Saturday, November 23, 2024
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गणेश विसर्जन को प्रतिबंधित करने वाली तेलंगाना पुलिस ने SC के आदेश को धता बताकर हैदराबाद में मुहर्रम के जुलूस को दी अनुमति

हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए, सैकड़ों की संख्या वाला यह ‘बीबी का आलम’ जुलूस डाबेरपुरा से शुरू हुआ और संप्रदाय विशेष बहुल क्षेत्र चारमीनार, गुलजार हुज, पुरानी हवेली और दारुलशिफा से गुजरते हुए चर्मघाट पर खत्म हुआ।

पिछले हफ्ते हैदराबाद में कोर्ट के आदेश को ताक पर रखते हुए सैकड़ों लोग मुहर्रम के जुलूस में शामिल हुए। कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में न सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियाँ उड़ाई गईं, बल्कि लोगों ने चेहरे पर मास्क जैसे जरूरी बातों की भी अनदेखी की। बड़ी संख्या में लोग पुराने हैदराबाद में एकत्रित हुए और ‘बीबी का आलम’ जुलूस निकाला। इस दौरान ज्यादातर लोग बिना मास्क के देखे गए।

उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी को देखते हुए तेलंगाना हाई कोर्ट ने मुहर्रम के दिन हैदराबाद के पुराने शहर में जुलूस निकालने के लिए इजाजत नहीं दी थी। इसके बावजूद यहाँ पर लोगों ने भारी संख्या में जुलूस निकाला।

हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए, सैकड़ों की संख्या वाला यह जुलूस डाबेरपुरा से शुरू हुआ और संप्रदाय विशेष बहुल क्षेत्र चारमीनार, गुलजार हुज, पुरानी हवेली और दारुलशिफा से गुजरते हुए चर्मघाट पर खत्म हुआ।

अपने आदेश में, तेलंगाना हाई कोर्ट ने मुहर्रम के जुलूस के लिए न केवल अनुमति देने से इनकार किया था, बल्कि आदेश का उल्लंघन होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में पुलिस आयुक्त को किसी भी उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मुहर्रम जुलूस निकालने की माँग वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा था, “अगर हम जुलूस निकालने की अनुमति दे देंगे तो इससे आराजकता फैलेगी और फिर एक समुदाय विशेष को कोरोना फैलाने के नाम पर लक्षित किया जाएगा, जो सुप्रीम कोर्ट नहीं चाहेगा।” 

हालाँकि, ऐसा लगता है कि तेलंगाना पुलिस ने संप्रदाय विशेष के समूहों को एक जुलूस आयोजित करने में सहायता किया है, क्योंकि खुद शहर के पुलिस आयुक्त ने ‘आलम’ का जुलूस निकालने की अनुमति दी थी। भले ही पुलिस आयुक्त ने समुदाय से पुलिस के साथ सहयोग करने और मार्ग पर इकट्ठा न होने की अपील की थी, लेकिन शहर की पुलिस ने रविवार को जुलूस को सुरक्षा दी।

बता दें कि राज्य में मुहर्रम के जुलूस की अनुमति देने का निर्णय टीआरएस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा राज्य में गणेश चतुर्थी जुलूसों को प्रतिबंधित करने के एक हालिया आदेश के परिपेक्ष्य में आता है।

तेलंगाना सरकार ने अपने आदेश में कोरोना वायरस महामारी का हवाला देते हुए राज्य भर में गणेश उत्सव और मुहर्रम के जुलूसों को सार्वजनिक रूप से मनाने से मना कर दिया था। सरकार ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि राज्य में गणेश उत्सव के लिए कोई पंडाल, सामूहिक सभा, जुलूस, लाउडस्पीकर या फिर डिस्को जॉकी की अनुमति नहीं दी जाए।

इसी तरह से मुहर्रम के दौरान ‘आलम’ का जुलूस निकालने से मना किया गया था।

इससे पहले टीआरएस सरकार ने हैदराबाद में हिंदुओं को गणेश जुलूस निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, हालाँकि, पिछले सप्ताह संप्रदाय विशेष के लोगों को शहर में मुहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति दे दी। हैदराबाद पुलिस ने हैदराबाद के पुराने शहर में संप्रदाय विशेष को ‘अलाम’ का जुलूस निकालने की अनुमति दी थी।

हाई कोर्ट के प्रतिबंध के बावजूद संप्रदाय विशेष समूहों को जुलूस निकालने की अनुमति देने और गणेश चतुर्थी के दौरान हिंदुओं को जुलूस से मना करने के फैसले ने अब राज्य में एक बहस छेड़ दी है। केसीआर की अगुवाई वाली राज्य सरकार की अब अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की घिनौनी हरकत के लिए आलोचना हो रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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