Saturday, May 18, 2024
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विपक्षी नेताओं, वामपंथी पत्रकारों ने AIIMS में घटिया PPE किट-मास्क को लेकर फैलाया था फेक न्यूज़: PIB फैक्ट चेक में खुलासा

CNN न्यूज 18 के पत्रकार रुनझुन शर्मा ने डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के देखभाल को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से भेजे गए सेफ्टी इक्विपमेंट के स्टैंडर्ड को लेकर सरकार की नाकामयाबी को दर्शाते हुए फेक न्यूज़ फैलाया था जिसे गलत साबित होने के बाद डिलीट कर दिया।

दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में 50 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों का कोरोना पॉजिटिव मिलना किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है। क्योंकि इसने इस संक्रमण की महामारी से जूझते हुए हमारे फ्रंट लाइन वारियर्स को भी अपनी चपेट में ले लिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, एम.बी.बी.एस के छात्र, रेजिडेंट डॉक्टर, मेस वर्कर्स, नर्सेस और अटेंडेंटस सभी कोरोनावायरस संक्रमण के शिकार हुए है।

जहाँ एक तरफ फ्रंट लाइन वर्कर्स निःस्वार्थ भाव से बिना थके, बिना रुके देश में संक्रमण की बढ़ती संख्या को रोकने में मदद कर रहें हैं। वहीं कुछ ऐसे लोग हैं जो केंद्र सरकार को नीचा दिखाने और उग्र महामारी से निपटने में सरकार के प्रयासों को विफल करने के लिए तमाम असत्यापित और कथित रूप से फर्जी खबरों का फैलाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे तथाकथित पत्रकार, लिबरल गैंग के लोग फेक न्यूज़ फैलाने में जी-जान से लगे हैं।

पत्रकार रुनझुन शर्मा ने कल (29मई,2020) एक ट्वीट किया था। जिसमें एम्स के डॉक्टरों को कोट करते हुए लिखा था, कि उन्हें दिए जा रहे एन 95 मास्क और पीपीई की गुणवत्ता को लेकर वो सभी परेशान है। डॉक्टरों ने कथित तौर पर इंटरव्यू में दावा किया कि उन्हें जो मास्क और पीपीई प्रदान किए गए थे, वे बुनियादी MoHFW सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करते थे और इन पर आवाज उठाना एफआईआर और अपने करियर के खतरे में डालना है।

हालाँकि, पीआईबी ने पत्रकार रुनझुन के दावे को खारिज करते हुए दावा किया कि एम्स के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को दिए गए उपकरणों की गुणवत्ता स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करती है। जिनका मूल्यांकन स्वयं एम्स समिति द्वारा प्रमाणित किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि 95 प्रतिशत से अधिक कोरोनोवायरस मामलों में रोगी देखभाल करने से ट्रांसमिशन का कोई सबूत नहीं मिला है।

पीआईबी की आधिकारिक फैक्ट-चेकिंग के तुरंत बाद ही सीएनएन न्यूज 18 के पत्रकार रुनझुन शर्मा ने अपने ऑरिजिनल ट्वीट को हटा दिया।

CNN न्यूज 18 के पत्रकार रुनझुन शर्मा ने डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के देखभाल को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से भेजे गए सेफ्टी इक्विपमेंट के स्टैंडर्ड को लेकर सरकार की नाकामयाबी को दर्शाते हुए फेक न्यूज़ ट्वीट किया था जिसे गलत साबित होने के बाद डिलीट कर दिया। लेकिन, ट्वीट हटाए जाने से पहले कई विपक्षी सांसदों, विधायकों, अभिनेताओं और पत्रकारों सहित कई प्रमुख हस्तियों द्वारा उस फर्ज़ी ट्वीट को शेयर किया गया था।

पत्रकार फेय डी सूजा, जिनकी केंद्र सरकार के खिलाफ पूर्वाग्रह जगजाहिर है, उन्होंने रुनझुन के ट्वीट को “अविश्वसनीय” टिप्पणी के साथ रीट्वीट करते हुए इसी झूठ को बढ़ावा दिया।

राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी सीएनएन न्यूज 18 के पत्रकार द्वारा पोस्ट की गई फर्जी खबर को अपनी टिप्पणी के साथ रीट्वीट किया। और इस फर्जी घटना पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए, सवाल उठाया कि स्वास्थ्य मंत्री क्या कर रहे हैं।

अभिनेता से नेता बनी मिमी चक्रवर्ती, जो कि जादवपुर निर्वाचन क्षेत्र से तृणमूल कॉन्ग्रेस की सांसद हैं। उन्होंने एम्स के स्वास्थ्य कर्मियों के बीच फैले कोरोनोवायरस को लेकर पीएम मोदी पर कटाक्ष किया।

मिमी ने फर्ज़ी खबर को कोट करते हुए भारतीय पीएम और कनाडाई पीएम के बीच तुलना की। उन्होंने कहा कि कनाडाई पीएम ने सभी डॉक्टरों और हेल्थकेयर कर्मचारियों के लिए सुरक्षात्मक गियर और डबल वेतन सुनिश्चित किया, जबकि भारतीय पीएम ने भारतीयों को बर्तन बजाने, दीया जलाने और भारतीयों से आत्मनिर्भर बनने का आग्रह किया।

एक अन्य टीएमसी सांसद नुसरत जहाँ, जिन्होंने हाल ही में कोरोना काल अपने कर्तव्यों का पालन न करते हुए टिकटोक पर अपने डांस वीडियो डालती और अपने डांस मूव्स का बचाव करती नजर आई थीं, वो भी तब जब उनके निर्वाचन क्षेत्र में प्रवासी और जनता भोजन की माँग कर रही थी। उन्होंने भी डॉक्टरों और वर्कर्स के लिए कथित घटिया हेल्थकेयर उपकरण के बारे में फेक न्यूज़ फैलाने में आगे बढ़कर अपना योगदान दिया। ट्वीट को शेयर करते हुए उन्होंने बीजेपी नेता अमित मालवीय पर भी हमला किया था।

बालासोर से कॉन्ग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार, नवज्योति पटनायक ने रुनझुन के फेक न्यूज़ को साझा किया और लिखा कि सरकार देश के COVID-19 योद्धाओं के लिए गुणवत्ता वाले चिकित्सा उपकरणों को उपलब्ध कराने में लापरवाही बरत रही है।

विरुदनगर के कॉन्ग्रेस सांसद, मणिकाम टैगोर ने एक ट्वीट पोस्ट किया जिसमें कहा कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन एम्स हेल्थकेयर कार्यकर्ताओं को उपकरण प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं। वायनाड मेडिकल कॉलेज पर राजनीति का स्वास्थ्य मंत्री पर आरोप लगाते हुए, टैगोर ने कहा कि कोरोनोवायरस संकट के दौरान उनके प्रदर्शन को गैर जिम्मेदाराना तक कह दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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