कर्नाटक विधान परिषद के उपाध्यक्ष एसएल धर्मे गौड़ा (SL Dharme Gowda) मंगलवार (दिसंबर 29, 2020) तड़के कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले में एक रेल की पटरी पर मृत मिले। उनके दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने शोक व्यक्त किया है। बिरला ने ट्वीट कर माँग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जाँच हो। कथित तौर पर उन्होंने ट्रेन के आगे आकर आत्महत्या की।
संवैधानिक संस्थाओं की प्रतिष्ठा और पीठासीन अधिकारियों की गरिमा व स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाए रखना हम सबका दायित्व है।
— Om Birla (@ombirlakota) December 30, 2020
बिरला ने ट्वीट किया, “कर्नाटक विधानपरिषद उपाध्यक्ष एसएल धर्मे गौड़ा के निधन की दुखद खबर से व्यथित हूँ। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएँ। पीठासीन अधिकारी के रूप में उनके साथ सदन में हुआ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम लोकतंत्र की गरिमा पर कठोर आघात है। उनकी मृत्यु की उच्च स्तरीय-निष्पक्ष जाँच आवश्यक है।” उन्होंने लिखा, “संवैधानिक संस्थाओं की प्रतिष्ठा और पीठासीन अधिकारियों की गरिमा व स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाए रखना हम सबका दायित्व है।”
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने घटना पर स्तब्धता जाहिर करते हुए, इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया। उन्होंने विधान परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कुशलतापूर्वक संचालन के लिए एमएलसी की सराहना की। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी ट्वीट कर धर्मे गौड़ा के निधन पर स्तब्धता जाहिर की और उन्हें एक सभ्य राजनेता के तौर पर याद किया।
बता दें कि एसएल धर्मे गौड़ा के भाई एसएल भोजे गौड़ा भी एमएलसी हैं। गौड़ा अपनी निजी कार में सखारयापत्तना स्थित फार्महाउस से सोमवार शाम को घर के लिए निकले थे, लेकिन पहुँचे नहीं और इसके बाद उनके परिवार तथा स्टाफ ने उनकी तलाश शुरू की। उन्होंने अपने चालक से कहा था कि वह किसी से बात करने जा रहे हैं और वह थोड़ी दूर ही रुक जाए। शव के साथ एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था। धर्मेगौड़ा के शव को आगे की जाँच के लिए शिमोगा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया।
गौरतलब है कि लगभग दो हफ्ते पहले, कर्नाटक विधान परिषद में तो हद ही हो गई थी। उपाध्यक्ष धर्मेगौड़ा को कॉन्ग्रेस के एमएलसी जबरन उठाकर सदन से बाहर ले गए और दरवाजा बंद कर दिया। इसपर भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी लेहर सिंह सिरोया ने इस घटना की आलोचना की। उन्होंने कहा था, “कुछ MLC ने विधान परिषद के उपाध्यक्ष को जबरन कुर्सी से हटाकर गुंडों की तरह व्यवहार किया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। हमने अपने परिषद के इतिहास में ऐसा शर्मनाक दिन कभी नहीं देखा। मुझे शर्म आ रही है कि जनता हमारे बारे में क्या सोच होगी।”