Monday, December 23, 2024
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ये दलाल है… दलाल… दलाल… कह कर लोगों ने राजदीप सरदेसाई को घेरा; ऑपइंडिया करता है कड़ी निंदा

'आलू बोंडा' नाम के ट्विटर अकाउंट द्वारा यह वीडियो ट्वीट किया गया है। उन्होंने लिखा है, "दो दलालों की लड़ाई में पीटा गया बड़ा दलाल!"

समाचार चैनल ‘इंडिया टुडे’ के प्रोपेगेंडा पत्रकार राजदीप सरदेसाई अपने ‘बॉक्सिंग स्किल्स’ को लेकर अक्सर चर्चा में रहते आए हैं। आखिरी बार जब लोगों को उनके इस हुनर की झलक देखने को मिली थी, तब राजदीप मैडिसन स्क्वायर गार्डन के बाहर एक भीड़ से उलझ पड़े थे। लेकिन तब किसीने ‘राजदीप दलाल है’ के नारे नहीं लगाए थे।

सोशल मीडिया पर ऐसी ही एक और वीडियो क्लिप लोगों द्वारा जमकर शेयर की जा रही है। यह वीडियो कब और कहाँ की है, इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती लेकिन कुछ ट्विटर यूजर्स का दावा है कि यह तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध के बीच ही रिकॉर्ड किया गया होगा।

‘आलू बोंडा’ नाम के ट्विटर अकाउंट द्वारा यह वीडियो ट्वीट किया गया है। उन्होंने लिखा है, “दो दलालों की लड़ाई में पीटा गया बड़ा दलाल!”

इस वीडियो में राजदीप सरदेसाई लोगों द्वारा घेरे गए हैं। भीड़ से उलझते हुए राजदीप कह रहे हैं कि आप मुझे मत बताइए, मेरा चेहरा मेरा आईना है। मुझे कोई दिक्कत नहीं है.. मैं मेरे पत्रकार…”

इसके बाद भीड़ ने उन्हें रोक लिया और जोर से नारेबाजी करते हुए राजदीप सरदेसाई को ‘दलाल’ कहने लगे। अस्पष्ट आवाजों के बीच लोग जोर-जोर से कहते हैं, “दलाल है दलाल है.. राजदीप दलाल है।”

शैफाली विद्य ने भी ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है, “एक चीज जो प्रदर्शनकारियों ने सही की। दलाल को पहचान लिया।”

हालाँकि, ऑपइंडिया किसी भी पत्रकार को ‘दलाल-दलाल’ कह कर चिढ़ाने की कड़ी निंदा करता है, भले ही वो राजदीप सरदेसाई ही क्यों न हो। यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है।

वीडियो के संदर्भ में श्री अजीत भारती जी का बयान

ऑपइंडिया के एडिटर श्री अजीत भारती ने वीडियो देख कर कहा, “यह बहुत चिंताजनक बात है। किसी भी तरह के पत्रकार को दलाल कहना अशोभनीय बात है, चाहे वह राजदीप ही क्यों न हो। उन्होंने कई बार फेक न्यूज भी फैलाया है, ट्रैक्टर परेड के दौरान भी उन्होंने किसान की पुलिस की गोली से हुई मौत का प्रपंच फैलाया था, आप उन्हें फेक पत्रकार कह सकते हैं। ‘दलाल, दल्ला, तू दलाली करता है’ जैसी बातें निंदनीय हैं। लोगों को अपने बारे में सोचना चाहिए कि उन्हीं का मुँह खराब होता है, जो जो है, वो वही रहेगा।”

गौरतलब है कि अक्सर अपने ट्विटर अकाउंट से फर्जी खबरें फ़ैलाने वाले राजदीप सरदेसाई को लेकर लोगों में नाराजगी देखी जाती है। गणतंत्र दिवस की सुबह से ही किसानों के प्रदर्शन के बीच, दिल्ली के DDU मार्ग पर एक व्यक्ति की ट्रैक्टर पलटने के कारण मौत हो गई थी। आईटीओ के पास पूरे चौक पर सैकड़ों की संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर खड़े रहे। जिसे लेकर समाचार चैनल ‘इंडिया टुडे’ के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने एक और फेक न्यूज़ फैला दी और पोल खुलने पर अपना ट्वीट चुपके से डिलीट भी कर दिया।

दरअसल, राजदीप सरदेसाई ने तिरंगे में लिपटी मृतक की लाश की तस्वीर अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा कि इसकी मौत पुलिस की गोली से हुई है। राजदीप ने ट्विटर पर लिखा, “पुलिस फायरिंग में आईटीओ पर 45 साल के नवनीत की मौत हो गई है। किसानों ने मुझे बताया कि उसका ‘बलिदान’ व्यर्थ नहीं जाएगा।”

लेकिन हकीकत ये है कि आज ट्रैक्टर रैली और उपद्रव के दौरान जिस व्यक्ति की मौत हुई, वह पुलिस फायरिंग में नहीं, बल्कि ट्रैक्टर पलटने से मारा गया। दरअसल, ड्राइवर ने काफी तेज रफ्तार से चल रहे ट्रैक्टर को अचानक से मोड़ दिया, जिसकी वजह से संतुलन बिगड़ गया और ट्रैक्टर पलट गया। इस दौरान किसान की मौत हो गई। सोशल मीडिया पर लोग ‘ट्विटर’ से सवाल कर रहे हैं कि क्या फेक न्यूज़ फ़ैलाने और राजधानी में दंगे भड़काने का प्रयास कर रहे राजदीप सरदेसाई का अकाउंट प्रतिबंधित किया जाएगा या नहीं?

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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