Sunday, May 5, 2024
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‘नीतीश कुमार मेरे पैसे और 3 दिन वापस कर दें’ – सिपाही परीक्षा के पेपर लीक पर चयन परिषद का इनकार

बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक संबंधी जो जानकारी सोनु को मिली थी, वो गलत जानकारी है। सिपाही चयन परिषद और पुलिस मुख्यालय ने ऐसी किसी घटना के होने से इनकार किया है।

बिहार में नीतीश सरकार इस समय दोबारा सत्ता पाने के लिए आरजेडी के ख़िलाफ़ पोस्टर वॉर छेड़े हुए है। साफ शब्दों में कहें तो जदयू इस समय राज्य में प्रशासन, व्यवस्था, विकास, पर बात करने से ज्यादा बिहार की जनता को लालू राज का खौफ़ याद दिलाकर खुद को बेहतर बताने में प्रयासरत है। लेकिन इसी बीच नीतीश कुमार के सुशासन की पोल खुल गई है। सोनु नाम के एक लड़के ने ट्विटर पर नीतीश सरकार की पोल खोली है। सोनु ने बताया है कि किस तरह सरकारी नौकरी के काबिल होने के बाद भी नीतीश सरकार की कुव्यवस्था के कारण उन्हें प्रताड़ित होना पड़ा। किस तरह बिहार में सिपाही परीक्षा अच्छे से देने के बाद भी उसमें चुने जाने की उनकी उम्मीदें चूर-चूर हो गईं।

सोनु ने ट्विटर पर आपबीती साझा करते हुए बताया कि बिहार पुलिस कॉन्स्टेबल की परीक्षा देने वो अपने घर से 300 किलोमीटर दूर मधुबनी गए थे। उन्हें परीक्षा भवन से निकलने के बाद भी यकीन था कि उनकी परीक्षा इतनी अच्छी गई है कि वे इसे पास कर लेंगे। उनके आस-पास छात्रों की भारी भीड़ थी। लेकिन फिर भी इतना कॉम्पिटीशन देखकर वे हताश नहीं थे। वे खुश थे कि बिहार में बहुत दिन बाद नौकरी के लिए कोई परीक्षा हुई।

उनके मुताबिक उस दिन इतनी भीड़ थी कि शायद ही किसी दुकान-होटल में खाना बचा हो। हो सकता है इसलिए उन्हें उस दिन खाने के लिए भटकना पड़ा। लेकिन 300 किलोमीटर दूर सफर तय करने के बाद भी उनके मन को परीक्षा अच्छी होने की इतनी खुशी थी कि उन्हें खाना न मिलने का भी कोई दु:ख नहीं था। घर जाने के लिए वह स्टेशन पहुँचे, लेकिन वहाँ भी ट्रेन 3 घंटे लेट थी। वे वहीं बैठे रहे।

सोनु के मुताबिक, स्टेशन पर भी उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। वे इस बीच न ही ट्रेन की भीड़ पर गौर कर रहे थे और न ही पेट की भूख पर। लेकिन अफसोस! कुछ ही देर में उनकी ये खुशी गायब हो गई। उन्हें पता चला कि नीतीश कुमार के शिक्षा विभाग ने खुद बताया है कि बिहार पुलिस के पेपरों के उत्तर परीक्षा से पहले ही Whatsapp पर आ गए थे। उनके मुताबिक परीक्षा का समय 2 बजे और पेपर का उत्तर 1 बजे Whatsapp पर आ गया था। हालाँकि सोनु को जो जानकारी मिली थी, वो गलत जानकारी है। सिपाही चयन परिषद और पुलिस मुख्यालय ने ऐसी किसी घटना के होने से इनकार किया है।

हालाँकि, किसी की गलती के कारण अपनी मेहनत को धराशायी होता देख भी वो टूटे नहीं। उनका कहना है कि उन्हें नीतीश कुमार से दिक्कत भी नहीं है। सिर्फ़, सरकार उनके फॉर्म भरने के पैसे और उनका 3 दिन का समय वापस कर दे। उन्होंने लिखा, “जहाँ तक बात रही नौकरी की, तो मुझमें उतनी प्रतिभा है कि मैं दूसरी नौकरी निकाल लूँगा। बाकी नीतीश कुमार आप अपनी नौकरी रखो, अपने कार्यकर्ता को दे देना।”

अपने गुस्से को जाहिर करते हुए उन्होंने ट्वीट किया, “नौकरी बेचना ही है तो खुलकर बेचो। पेपर घर भेज दो। यूँ फालतू में मुझ जैसे गरीब छात्रों को उतने दूर परीक्षा केंद्र पर बुलाकर समय बर्बाद न करो। आशा करता हूँ कि मेरी बात आप तक पहुँचेगी।”

गौरतलब है कि सोनु के जैसे कई हजार-लाख लड़कों ने कल नीतीश कुमार को, उनकी प्रशासन व्यवस्था के लिए कोसा होगा। क्योंकि कल जब कई दिनों बाद बिहार में राज्य पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा हुई, तो भारी संख्या में अभ्यार्थी आम यात्रियों के साथ रेलवे स्टेशन पर दिखाई दिए। लेकिन दुखद ये रहा कि प्रशासन और रेलवे की तरफ से इस स्थिति से निपटने के लिए कोई पुख़्ता इंतज़ाम नहीं किया गया और ना ही कोई विशेष ट्रेन चलाई गई। ऐसा न होने से यात्रियों और अभ्यर्थियों को आवाजाही में काफ़ी दिक्कतें हुईं। उन्हें अपने गंतव्य तक पहुँचने के लिए वाहन नहीं मिले। नतीजतन, हाजीपुर स्टेशन से गुजर रही राजधानी एक्सप्रेस पर भी अभ्यर्थियों का ग़ुस्सा फूटा। इस दौरान उन्होंने ट्रेन पर जमकर पत्थरबाज़ी की। इससे ट्रेन के शीशे टूट गए और उसमें सवार यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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