Thursday, July 17, 2025
Homeराजनीतिचीनी की तरह दिखते हैं पूर्वोत्तर के लोग, दक्षिण वाले अफ्रीकी जैसे: कॉन्ग्रेस...

चीनी की तरह दिखते हैं पूर्वोत्तर के लोग, दक्षिण वाले अफ्रीकी जैसे: कॉन्ग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने खड़ा किया नया विवाद, असम के CM बोले- मैं भारतीय जैसा दिखता हूँ

सैम पित्रोदा कहते हैं, "पाकिस्तान ने मजहब के आधार पर मुल्क बनाया आज उनकी हालत देख लीजिए क्या है… हम भारत जैसे विविधतापूर्ण देश को एक साथ रख सकते हैं, जहाँ पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग शायद गोरे जैसे दिखते हैं और दक्षिण के लोग अफ्रीका जैसे दिखते हैं।"

इंडियन ओवरसीज कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने ‘द स्टेट्समैन’ से बात करते हुए हाल में भारतीयों की अखंडता और विविधता पर एक शर्मनाक टिप्पणी की। उन्होंने भारत की विविधता पर बात करते हुए दक्षिण के लोगों की तुलना अफ्रीकियों से कर डाली और उत्तर पूर्व भारत में रहने वाले लोगों की तुलना चीनियों से। उनके इस बयान के वायरल होने के बाद अब कॉन्ग्रेस की आलोचना हो रही है। असम सीएम ने भी इस बयान को सुनने के बाद कॉन्ग्रेस नेता को जवाब दिया है।

सैम पित्रोदा ने द स्टेट्समैन से बातचीत के दौरान भारत के लोगों के विचारों पर बात करते हुए ये टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि एक गुट है जो भारत में संस्कृति, सभ्यता, भगवान राम, हनुमान सबकी बातें करता है और दूसरा गुट वो है जो कहता है कि उनके पूर्वजों ने इस देश की आजादी के लिए काम किया है।

सैम पित्रोदा एक ओर तो कहते हैं कि वो हर विचार का सम्मान करते हैं। इसके बाद वो कहते हैं, “पाकिस्तान ने मजहब के आधार पर मुल्क बनाया आज उनकी हालत देख लीजिए क्या है… हम भारत जैसे विविधतापूर्ण देश को एक साथ रख सकते हैं, जहाँ पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग शायद गोरे जैसे दिखते हैं और दक्षिण के लोग अफ्रीका जैसे दिखते हैं।”

सैम पित्रोदा की यह टिप्पणी अब सोशल मीडिया पर वायरल है। उनकी इस टिप्पणी पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूँ और भारतीय जैसा दिखता हूँ। हम एक विविधतापूर्ण देश में रहते हैं। हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो।”

वहीं, इस कमेंट को सुनने के बाद लोग सैम पित्रोदा के साथ-साथ नस्लवादी, जातिवादी और सांप्रदायिक कट्टरपंथी कहा जा रहा है। इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि कॉन्ग्रेस का काम सिर्फ भारतीयों की पहचान मिटाने का है। उन्हें भारतीयों की पहचान भारतीयों के रूप में नहीं कर रहे। उलटा उनके रंग रूप को दूसरों से जोड़ रहे हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मम्मी ला रही थी पीड़ित हिंदुओं को ही जेल में ठूँसने वाला ‘काला कानून’, रोहित वेमुला एक्ट से हिंदुओं को खंड-खंड करना चाहता है...

कर्नाटक का रोहित वेमुला बिल भी सोनिया गाँधी के लाए सांप्रदायिक हिंसा बिल की तरह खतरनाक है इसके प्रावधान भी कुछ-कुछ वैसे ही हैं।

राहुल-तेजस्वी के लिए काम पर लगे अजीत अंजुम-रवीश कुमार, FIR होते ही PCI-एडिटर्स गिल्ड का प्रलाप शुरू: प्रोपेगेंडा परोसना नहीं है ‘प्रेस की स्वतंत्रता’

पत्रकारों का एक संगठन है प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI)। इस संस्था का एक बार फिर से 'दर्द' प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए उभर आया है।
- विज्ञापन -