सुभद्रा माता ने 98 साल की उम्र में देह त्याग दिया है। उत्तरकाशी में वह समाधि लेंगी। उन्होंने करीब 60 साल हिमालय में साधना की थी।
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने आज (4 फरवरी 2021) सिलसिलेवार ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी है। ट्वीट में उन्होंने कहा है, “आप सबको एक दुःखद सूचना दे रही हूँ। मेरे गुरु श्री पेजावर स्वामी जी की वरिष्ठतम शिष्या सुभद्रा माता ने आज हरिद्वार में शरीर त्याग दिया।”
आप सबको एक दुःखद सूचना दे रही हूँ , मेरे गुरु श्री पेजावर स्वामी जी की वरिष्ठतम शिष्या सुभद्रा माता ने आज हरिद्वार में शरीर त्याग दिया ।
— Uma Bharti (@umasribharti) February 4, 2021
आगे उन्होंने बताया है कि गंगोत्री या गोमुख के आसपास लगातार एक दिन भी कोई नहीं रह सकता है। इसके बावजूद सुभद्रा माता उससे 10 किलोमीटर ऊपर तपोवन में लगभग 9 वर्ष रहीं। उन्होंने 60 साल से अधिक हिमालय में साधना की। उमा भारती ने बताया है कि हिमालय में रहने वाले संतों का भी यही मानना था कि माता सुभद्रा हिमालय की श्रेष्ठतम तपस्विनी थीं। लेकिन वह अपना प्रचार-प्रसार बिलकुल पसंद नहीं करती थीं। उनकी जीवन शैली और अवधारणा भी बेहद सकारात्मक और सरल थी।
मै उनको लगभग 20 साल से जानती थी । उनका मुझपर बहुत स्नेह था । उनकी इच्छा थी की उनका अन्तिम संस्कार मै करू । उन्होंने उत्तरकाशी में अपने लिए समाधि बनवा ली थी तथा मुझे एवं आचार्य बालकृष्ण जी को यह आज्ञा दी थी की उसी समाधि में उन्हें चिरकाल के लिये स्थापित कर दिया जाये ।
— Uma Bharti (@umasribharti) February 4, 2021
अपने एक और ट्वीट में उमा भारती ने लिखा, “मैं सुभद्रा माता को लगभग 20 वर्षों से जानती थीं। उनकी इच्छा थी कि मैं ही उनका अंतिम संस्कार करूँ और उन्होंने उत्तरकाशी में ही अपने लिए समाधि बनवा ली थी। उन्होंने मुझे और बालकृष्ण को अनुमति दी थी कि उसी समाधि में हमेशा के लिए स्थापित कर दिया जाए।”
पिछले कुछ वर्षों से सुभद्रा माता हरिद्वार के कनखल स्थित रामकृष्ण अस्पताल में थीं। वहाँ मौजूद संतों और चिकित्सकों ने उनकी काफी समय तक सेवा की। कल (5 फरवरी 2021) को सुभद्रा माता को उत्तरकाशी में समाधि दी जाएगी। इस दौरान बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और अन्य साधु-संत वहाँ एकत्रित होंगे।
उमा भारती ने बताया है कि माता सुभद्रा बेहद दयालु और सहज स्वभाव की थीं। सभी के लिए स्नेह की भावना रखती थीं। वह पिछले कई दिनों से उमा भारती को याद कर रही थीं इसलिए वह आज ही उनसे मिलने के लिए निकली थीं। लेकिन रास्ते में ही उन्हें उनके देह त्यागने का समाचार मिला।