हिमाचल प्रदेश में शिमला के साइबर थाने में खालिस्तान समर्थक एवं सिख फॉर जस्टिस संगठन (एसएफजे) के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है। इसमें आईटी एक्ट समेत कई और धाराएँ भी जोड़ी गई हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साइबर थाने की पुलिस ने प्रारंभिक जाँच में पाया कि पत्रकारों के अलावा कई नागरिकों को भी धमकी भरे कॉल आए थे। ये संगठन अमेरिका समेत कई देशों में भारत विरोधी गतिविधियाँ चलाता है। डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि हिमाचल पुलिस इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों की भी मदद ले रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 56 सेकेंड के आडियो संदेश में पन्नू ने हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर को धमकी दी थी कि वह उन्हें 15 अगस्त को तिरंगा नहीं फहराने देगा। आडियो संदेश में ये भी कहा गया था कि पंजाब के बाद वे हिमाचल में भी कब्जा करेंगे, क्योंकि हिमाचल का कुछ क्षेत्र पहले पंजाब का हिस्सा था।
गौरतलब है कि यह संगठन भारत में देश विरोधी गतिविधियाँ चलाने के आरोप में 10 जुलाई, 2019 से प्रतिबंधित है। इसके बावजूद खालिस्तानियों द्वारा पंजाब के बाद हिमाचल प्रदेश में शांति भंग करने के प्रयास जारी हैं।
दरअसल, शुक्रवार (30 जुलाई 2021) को सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे के बीच शिमला के 20 से अधिक पत्रकारों को धमकी भरे फोन फोन आए थे, जिसमें यह कहा था गया कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इस बार स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा नहीं फहराने दिया जाएगा। ये खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्री रिकॉर्डेड कॉल थे और धमकी देने वाला शख्स खुद को SFJ का सदस्य गुरपतवंत सिंह पन्नू बता रहा था।
बता दें कि कनाडा में रहते हुए सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू समय-समय पर पंजाब के युवाओं को गुमराह करने के लिए उनको इनामी राशि देने का लालच देता आ रहा है। पन्नू के उकसाने पर अप्रैल 2021 में तीन सिख युवकों ने 14 अगस्त 2020 को पंजाब के मोगा जिला की प्रशासनिक इमारत पर खालिस्तानी झंडा लहरा दिया था। तीनों आज भी जेल में बंद हैं और उन्हें फूटी कौड़ी नहीं मिली है।
खालसा टुडे के एडिटर इन चीफ सुखी चहल ने यह बात सार्वजनिक की थी। चहल के मुताबिक तीनों युवकों का परिवार अब पन्नू को कोस रहा है। उसने इस काम के बदले उन्हें 2500 डॉलर देने का लालच दिया था, लेकिन इस घटना के बाद कोई पैसा नहीं दिया।