Sunday, December 22, 2024
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हैदराबाद एनकाउंटर की जाँच शुरू: NHRC की टीम पहुँची शादनगर, केंद्र ने KCR सरकार से माँगी है विस्तृत रिपोर्ट

एनएचआरसी की टीम ने महबूबनगर के उस सरकारी अस्पताल का भी दौरा किया, जहाँ चारों आरोपितों के शव पोस्टमॉर्टम के बाद रखे गए हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने राज्य शासन से भी हिरासत में मुठभेड़ का मामला देखते हुए विस्तृत रिपोर्ट की माँग की है।

हैदराबाद में पशु चिकित्सक डॉ. ‘प्रीति’ (बदला हुआ नाम) रेड्डी के गैंगरेप और हत्या के आरोपितों के कथित एनकाउंटर की जाँच करने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम शादनगर पहुँच गई है। हैदराबाद के पास स्थित शादनगर डॉ. प्रीति की गैंगरेप के बाद हत्या, और उनके हत्यारोपितों चेन्नाकेशवुलु, जोल्लू नवीन, जोल्लू शिवा, और मो. आरिफ़ के कथित एनकाउंटर, दोनों ही वारदातों का घटनास्थल है।

शादनगर पुलिस थाने में इस घटना की तहरीर स्थानीय एसीपी ने दर्ज की है। रिपोर्ट्स के अनुसार, हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और हत्या के चारों आरोपित शुक्रवार को पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। इस मामले में तहरीर दर्ज की गई है। शादनगर के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) ने शिकायत दर्ज की है। शादनगर पुलिस स्टेशन में भी कंप्लेन दर्ज की गई है। हैदराबाद एनकाउंटर मामले की जाँच शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि एनएचआरसी की टीम ने महबूबनगर के उस सरकारी अस्पताल का भी दौरा किया, जहाँ चारों आरोपितों के शव पोस्टमॉर्टम के बाद रखे गए हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने राज्य शासन से भी हिरासत में मुठभेड़ का मामला देखते हुए विस्तृत रिपोर्ट की माँग की है।

गौरतलब है कि कल (6 दिसंबर, 2019 को) सुबह-सुबह साइबराबाद पुलिस ने दावा किया था कि डॉ. ‘रेड्डी के गैंगरेप और हत्या के चारों आरोपित पुलिस के साथ एनकाउंटर में मारे गए। अपनी ही हिरासत में पहले से मौजूद अभियुक्तों के एनकाउंटर के बारे में साइबराबाद के पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनर ने कहा कि मूल वारदात के घटनाक्रम को सूक्ष्मता से समझने के लिए पुलिस चारों आरोपितों को तड़के सुबह घटनास्थल पर लेकर गई थी। वहॉं उन्होंने पहले पुलिस पर लाठियों से हमला कर दिया और इसके बाद पुलिस के हथियार छीन उन पर फायरिंग की। पुलिस को आत्मरक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई में उनको गोली मारनी पड़ी।

जहाँ देश की अधिकांश जनता ने इस घटना पर खुशी जाहिर की है, वहीं कॉन्ग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर समेत कुछ लोगों ने इस मुठभेड़ के तरीके पर सवाल खड़े किए थे। इसके बीच एनएचआरसी ने इस घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए एनकाउंटर की जाँच की घोषणा की थी।

इसके पहले इन चारों के ख़िलाफ़ त्वरित और सख्त कार्रवाई करने के लिए जनाक्रोश उबल पड़ा था। न केवल कई स्थानीय अदालतों की बार काउंसिलों और एसोसिएशनों ने इनकी पैरवी न करने की हिदायत और अपील अपने सदस्यों से की थी, बल्कि इस भयावह हत्याकाण्ड से बिफ़री जनता इन्हें खुद मौत के घाट उतारने के लिए पुलिस थाने के बाहर इकठ्ठा हो गई थी, जिसके बाद पुलिस ने आक्रोशित भीड़ को भगाने के लिए लाठीचार्ज भी किया था।

आज चेन्नाकेशवुलु की विधवा ने अपने पति के अंतिम संस्कार से इंकार कर दिया है। कथित तौर पर पुलिस पर हमला करने और हिरासत से फ़रार होने की कोशिश में मारे गए अपने पति को दफ़नाने से मना करते हुए पत्नी ने माँग की है कि जैसे पहले उनके पति और अन्य आरोपितों को पुलिस ने गोली मारी, वैसे ही जेलों में बंद सभी आरोपितों को गोली मारी जाए। “जेलों में ऐसे कितने ही बंद हैं जिन्होंने गलतियाँ की हैं। उन्हें भी उसी तरह गोली मारी जानी चाहिए जैसे इन्हें (डॉ. ‘प्रीति’ रेड्डी के गैंगरेप और हत्या के आरोपितों) को मारी गई। हम तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। हम वह तभी करेंगे जब पहले ऐसा कर दिया जाए।” गर्भवती पत्नी कुछ अन्य के साथ नारायणपेट जिले स्थित अपने गाँव में इस माँग को लेकर धरने पर बैठी हुईं हैं। उनका आरोप है कि उनके पति के साथ अन्याय हुआ है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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