Tuesday, November 26, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'अपने CM योगी आदित्यनाथ को हमें दे दो': ऑस्ट्रेलियाई सांसद को भाया कोरोना प्रबंधन...

‘अपने CM योगी आदित्यनाथ को हमें दे दो’: ऑस्ट्रेलियाई सांसद को भाया कोरोना प्रबंधन का यूपी मॉडल, मीडिया को नहीं दिख रहा

डेटा एनालिस्ट जे चमी ने आँकड़े गिनाते हुए बताया कि भारत के सबसे ज्यादा जनसंख्या (17%) वाले राज्य में पिछले 1 महीने में कोरोना के मात्र 1% मामले सामने आए हैं और 2.5% मौतें हुई हैं।

उत्तर प्रदेश में अब कोरोना वायरस संक्रमण के मात्र 1608 सक्रिय मामले बचे हैं। तुलना के लिए बता दें कि ये आँकड़ा केरल में 1.15 लाख और महाराष्ट्र में 1.14 लाख है। लेकिन, भारत की मीडिया को ये सब नहीं दिख रहा है। उसके लिए अब भी उद्धव ठाकरे ‘बेस्ट सीएम’ और ‘केरल मॉडल’ सबसे अच्छा है। पर यहाँ से 7800 किलोमीटर दूर ऑस्ट्रेलिया के सांसद क्रैग केली को सीरम योगी का कुशल प्रबंधन दिख रहा है।

क्रैग केली ने कई महीनों से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामकाज पर नजर रखी हुई है और जिस तरह से अपने कुशल प्रबंधन से उन्होंने राज्य में कोरोना को मात दी है, इससे ऑस्ट्रेलियाई सांसद प्रभावित हैं। हाल ही में उन्होंने लिखा कि भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के लिए ताली बजनी चाहिए। ऑस्ट्रेलिया के ह्यूजेस से सांसद क्रैग केली ने कहा कि काश ऐसा कोई विकल्प होता कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हम कुछ दिनों के लिए ले सकते।

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में आइवरमेक्टिन दवा की कमी और नेतृत्व की अक्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ ही इन चीजों को ठीक कर सकते हैं। उन्होंने एक डेटा एनालिस्ट के ट्वीट को कोट करते हुए ये बातें लिखीं। उन्होंने अपने आँकड़े में बताया था कि भारत के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य में पिछले 1 महीने में कोरोना के मात्र 1% मामले सामने आए हैं और 2.5% मौतें हुई हैं।

जबकि उत्तर प्रदेश में भारत की 17% जनसंख्या रहती है। उक्त डेटा एनालिस्ट जे चमी ने उदाहरण के लिए महाराष्ट्र के आँकड़े गिनाए, जहाँ देश की 9% जनसंख्या रहती है। उन्होंने बताया कि इस राज्य में कोरोना के देश के कुल 18% मामले हैं और आधी से अधिक मौतें तो यहीं हो रही हैं। उन्होंने बताया कि जहाँ महाराष्ट्र भारत का फार्मा हब है, लेकिन आइवरमेक्टिन के प्रयोग में उत्तर प्रदेश ने सफलता हासिल की है।

ऐसा नहीं है कि क्रैग केली ने पहली बार सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ़ की हो। जून 2021 के अंत में भी बताया था कि कैसे 23 करोड़ की जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश ने कोरोना के ‘डेल्टा वैरिएंट’ पर विजय हासिल की है। उन्होंने 30 जून को ये ट्वीट करते हुए बताया था कि जहाँ उस दिन उत्तर प्रदेश में कोरोना के 182 नए मामले सामने आए, वहीं यूके में ये आँकड़ा 20,479 रहा। उन्होंने इवरमेक्टिन दवा के सही उपयोग को लेकर भी सीएम योगी की प्रशंसा की।

मई में ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)’ ने भी इसकी तारीफ़ की थी कि किस तरह उत्तर प्रदेश में घर-घर जाकर कोविड टेस्टिंग की जा रही है। गाँवों तक में स्वास्थ्यकर्मी जाकर कोरोना के लक्षणों वाले मरीजों के आइसोलेशन की व्यवस्था करते हैं। WHO ने बताया था कि किस तरह 97,941 गाँवों में ये चल रहा है। तब भी क्रैग केली ने कहा था कि उत्तर प्रदेश कोरोना को मात दे रहा है लेकिन अंतरराष्ट्रीय मीडिया और WHO ये किसी को नहीं बता रहा कि ये सब कैसे संभव हो रहा है।

बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों के इलाज के लिए यूपी सरकार ने स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की सलाह के बाद प्रदेश में आइवरमेक्टिन को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रयोग किया। इसके साथ ही डॉक्‍सीसाइक्लिन को भी कोरोना मरीजों के लिए प्रयोग में लाया गया। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्‍य था, जिसने बड़े पैमाने पर रोगनिरोधी और मेडिकल उपयोग में आइवरमेक्टिन का प्रयोग किया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

सपा MLA के बेटे ने कहा- सांसद जियाउर्रहमान बर्क हमारे साथ, सुनते ही भीड़ ने शुरू कर दी पत्थरबाजी… तमंचे की गोलियाँ, अजीब हथियार...

संभल हिंसा में सपा सांसद और इसी पार्टी के विधायक के बेटे पर FIR हुई है। तमंचे से गोली चलने और अजीब चाकू मिलने की बात सामने आई है।

विकसित देशों ने की पर्यावरण की ऐसी-तैसी, पर क्लाइमेट चेंज से लड़ना गरीब देशों की जिम्मेदारी: दोगलई पर पश्चिम को भारत ने रगड़ा, 300...

भारत ने COP 29 समझौते पर प्रश्न खड़े किए हैं। भारत ने इस समझौते में स्वीकार की गई 300 बिलियन डॉलर को कम बताया है।
- विज्ञापन -