साध्वी प्रज्ञा के भाजपा से चुनाव लड़ने को लेकर हो रहे विरोध का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुँहतोड़ जवाब दिया है। प्रधानमंत्री ने भोपाल से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को प्रत्याशी बनाए जाने पर कहा कि साध्वी की उम्मीदवारी कॉन्ग्रेस को महँगी पड़ने वाली है। उन्होंने राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि अमेठी और रायबरेली से कॉन्ग्रेस उम्मीदवार भी जमानत पर रिहा है। इस पर कोई सवाल नहीं करता, लेकिन भोपाल की उम्मीदवार (प्रज्ञा ठाकुर) जमानत पर है, तो ये बहुत बड़ा सवाल बन गया है। उन्होंने कहा कि उन सबको जवाब देने के लिए साध्वी प्रज्ञा एक प्रतीक है और यह कॉन्ग्रेस को महँगा पड़ने वाला है।
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— Rahul Roushan (@rahulroushan) April 19, 2019
टाइम्स नाउ को दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब 1984 में इंदिरा गाँधी की मृत्यु हुई, तब उनके बेटे ने कहा था कि जब एक बड़ा पेड़ गिरता है तो पृथ्वी हिलती है। इसके बाद, हजारों सिखों का नरसंहार हुआ। क्या यह कुछ लोगों द्वारा फैलाया गया आतंक नहीं था? इसके बावजूद राजीव गाँधी को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया। उस समय मीडिया ने कभी ऐसा सवाल नहीं पूछा, जैसा वह अब सवाल पूछ रहे हैं। सिख दंगों के आरोपितों को कॉन्ग्रेस ने बड़ा मंत्री बनाया। उनमें से एक आज मप्र का मुख्यमंत्री है। पीएम मोदी ने कहा कि एक महिला वह भी साध्वी (प्रज्ञा) को जब प्रताड़ित किया गया, तब किसी ने उँगली नहीं उठाई।
उन्होंने कहा कि वो गुजरात में रहे हैं, और वहाँ कॉन्ग्रेस के तौर-तरीकों से अच्छी तरह परिचित हैं। मोदी ने कहा कि कॉन्ग्रेस फिल्म की स्क्रिप्ट की तरह एक कहानी गढ़ने का काम करती है। पहले वो कुछ उठाते हैं, फिर उसमें कुछ जोड़ते हैं, उसके बाद अपनी कहानी के लिए एक खलनायक जोड़ते हैं, ताकि कहानी का झूठा प्रचार किया जा सके। यह कॉन्ग्रेस का ‘modus operandi’ अर्थात काम कारण एक तरीका है।
मोदी ने समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के बारे में कहा कि उस केस में जाँच हुई लेकिन कुछ नहीं निकला। जज लोया जिनकी मृत्यु प्राकृतिक थी उसे भी कॉन्ग्रेस ने इतना लंबा खींचा और हत्या बताने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में 5,000 साल तक जिस महान संस्कृति और परंपरा ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का संदेश दिया, ‘सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामया’ का संदेश दिया, जिस संस्कृति ने ‘एकम् सत् विप्रा: बहुधा वदन्ति’ का संदेश दिया, ऐसी संस्कृति को कॉन्ग्रेस ने आतंकवादी कह दिया। उन सबको जवाब देने के लिए साध्वी प्रज्ञा एक प्रतीक है और ये कॉन्ग्रेस को बहुत महँगा पड़ने वाला है।