Sunday, September 8, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय50 से ज्यादा लोगों का सिर काटा, कटे अंगों को दफनाने के लिए परिवारों...

50 से ज्यादा लोगों का सिर काटा, कटे अंगों को दफनाने के लिए परिवारों को भेजा: मोजाम्बिक में इस्लामी आतंकियों का तांडव

इस्लामी आतंकियों ने उनके साथ शामिल होने से इनकार करने पर 50 से अधिक युवकों (ज्यादातर लड़के-बच्चों) के सिर काट डाले। फिर उनके शरीर के अंगों को दफनाने के लिए उनके परिवारों को भेज दिया, जिससे...

इस्लामी आतंकवादियों ने पिछले कुछ दिनों में उत्तरी मोजाम्बिक में काबो डेलगाडो प्रांत के कई गाँवों पर हमला किया, जिसमें 50 से अधिक लोगों के सिर काट दिए गए। राज्य मीडिया और पुलिस ने सोमवार (नवंबर 9, 2020) को इसकी जानकारी दी।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “उन्होंने घरों में आग लगा दी और फिर उन लोगों को शिकार बनाया, जो जंगल में भाग गए थे। इस्लामी आतंकवादियों ने वहाँ जाकर भी भयावह तांडव मचाया।”

चश्मदीदों ने बताया कि इस्लामी आतंकवादियों ने एक गाँव के निवासियों को पहले खींच कर फुटबॉल के मैदान में लाया और फिर वहाँ उनकी बेरहमी से हत्या कर दी। उन्हें काट डाला गया। आतंकवादियों ने कथित तौर पर महिलाओं और बच्चों का अपहरण भी किया था।

काबो डेलगाडो प्रांत राष्ट्रीय सरकार द्वारा इस क्षेत्र की कथित उपेक्षा से प्रभावित होकर, लगभग तीन वर्षों से विद्रोह की चपेट में है। ‘इस्लामिक स्टेट’ समूह से जुड़े इस्लामी विद्रोही अशांति का फायदा उठा रहे हैं, क्रूर हमले कर रहे हैं और असंतुष्ट युवाओं को भर्ती कर रहे हैं क्योंकि वे इस क्षेत्र में एक इस्लामी खिलाफत स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।

जिहादियों ने पिछले तीन वर्षों में मोजाम्बिक के उत्तरपूर्वी काबो डेलगाडो प्रांत में तबाही मचाई है, वो गाँवों और कस्बों को एक इस्लामी खिलाफत स्थापित करने के अभियान के रूप में तोड़फोड़ कर रहे हैं। आतंकवादियों ने हाल के महीनों में अपने हमले को तेज कर दिया है और इस प्रक्रिया में नागरिकों को आतंकित करते हुए क्षेत्र के हिंसक रूप से जब्त कर लिया है।

मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि अप्रैल में कथित तौर पर उनके साथ शामिल होने से इनकार करने पर आतंकवादियों ने कई लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी और 50 से अधिक युवकों के सिर काट डाले। मानवाधिकार समूहों का कहना है कि सरकारी सुरक्षा बलों ने भी प्रांत में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है।

राज्य मीडिया ने बताया कि दूसरे गाँव में भी कई लोगों के सिर धड़ से अलग कर दिए गए। 2017 से अभी तक लगभग 2,000 से अधिक लोगों की हत्या की जा चुकी है और मुख्य रूप से मुस्लिम प्रांत में हुए संघर्ष में लगभग 400,000 लोग बेघर हो गए हैं। आतंकवादी इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह से जुड़े हुए हैं। समूह ने गरीबी और बेरोजगारी का फायदा उठाया है ताकि क्षेत्र में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए युवाओं को अपनी लड़ाई में भर्ती किया जा सके।

डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने मंगलवार (नवंबर 10, 2020) को कहा कि पिछले सप्ताह सिर्फ नाव के माध्यम से प्रांतीय राजधानी पेम्बा में लगभग 10,000 लोग भाग गए। उन्होंने स्वच्छ पानी और स्वच्छता की पहुँच पर भी चिंता जताई।

मुएडा (Mueda, पूर्वोत्तर मोजाम्बिक में मकोंडे पठार का सबसे बड़ा शहर) में एक सहायता कर्मी ने इस हत्याकांड की पुष्टि करते हुए कहा कि कुछ लड़के उस क्षेत्र से आए थे। उन्होंने कहा कि शरीर के अंगों को मंगलवार को दफनाने के लिए उनके परिवारों को भेजा गया था। कार्यकर्ता ने कहा, “अंतिम संस्कार बड़े दर्द के वातावरण में आयोजित किया गया था। शरीर पहले से ही विघटित हो रहे थे और वे मौजूद लोगों को नहीं दिखाए जा सकते थे।” हालाँकि मोजाम्बिक अधिकारियों ने अभी तक मौतों पर टिप्पणी नहीं की है।

मोजाम्बिक के जिहादी खुद को अल-शबाब कहते हैं। हालाँकि सोमालिया में काम करने वाले उस नाम के समूह के बारे में उन्हें कोई ज्ञात जानकारी नहीं है। पिछले साल आतंकवादियों ने तथाकथित इस्लामिक स्टेट समूह के प्रति निष्ठा का वादा किया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -