Thursday, May 2, 2024
Homeदेश-समाजबंगाल: कोरोना संकट के बीच 354 नर्सों ने निजी अस्पतालों से दिया इस्तीफा, अपने...

बंगाल: कोरोना संकट के बीच 354 नर्सों ने निजी अस्पतालों से दिया इस्तीफा, अपने गृह राज्यों को लौटीं

बंगाल से इस सप्ताह की शुरुआत में करीब 185 नर्सें मणिपुर रवाना हुईं। शनिवार को 169 नर्सों ने नौकरी छोड़ दी। इनमें 92 मणिपुर, 43 त्रिपुरा, 32 ओडिशा और दो झारखंड की रहने वाली नर्सें अपने घरों के लिए लौट गईं।

पश्चिम बंगाल में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच हफ्तेभर में 300 से अधिक नर्सों ने निजी अस्पतालों से इस्तीफा दिया है। त्यागपत्र देने वाली मणिपुर समेत देश के अन्य हिस्सों की नर्सें अपने घरों के लिए लौट गई हैं। इसके बाद राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के चरमराने का अंदेशा बढ़ गया है।

स्वराज्य की रिपोर्ट के मुताबिक निजी अस्पतालों के सूत्रों ने बताया कि इस सप्ताह की शुरुआत में करीब 185 नर्सें मणिपुर रवाना हुईं। शनिवार (16 मई, 2020) को 169 नर्सों ने नौकरी छोड़ दी। इनमें 92 मणिपुर, 43 त्रिपुरा, 32 ओडिशा और दो झारखंड की रहने वाली नर्सें अपने घरों के लिए लौट गईं।

अब इस मामले को लेकर एसोसिएशन ऑफ हॉस्पिटल्स ऑफ ईस्टर्न इंडिया (एएचईआई) ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को पत्र लिखा है और इस मामले में हस्तक्षेप करने की माँग की है। एचईआई अध्यक्ष प्रदीप लाल मेहता ने मुख्य सचिव को लिखे अपने पत्र में कहा है कि वे क्यों जा रही हैं, इसकी सही वजह नहीं पता। फिर भी हमने अन्य नर्सों से पता किया कि मणिपुर सरकार उन्हें आकर्षक पेशकश कर रही है।

वहीं मणिपुर के मुख्यमंत्री नांगथोमबम बीरेन सिंह ने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से इस तरह की कोई सलाह जारी नहीं की गई। उन्होंने कहा, “हम किसी को वापस आने को नहीं बोल रहे हैं। कोलकाता, दिल्ली और चेन्नई में मरीजों की सेवा करते हुए हम उन पर गर्व महसूस करते हैं। हमने पहले ही कहा था कि कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए उन्हें मुआवजा देंगे और पुरस्कृत करेंगे।”

मणिपुर रवाना होने वाली एक नर्स ने कहा, “सुरक्षा चिंताओं और माता-पिता के दबाव की वजह से हम नौकरी छोड़ रहे हैं। माता-पिता चिंतित हैं और हम तनावग्रस्त हैं, क्योंकि यहाँ मामले हर दिन बढ़ रहे हैं। हमारा हरा-भरा राज्य है और हम वापस जाने की इच्छा रखते हैं। हमारी सरकार मदद कर रही है। परिवार और माता-पिता हमारी प्राथमिकता हैं।”

एक निजी अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पहले से ही अस्पतालों में नर्सों की कमी है और ऐसे में इन नर्सों के चले जाने से एक बड़ी समस्या पैदा होगी।

आपको बता दें कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल में कोरोना से मरने वालों की संख्या 232, जबकि इससे संक्रमित लोगों की संख्या 2576 हो गई है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

TV पर प्रोपेगेंडा लेकर बैठे थे राजदीप सरदेसाई, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने निकाल दी हवा: कहा- ये आपकी कल्पना, विपक्ष की मदद की...

राजदीप सरदेसाई बिना फैक्ट्स जाने सिर्फ विपक्ष के सवालों को पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त से पूछे जा रहे थे। ऐसे में पूर्व सीईसी ने उनकी सारी बात सुनी और ऑऩ टीवी उन्हें लताड़ा।

बृजभूषण शरण सिंह का टिकट BJP ने काटा, कैसरगंज से बेटे करण भूषण लड़ेगे: रायबरेली के मैदान में दिनेश प्रताप सिंह को उतारा

भाजपा ने कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट दिया। उनकी जगह उनके बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दिया गया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -