महाराष्ट्र के पालघर मे हुई साधुओं की हत्या ने सभी का दिल दहला दिया हैं। जहाँ एक तरफ लोग इस पर सख्त क़ानूनी कार्यवाही चाहते है। वहीं कुछ लोग इसे सांप्रदायिकता का रंग देने मे चूक नही रहे। रेडियो मिर्ची आरजे फहाद जो रेडियो मिर्ची यूएई पर ‘पुरानी जीन्स’ होस्ट करते हैं, उन्होंने महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की लिंचिंग को सांप्रदायिक रंग देने के लिए ट्विटर का सहारा लिया।
If initial fire in your distant neighborhood was not cheered and clapped from your balcony and you had poured a bucket of water then and there, the fire would have not reached your doorstep. It’s too late now.
— RJ Fahad (@rjfahad) April 20, 2020
“यहाँ पर सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है”#Palghar #Lynching
आरजे फहाद ने आरोप लगाया कि पहले अगर मुस्लिमों की लिंचिंग पर निंदा होती, तो 16 अप्रैल की रात हो सकता है पालघर में साधुओं की भीड़ द्वारा लिंचिंग नहीं की जाती। खुद को “नेहरूवादी” मानने वाले, आरजे फहाद ने दोहराया की भीड़ को उकसाकर साधुओं को पीटा जाना और पुलिस का मूक खड़े हो तमाशा देखना। सिर्फ़ मुस्लिमो की लिंचिंग की वजह से ये हुआ है।
दहला देने वाला घटनाक्रम!200 लोगों की भीड़ टूट पड़ी।पालघर में फ़्लैशलाइट दिखा-दिखाकर पहले गाड़ी पर बड़े बड़े पत्थरों से हमला किया।फिर गाड़ी से खींचकर निकाला और लाठियों से पीट-पीट कर जान ले ली।पुलिस ने आख़िर भीड़ के हवाले करने की बजाए गाड़ी में बिठाकर वहाँ से क्यों नहीं रवाना किया? https://t.co/MiGSZyvsAI pic.twitter.com/8jYjwMhLOD
— Anjana Om Kashyap (@anjanaomkashyap) April 20, 2020
विडंबना यह है कि बर्बर घटना को सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि इस घटना का कोई सांप्रदायिक रुप नहीं था। क्योंकि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने दावा किया कि पीड़ित और अपराधी दोनों एक ही धर्म के थे।
The Palghar victim and Palghar perpetrators were not from different religion.#NoCommunalAngle
— RJ Fahad (@rjfahad) April 19, 2020
PASS IT ON https://t.co/enb7tsA824
रेडियो मिर्ची के आरजे और उनकी इस्लामिक विचारधारा
रेडियो मिर्ची आरजे फहाद इस्लामवादी विचारधारा को प्रदर्शित करने वाले एकमात्र व्यक्ति नहीं हैं। उनकी सहयोगी, आरजे सायमा ने भी कोरोनोवायरस प्रकोप के बीच तब्लीगी जमात के सदस्यों के खिलाफ दुर्व्यवहार के आरोपों का बचाव किया है। उन्होंने नर्सों के साथ छेड़छाड़ और डॉक्टरों पर हुई पत्थरबाजी को ‘फेक न्यूज़’ कहकर इन आरोपों को पहले ही सिरे से खारिज कर दिया था। इससे पहले, सायमा ने कैब विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर भीड़ जुटाने के लिए लोगों को उकसाया था। उसने दिल्ली में एंटी-सीएए हिंसा को भी सही ठहराया था। क्योंकि उस वक़्त सभी मुस्लिम चुप थे जब अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जब जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाया गया।
एक और पूर्व रेडियो मिर्ची वीपी आकाश बनर्जी फर्जी वीडियो फैलाते हुए पकड़ा गया था