Wednesday, May 8, 2024
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100 अस्पतालों के मालिक अरुण की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत: मनी लॉन्ड्रिंग में कार्ति चिदंबरम के साथ जुड़ा था नाम

कार्ति चिदंबरम के नियंत्रण वाली कम्पनी ने 3.09 करोड़ रुपए का निवेश 'वसन आई केयर' में किया और फिर उसे बेच कर 41 करोड़ रुपए का लाभ कमाया। अर्थशास्त्री एस गुरुमूर्ति के अनुसार कार्ति ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए 'वसन आई केयर हॉस्पिटल' को ही...

तमिलनाडु के वसन आई केयर अस्पताल के संस्थापक एएम अरुण की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई है। उन्होंने त्रिची में एक फार्मेसी की दुकान से अपना सफर शुरू किया था। सोमवार (नवंबर 16, 2020) को 52 वर्ष की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई। जहाँ कुछ खबरों में इसे आत्महत्या बताया जा रहा है, वहीं कुछ इसे कार्डियक अरेस्ट से हुई मौत बता रहे हैं। वसन आई केयर का नाम कार्ति चिदंबरम के साथ भी जुड़ा था।

उन्होंने 1991 में त्रिची में स्थित अपने पारिवारिक कारोबार ‘वसन मेडिकल हॉल’ का संचालन अपने हाथों में लिया था। 2002 में उन्होंने आई केयर बिजनेस में कदम रखा और त्रिची का सबसे बड़ा आँखों का अस्पताल खोला। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक 100 अस्पताल खोल कर दक्षिण भारत में आँखों के हॉस्पिटल का सबसे बड़ा नेटवर्क बनाया। उनके अस्पतालों में न सिर्फ 5 करोड़ लोगों का इलाज हुआ, बल्कि 1 करोड़ मरीजों की सफल सर्जरी भी हुई थी।

हालाँकि, ये हैल्थकेयर समूह तब विवादों में जुड़ा, जब कार्ति चिदंबरम के साथ इसका नाम न सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग, बल्कि फोरेक्स एक्सचेंज के नियमों के उल्लंघन के मामले में आया। 2015 में अर्थशास्त्री एस गुरुमूर्ति ने आरोप लगाया था कि देश के वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम के बेटे कार्ति ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए ‘वसन आई केयर हॉस्पिटल’ को ही माध्यम बनाया था। इसके बाद इनकम टैक्स विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने समूह के कई अस्पतालों पर छापेमारी की

टैक्स चोरी से लेकर अन्य वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों तक, ‘नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT)’ ने 2017 में समूह की संपत्ति बेच कर उसके द्वारा लिए गए ऋण को चुकाने का आदेश दिया था। समूह के एक सप्लायर ‘एल्कॉन लैबोरेट्रीज’ की याचिका पर ये आदेश दिया गया था। हालाँकि, मद्रास हाईकोर्ट ने इस प्रक्रिया को रोक दिया था। इसकी आंतरिक समिति में एकमत न होने के कारण ये विवाद लम्बे समय तक चलता रहा था।

कार्ति और वसन पर एस गुरुमूर्ति के आरोप

कभी 100 करोड़ डॉलर का ‘वसन आई केयर’ अब अपनी सम्पत्तियों को खरीदने वाले की बाट जोह रहा है। कार्ति चिदंबरम के नियंत्रण वाली कम्पनी ASCPL (Advantage Strategic Consultancy Pvt Ltd) पर आरोप लगा था कि उसने 3.09 करोड़ रुपए का निवेश ‘वसन आई केयर’ में किया और फिर उसे बेच कर 41 करोड़ रुपए का लाभ कमाया। आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामले में ED की चार्जशीट में भी इस तथ्य का खुलासा हुआ था।

एम अरुण के परिचितों ने उनकी मौत को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। उन्हें कावेरी हॉस्पिटल में मृत घोषित किया गया। पुलिस ने संदिग्ध मौत का मामला दर्ज किया है। हालाँकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि ये एक प्राकृतिक मौत थी। फ़िलहाल इस समूह के पास 600 से अधिक आँखों के डॉक्टर हैं और 6000 कर्मचारी हैं। उनकी डेड बॉडी को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है और मामले की जाँच जारी है।

चिदंबरम पिता-पुत्र का नाम कई घोटालों में आया है। दरअसल, INX मीडिया घोटाले में कार्ति पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने अपने पिता के पद का दुरुपयोग करते हुए इस घोटाले को अंजाम दिया। आईएनएक्स मामले में पी चिदंबरम को भी सीबीआई ने कस्टडी में लिया था। ईडी द्वारा इस मामले में कार्ति पर शिकंजा कसने के लिए उनकी जमानत खारिज किए जाने की याचिका कोर्ट में लगाई गई थी। ईडी उनकी गिरफ्तारी पर से रोक हटाने की माँग करता रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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