं की थी। बकौल नसीम सोलंकी उनके मंदिर में जाने की वजह बस इतनी थी कि उनके साथ मौजूद कार्यकर्ताओं ने उनसे कह दिया कि आज दीपावली है और वो दीया जला कर लोगों को त्यौहार की शुभकामनाएँ दे दें।

समाजवादी पार्टी की नेत्री और कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट से प्रत्याशी नसीम सोलंकी के खिलाफ फतवा जारी हुआ है। यह फतवा एक मंदिर में उनके द्वारा पूजा-अर्चना करने के बाद जारी हुआ है। फतवे में बुतपरस्ती को इस्लाम में हराम बताते हुए नसीम सोलंकी से तौबा करने के लिए कहा गया है। यह फतवा बरेली के मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने शुक्रवार (1 नवंबर 2024) को जारी किया है। हालाँकि फतवा जारी होने के बाद सपा प्रत्याशी मंदिर में पूजा करने के समाजवादी पार्टी के तमाम नेताओं के दावों से पलट गईं हैं। उन्होंने कहा कि वो मंदिर में अपने कार्यकर्ताओं के कहने पर गई थीं।

क्या कहा मौलाना ने

फतवा जारी करने के बाद ऑपइंडिया को भेजे गए वीडियो संदेश में मौलाना ने फतवा देने की वजह को विस्तार से बताया है। मौलाना शहाबुद्दीन से किसी ने सवाल किया था कि अगर कोई मुस्लिम महिला मंदिर में पूजापाठ कर रही हो तो उसके बारे में शरीयत क्या कहती है ? मौलाना ने इसके जवाब में कहा, “शरीयत ए इस्लामिया का नजरिया है ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मद रसूलुल्लाह। नहीं है कोई माबूद सिवाय अल्लाह के। यानी पूजने के लायक सिर्फ खुदा है।”

मौलाना ने अपने बयान में आगे मोहम्मद को अंतिम नबी बताया। उन्होंने आगे कहा, “इस्लाम में मूर्ति पूजा हराम है। कोई भी शख्स महिला हो या पुरुष, अगर वो अपनी मर्जी से, राजी ख़ुशी से पूजा अर्चना या जलभिषेषक करती है, तो उस पर अगर वो जानबूझ कर करती है तो सख्त हुक्म है। अगर वो अनजाने में या किस के दबाव में करती है तो उस पर सिर्फ तौबा का हुक्म है।” मौलाना शहाबुद्दीन ने शिवलिंग पर जल चढ़ाने वाली मुस्लिम महिला को शरीयत की नजर में मुजरिम बताया है।

नसीम सोलंकी को फ़ौरन तौबा करने का फतवा देते हुए शहाबुद्दीन ने आगे कहा कि आइंदा भविष्य में वो दोबारा ऐसा कभी न करें। उन्होंने कहा, “जिस से उसका ईमान, उसका इस्लाम खतरे में पड़ जाए। शहाबुद्दीन की तरफ से सपा कैंडिडेट नसीम सोलंकी को दुबारा से कलमा पढ़ने की भी नसीहत दी गई है। बताते चलें कि अक्सर अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहने वाले मौलाना शहाबुद्दीन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। वो मौलाना के साथ मुफ़्ती भी हैं।

‘मैंने कोई पूजा नहीं की वहाँ, आगे से ध्यान भी रखेंगे’

अपने खिलाफ फतवा आने के बाद नसीम सोलंकी की सफाई भी आ गई। नसीम सोलंकी ने साफ तौर पर कहा कि उन्होंने महादेव के मंदिर में कोई पूजा अर्चना नहीं की थी। बकौल नसीम सोलंकी उनके मंदिर में जाने की वजह बस इतनी थी कि उनके साथ मौजूद कार्यकर्ताओं ने उनसे कह दिया कि आज दीपावली है और वो दीया जला कर लोगों को त्यौहार की शुभकामनाएँ दे दें। खुद के खिलाफ जारी फतवे का सम्मान करते हुए नसीम ने कहा है कि वो आगे से ध्यान रखेंगी।

नसीम सोलंकी ने यह माना कि उनके मज़हब में बुत (मूर्ति) पूजा नहीं होती है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने कोई भी नसीम ने अपनी इच्छा नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं की सलाह बताया है। उन्होंने कहा कि वो कोई धर्म अपना नहीं रहीं हैं अलबत्ता वो सबका सम्मान करती हैं। नसीम ने भविष्य में गुरूद्वारे और चर्च भी जाने की बात कही है।

वामपंथियौं और समाजवादियों ने बताना चाहा था भाईचारा

भले ही नसीम सोलंकी मंदिर में पूजा करने के तमाम प्रचार से अचानक मुकर गईं लेकिन उस से पहले उनकी शान में कसीदे गढ़े जा चुके थे। वामपंथी और समाजवादी मानसिकता वाले हैंडलों ने समाजवाद को ही देश के विकास का रास्ता बताना शुरू कर दिया था। फ़िलहाल नसीम सोलंकी के मुकर जाने के बाद इन हैंडलों से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

खुद की लगाई आग में जल रही है सपा

इस बीच नसीम सोलंकी के खिलाफ जारी हुए फतवे पर भारतीय जनता पार्टी ने तंज कसा है। भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने मज़हबी कट्टरता की जो आग लगाई थी उसमें वो अब खुद ही जल रही है। बकौल राकेश त्रिपाठी फतवा जारी करने वालों का मनोबल सपा जैसी ही पार्टियों की वजह से बढ़ता है। भाजपा प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अब ये समझ लेना चाहिए कि मज़हबी कट्टरता से किसी का भी भला नहीं होने वाला है।

मंदिर का हुआ शुद्धिकरण

नसीम सोलंकी के जाने के बाद तमाम श्रद्धालुओं ने मंदिर का शुद्धिकरण किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुए इस शुद्धिकरण के लिए हरिद्वार से 1 हजार लीटर जल मंगवाया गया। हर हर महादेव के नारों के बीच पुजारी ने सनातन के शत्रुओं के विनाश की कामना की।

बताते चलें कि दीपावली को समाजवादी पार्टी की सीसामऊ से प्रत्याशी नसीम सोलंकी अपने समर्थकों सहित चुनाव प्रचार कर रहीं थीं। इस दौरान वो रास्ते में पड़ने वाले एक मंदिर में रुकी। उन्होंने शिवलिंग पर जल चढ़ाया और वायरल वीडियो में उनको हाथ भी जोड़े देखा गया। हालाँकि फिलहाल नसीम सोलंकी पूजा करने के तमाम सपा नेताओं के दावों से साफ पलट चुकी हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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