राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे पर लगाए गए बलात्कार के आरोपों पर बयान दिया है। गुरुवार (14 जनवरी 2021) को दिए गए बयान में शरद पवार ने कहा कि एनसीपी नेता पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं। इस घटना पर संगठन के शीर्ष नेताओं की बैठक होगी और उसके बाद ही धनंजय मुंडे पर कोई फैसला लिया जाएगा।
मुंबई में इस मुद्दे पर एनसीपी मुखिया ने कहा, “जितने भी आरोप लगाए गए हैं वह बेहद गंभीर हैं और हमें बतौर पार्टी कड़े फैसले लेने होंगे। इस घटना पर अभी तक मेरी पार्टी के अन्य नेताओं से बात नहीं हुई है लेकिन बहुत जल्द उनसे मेरी इस मुद्दे पर चर्चा होगी। मुंडे मुझसे मिल कर अपना पक्ष रख चुके हैं। ऐसे में यह मेरी ज़िम्मेदारी है कि मैं पार्टी के अन्य नेताओं को उनके पक्ष से अवगत कराऊँ और आने वाले समय में उठाए जाने वाले कदम को लेकर स्थिति स्पष्ट हो।”
शरद पवार ने अपने बयान में यह भी कहा था, “मुंडे ने मुझसे मुलाक़ात की थी और इन आरोपों के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी। मुंडे ने कहा था कि जिस महिला ने उन पर आरोप लगाया उससे उनका नज़दीकी रिश्ता था। उनके खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की जा चुकी है और बहुत जल्द जाँच भी शुरू हो जाएगी। मुंडे की बातों से ऐसा लगता है कि जैसे उन्हें इसका अनुमान था इसलिए उन्होंने पहले ही इस मामले में हाईकोर्ट का रुख किया था।”
इसके अलावा शरद पवार ने दावा भी किया है कि पार्टी का मुखिया होने के नाते यह सुनिश्चित करना मेरी ज़िम्मेदारी है कि किसी के साथ नाइंसाफी न हो। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए इस मामले में कार्रवाई होगी।
I have presented my statement to Sharad Pawar and the party, regarding the allegation against me. I have told them everything. I will do whatever the party and its chief Sharad Pawar decides: Maharashtra Minister Dhananjay Munde on allegations of rape against him pic.twitter.com/k4xMKgGL8x
— ANI (@ANI) January 14, 2021
आज ही धनञ्जय मुंडे ने इस मामले के संबंध में एनसीपी मुखिया से मुलाक़ात की थी। इसके बाद उन्होंने कहा था, “मैंने खुद पर लगाए गए आरोपों को लेकर शरद पवार और पार्टी को बयान सौंप दिया है। मैंने उन्हें सब कुछ बता दिया है। पार्टी का निर्णय अंतिम होगा, वह जो भी तय करेंगे मैं वही करूँगा।”
इस घटना पर महाराष्ट्र भाजपा ने महाराष्ट्र सरकार के मंत्री का जम कर विरोध किया था। भाजपा के प्रदेश संगठन का कहना था कि धनञ्जय मुंडे को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। राज्य निर्वाचन आयोग को उन पर कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि उन्होंने अपने चुनावी हलफ़नामे में अपनी दूसरी पत्नी की जानकारी छुपाए रखी।
हालाँकि, इसके पहले एनसीपी के तमाम नेता धनञ्जय मुंडे का बचाव करते हुए भी नज़र आए थे। उनका कहना था कि यह सिर्फ आरोप हैं, उन्होंने इस बारे में सफाई पेश की है। यह उनका पारिवारिक मामला है। राजनीति में जगह बनाने के लिए सालों खर्च करने पड़ते हैं इसलिए बिना जाँच के ही किसी का करियर ख़त्म करना सही नहीं है। मुंडे ने इस घटना पर अदालत में केस दर्ज कराया है।