Monday, November 18, 2024
Homeराजनीतिअरुणाचल में 6 विधायकों के जदयू छोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने छोड़ा पार्टी...

अरुणाचल में 6 विधायकों के जदयू छोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने छोड़ा पार्टी अध्यक्ष का पद, कहा- ‘दबाव में बना मुख्यमंत्री’

पार्टी मुखिया का पद छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी बिहार का मुख्यमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं थी। वह सिर्फ इतना चाहते थे कि जनादेश का सम्मान हो भले मुख्यमंत्री कोई भी क्यों न बने।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी मुखिया का पद छोड़ दिया है। बीते दिन रविवार (27 नवंबर 2020) को नीतीश कुमार के सहयोगी आरसीपी सिंह को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का नया अध्यक्ष चुना गया। नीतीश कुमार ने ही आरसीपी सिंह के नाम का सुझाव दिया था जिस पर कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में सहमति जताई थी। 2019 में बिहार के मुख्यमंत्री को जदयू का अध्यक्ष चुना गया था और उनका कार्यकाल 3 साल का था। उन्होंने इस्तीफ़ा देते हुए इस पद को आरसीपी सिंह के हवाले कर दिया जो कि राज्यसभा में जदयू का प्रतिनिधित्व करते हैं। 

पार्टी मुखिया का पद छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी बिहार का मुख्यमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं थी। वह सिर्फ इतना चाहते थे कि जनादेश का सम्मान हो भले मुख्यमंत्री कोई भी क्यों न बने। 

जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने कहा था, “लोग कह रहे हैं कि भाजपा को मुख्यमंत्री पद चाहिए। मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है, मैं इन पदों से नहीं बंधा हुआ हूँ। बहुत ज़्यादा दबाव होने की वजह से मुझे मुख्यमंत्री का पद स्वीकार करना पड़ा, मुझे वाकई इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि इस कुर्सी पर कौन बैठने वाला है। जैसे ही चुनाव के नतीजे आए मैंने गठबंधन के सामने अपनी इच्छा जाहिर कर दी लेकिन दबाव इतना ज़्यादा बढ़ गया था कि मुझे ज़िम्मेदारी संभालनी ही पड़ी।”

नीतीश कुमार ने 2016 के बिहार विधानसभा चुनावों में भाजपा को हाशिये पर रख कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया था। इतना सब कुछ सिर्फ यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल कर लें। लेकिन जब उनके इस गठबंधन का विरोध शुरू हुआ तब उन्होंने राजद को नकार कर भाजपा का दामन थाम लिया और फिर से मुख्यमंत्री बन गए।  

इस बात की अटकलें चरम पर हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा नहीं रखने वाला बयान इसलिए दिया क्योंकि उनके ही विधायक पार्टी की लुटिया डुबाने में लग गए हैं। 

हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में जदयू के 6 विधायक पार्टी से इस्तीफ़ा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे लिहाज़ा वहाँ राजनीतिक अस्थिरता पैदा होना स्वाभाविक था। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस बात पर रोष जाहिर किया है और कहा है कि इससे बिहार की गठबंधन सरकार प्रभावित हो सकती है। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -