Monday, December 23, 2024
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तबलीगी जमात फंडिंग केस: ED की दिल्ली-मुंबई समेत 20 लोकेशंस पर रेड, यहाँ रहते हैं मौलाना साद के खास लोग

तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद अपने दिल्ली के जाकिर नगर स्थित आवास पर नहीं हैं। कहा जा रहा है कि मौलाना साद फिलहाल यूपी में हैं, लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में ED उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।

तबलीगी जमात मामले में केंद्रीय जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा कुल 20 लोकेशन पर छापेमारी की गई है। जानकारी के मुताबिक जिन लोकेशंस पर छापेमारी की गई है, उनमें दिल्ली के सात ठिकाने शामिल हैं। वहीं मुंबई की पाँच लोकेशंस, हैदराबाद की 4 और 3 ठिकाने केरल के हैं।

माना जाता है कि इन तमाम जगहों पर मौलाना के खास लोग रहते हैं और इन जगहों पर फंडिग के सुराग मिल सकते हैं। दिल्ली के ठिकानों में जाकिर नगर अहम है, ये वो इलाका है जहाँ तबलीगी जमात का हेडक्वार्टर मौजूद है। इसके अलावा कोच्चि की 3 जबकि एक अंकलेश्वर में रेड की गई है।

सूत्रों के मुताबिक, तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद अपने दिल्ली के जाकिर नगर स्थित आवास पर नहीं हैं। कहा जा रहा है कि मौलाना साद फिलहाल यूपी में हैं, लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में ED उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही है

महाराष्ट्र, हैदराबाद, दिल्ली और केरल जैसे शहरों में ईडी ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मरकज़ की फंडिग के पीछे कौन हैं? ईडी की टीम ने दिल्ली के जाकिर नगर इलाके में भी छापेमारी की है। बताया जा रहा है कि यहीं पर जमात के मुखिया मौलाना साद का घर है।

गौरतलब है कि तबलीगी जमात का कोरोना कनेक्शन सामने आने के बाद उसके मुखिया मौलाना साद पर पुलिस ने शिकंजा कसा था। अप्रैल में ही ईडी ने मौलाना साद समेत पाँच लोगों पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। ईडी ने मौलाना साद के चार सहयोगियों से पूछताछ भी की थी।

इन लोगों से पूछताछ के दौरान ईडी अधिकारियों की ओर से जानने की कोशिश की जा रही है मरकज के फंड की देखभाल कौन करता था। मरकज के लिए फंड कहाँ से और कैसे आता है। क्या यह फंड डोनेशन के जरिए आता है। ईडी ने मौलाना साद को भी पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन अभी तक वह हाजिर नहीं हुआ है।

बता दें कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 31 मार्च को मौलाना साद और तबलीगी जमात के कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। यह एफआईआर लॉकडाउन के आदेश का उल्लंघन करते हुए धार्मिक आयोजन में लोगों की भीड़ जमा करने के मामले में दर्ज की गई थी। इसके बाद मौलान साद और उसके साथियों के खिलाफ ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।

बता दें कि तबलीगी जमात का नाम कोरोना को लेकर सुर्खियों में आया था और इल्जाम लगा था कि जमात के लोग जान बूझकर कोरोना फैला रहे हैं। इस मामले के बाद लगातार वबाल होता रहा और जमात के चीफ मौलाना साद के खिलाफ कार्रवाई की माँग होती रही है लेकिन कोई कार्रवाई हो नहीं पाई है।

पिछले दिनों क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद के बेटे को अपने कार्यालय में बुलाकर करीब 2 घंटे पूछताछ की। पूछताछ के दौरान उन्होंने साद के बेटे से 20 लोगों की जानकारी माँगी जो दिल्ली के मरकज में न केवल शामिल थे, बल्कि मरकज़ प्रबंधन टीम का हिस्सा थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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