Sunday, May 5, 2024
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गाली के बाद डिलीवरी एजेंट ने की सेक्स की माँग, Swiggy ने कहा – ‘Sorry, ये लो ₹200’

जब यह कंपनियाँ अपना दायरा बढ़ाने को लेकर इतनी उत्सुक हैं तो इन पर सरकार और समाज दोनों को यह दबाव बनाना चाहिए कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा को लेकर इनके इंतजामों और इनके शिकायत निवारण तंत्रों में भी सुधार उतनी ही तेजी से हो जितनी तेजी से यह व्यापार बढ़ाना चाहती हैं।

बेंगलुरु में Swiggy की अजीबोगरीब माफी का मामला सामने आया है। ऑन-डिमांड खाना पहुँचाने वाली कंपनी Swiggy के डिलीवरी एजेंट ने तथाकथित तौर पर एक महिला को गाली दी, उसके साथ अश्लील और अभद्र आचरण किया। महिला का आरोप है कि शिकायत करने पर कंपनी ने उसे एक “Sorry” नोट और ₹200 का कूपन दे कर मामला रफा-दफा करने का प्रयास किया।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक नेहा (नाम परिवर्तित) ने इसे नाकाफी मानते हुए कंपनी से उक्त व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की है।

नेहा ने इस घटना के बारे में फेसबुक पर लिखते हुए बताया कि यह घटना गत बृहस्पतिवार की है। नेहा ने Swiggy से खाने का ऑर्डर दिया था। जब खाना लेने नेहा बाहर निकलीं तो डिलीवरी एजेंट ने कुछ कहा जिसे वह ठीक से सुन नहीं पाईं। एजेंट ने जब दोहराया तो नेहा को समझ में आया कि वह उनसे सेक्स की माँग कर रहा है और गाली दे रहा है।

नेहा ने लिखा, “मैं स्तब्ध रह गई… मुझे उससे literally खाना छीन कर दरवाज़ा बंद करना पड़ा। पर खाना खाना तो दूर, मुझसे उस खाने की ओर देखा भी नहीं जा रहा था।।”

नेहा ने जाहिर तौर पर Swiggy की उपभोक्ता सेवा (customer service) से इसकी शिकायत की, और जवाब में कंपनी ने उन्हें एक “Sorry” नोट और ₹200 के कूपन दिए। तभी नाराज़ होकर नेहा ने फेसबुक पर शिकायत करने का फैसला लिया।

फेसबुक पर कंपनी ने अपने ढीले रवैये से नेहा को हुए दुखद अनुभव के लिए माफी माँगी है और आगे कार्रवाई करने के लिए उनसे मामले से जुड़े तथ्य और विवरण देने का आग्रह किया है।

बेंगलुरु में खाना डिलीवर करने वाली कंपनियों के डिलीवरी एजेंट की बदतमीजी के मामले रह-रह कर सामने आते रहते हैं। पिछले ही साल एक महिला डीजे ने भी रात को खाना पहुँचाने आए एजेंट की बदतमीजी की शिकायत की थी।  

ऐसे में जब यह कंपनियाँ अपना दायरा बढ़ाने को लेकर इतनी उत्सुक हैं तो इन पर सरकार और समाज दोनों को यह दबाव बनाना चाहिए कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा को लेकर इनके इंतजामों और शिकायत निवारण तंत्र (grievance redressal systems) में भी सुधार उतनी ही तेजी से हो जितनी तेजी से यह व्यापार बढ़ाना चाहती हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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