Sunday, September 8, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकसोशल मीडिया फ़ैक्ट चेकरूस में लोगों को घर में रखने के लिए पुतिन ने सड़क पर छोड़े...

रूस में लोगों को घर में रखने के लिए पुतिन ने सड़क पर छोड़े 500 शेर? कोरोना से बचाव के लिए लिया फ़ैसला?

जैसे ही इस पोस्ट को ट्विटर पर डाला गया, लोगों ने इसे लेकर चर्चा शुरू कर दी। कई लोग इस फेक ख़बर के झाँसे में आ भी गए। जहाँ एक तरफ कुछ लोगों ने पुतिन की आलोचना करते हुए पूछा कि अगर शेर ने किसी बच्चे को नुकसान पहुँचाया तो, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों ने इसे एक 'साहसी निर्णय' बताते हुए इसकी तारीफ की। जबकि....

एक तस्वीर को ब्रेकिंग न्यूज़ बता कर शेयर किया जा रहा है। इसमें सड़क पर एक शेर घूमता हुआ दिख रहा है। बताया जा रहा है कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिस पुतिन ने लोगों को घर में रखने के लिए ये तरीका आजमाया है। तस्वीर के साथ कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस के बढ़ते ख़तरे के मद्देनज़र लोग सेल्फ-क्वारंटाइन में रहें, इसीलिए पुतिन ने लोगों के भीतर डर बैठाने के लिए ये तरीका आजमाया है। ये भी दावा किया जा रहा है कि रूस में ऐसे 500 शेर सड़कों पर खुले छोड़ दिए गए हैं।

इस तस्वीर को ऐसा बनाया गया है ताकि देख कर प्रतीत हो कि ये किसी टीवी न्यूज़ चैनल पर चल रहे ‘लाइव’ न्यूज़ का स्क्रीनग्रैब है। बता दें कि रूस में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है और न ही ऐसा कुछ करने का निर्णय लिया गया है। जो तस्वीरें शेयर की जा रही हैं, वो दक्षिण अफ्रीका स्थित जोहान्सबर्ग की है। ये तस्वीरें ताज़ी भी नहीं हैं। ये 2016 की है। इस वायरल पोस्ट को एक मोबाइल ऐप के जरिए बनाया गया है। आप देख सकते हैं कैसे इस पोस्ट को शेयर कर के लोगों को भ्रमित किया जा रहा है:

जैसे ही इस पोस्ट को ट्विटर पर डाला गया, लोगों ने इसे लेकर चर्चा शुरू कर दी। कई लोग इस फेक ख़बर के झाँसे में आ भी गए। जहाँ एक तरफ कुछ लोगों ने पुतिन की आलोचना करते हुए पूछा कि अगर शेर ने किसी बच्चे को नुकसान पहुँचाया तो, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों ने इसे एक ‘साहसी निर्णय’ बताते हुए इसकी तारीफ की। जबकि या तस्वीर तो सच्ची है लेकिन इसे लेकर शेयर की जा रही ख़बर झूठी है।

दक्षिण अफ्रीका का शेर ‘कोलम्बस’ वाले तस्वीर की सच्चाई

अब इस तस्वीर की सच्चाई जानते हैं। इसे अप्रैल 15, 2016 में ‘न्यू यॉर्क टाइम्स’ ने शेयर किया था। ख़बर के अनुसार, तस्वीर में दिख रहे शेर का नाम ‘कोलंबस’ है जिसे जोहान्सबर्ग स्थित पार्क से एक फ़िल्म की शूटिंग के लिए लाया गया था। उसी दौरान उसे सड़क पर छोड़ा गया था, जो फ़िल्म शूटिंग का ही हिस्सा था। ‘डेली मेल’ ने भी ये ख़बर उस दिन शेर कोलम्बस की तस्वीर के साथ शेयर की थी। दक्षिण अफ्रीका के स्थानीय न्यूज़ पोर्टलों ने भी इस ख़बर को प्रकाशित किया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -