झारखंड सरकार का एक बार फिर से सांप्रदायिक चेहरा सामने आया है। अब राज्य के विधानसभा में भी ‘शांतिप्रिय’ समुदाय की सुविधा का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। अब उनके लिए नमाज अदा करने के लिए अलग से कमरा आवंटित किया गया है। इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया है।
इस आदेश पर 2 सिंतबर की तारीख है और नमाज कक्ष के रूप में कमरा संख्या TW348 बताया गया है। विधानसभा के उप सचिव नवीन कुमार के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है, “नए विधानसभा भवन में नमाज अदा करने के लिए नमाज कक्ष के रूप में कमरा संख्या TW-348 आवंटित किया जाता है।”
आदेश की प्रति वायरल होते ही तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। झारखंड सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया जा रहा है। बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने इस पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया, “ये क्या स्पीकर साहब ,अब राज्य की सबसे बड़ी पंचायत भी तुष्टिकरण को पोषित करने की राह पर? झारखंड विधानसभा में नमाज़ अदा करने के लिए कक्ष। झारखंड की जनता सब देख रही है। सर्वधर्म समभाव की मूल आत्मा को कलंकित करने वाला निर्णय।”
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— Anant Ojha BJP (@Anant_Ojha_BJP) September 4, 2021
वहीं योगेंद्र प्रताप ने लिखा, “झारखंड विधानसभा में हेमंत सोरेन की जेएमएम सरकार द्वारा नमाज कक्ष आवंटित करने के बाद कॉन्ग्रेस के बयान बहादुर विधायक जनाब इरफान अंसारी साहब तालिबान के समर्थन में कसीदे पढ़ रहे हैं। काश रोजगार और जनहित के अन्य सवालों पर भी ये ऐसे ही संवेदनशील होते? आप खुद समझिए झारखंड सरकार तुष्टिकरण की कैसी राजनीति कर रही है?”
आप खुद समझिए झारखंड सरकार तुष्टिकरण की कैसी राजनीति कर रही है?@BJP4Jharkhand @JmmJharkhand
— YOGENDRA PRATAP (@YogendraaPratap) September 4, 2021
झारखंड बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाह देव लिखते हैं, “जब चौतरफा असफलताओं से घिर जाओ तो ध्यान भटकाने की कोशिश करो। झारखंड के इतिहास में पहली बार विधानसभा भवन में नमाज अदा करने के लिए नमाज भवन बनाया गया। तुष्टीकरण की सारी सीमाएँ पार हो गईं। क्या विधानसभा में बहुसंख्यक समाज के लिए मंदिर या प्रार्थना कक्ष की व्यवस्था है?”
जब चौतरफा असफलताओं से घिर जाओ तो ध्यान भटकाने की कोशिश करो।
— Pratul Shah Deo (@pratulshahdeo) September 3, 2021
झारखंड के इतिहास में पहली बार विधानसभा भवन में नमाज अदा करने के लिए नमाज भवन बनाया गया।
तुष्टीकरण की सारी सीमाएं पार हो गई।क्या विधानसभा में बहुसंख्यक समाज के लिए मंदिर या प्रार्थना कक्ष की व्यवस्था है?@dprakashbjp pic.twitter.com/gkBZysk6i8
बीजेपी विधायक भानु प्रताप शाही ने लिखा, “बहुत चिंतित हूँ , झारखंड के भविष्य को ले कर एक तरफ कॉन्ग्रेस के विधायक खुलेआम तालिबान का समर्थन करते हैं! दूसरी तरफ विधानसभा में नमाज की कक्ष खोली जा रही और तीसरी हिंदी को हटा कर उर्दू को प्राथमिकता नियोजन नीति में दी जा रही? किस दिशा में जा रहा झारखंड आप भी सोचें…”
झारखंड विधानसभा में नमाज़ कक्ष खोला गया मैं उसका विरोध नहीं करता बस इतना कहता हूँ कि विधानसभा के अंदर एक बजरंगबली का मंदिर बनवाने की इक्षा है कृपया अध्यक्ष जी अनुमति दें ताकि हमलोग एक सुंदर मंदिर विधानसभा के अंदर बना पूजा कर सकें @BJP4Jharkhand @JmmJharkhand @idharampalsingh pic.twitter.com/QK7UjK7U3Z
— Bhanu Pratap Shahi (@ShahiPratap) September 3, 2021
शशि शेखर सिंह लिखते हैं, “हेमंत सोरेन जी ने समाज को बाटने वाली अपनी गंदी राजनीति का फिर से उदाहरण पेश किया है। झारखंड विधानसभा भवन में नमाज कक्ष का आवंटन उनके तुष्टीकरण की राजनीति को उजागर करता है। ऐसी विभाजनकारी राजनीति से बचिए साहब, ये राज्य का भला नहीं करेंगी।”
कांग्रेस का बस चले तो वह भारत को “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ इंडिया” बना दे,, झारखंड विधानसभा में पहले नमाज होगी फिर कोई दूसरा काम ।।@AmitShah @dasraghubar pic.twitter.com/IWFFXGG7Kq
— राहुल दुबे 🇮🇳 (@Rahuldubeyjh) September 4, 2021
राहुल दुबे ने लिखा, “कॉन्ग्रेस का बस चले तो वह भारत को ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ इंडिया’ बना दे, झारखंड विधानसभा में पहले नमाज होगी फिर कोई दूसरा काम।”
तुष्टिकरण की राजनीति की यह प्रकाष्ठा नहीं तो और क्या है मुख्यमंत्री साहब ?@BJP4Jharkhand @JmmJharkhand @HemantSorenJMM
— YOGENDRA PRATAP (@YogendraaPratap) September 3, 2021
योगेंद्र प्रताप लिखते हैं, “जेएमएम और कॉन्ग्रेस को तो सिर्फ हिंदुओं से परेशानी है? जब झारखंड विधानसभा में नमाज कक्ष हो सकता है तो फिर हिंदुओं के लिए पूजा कक्ष क्यों नहीं? राज्य के मन्दिरों को लेकर भी सरकार का उदासीन रवैया किसी से छिपा नहीं है। यह तुष्टिकरण की पराकाष्ठा नहीं तो और क्या है मुख्यमंत्री साहब?”
केवल नमाज कक्ष ही क्यूँ ❓
— Ayush Jha🇮🇳 (@ayushjha_bjp) September 4, 2021
मेरी तो झारखंड सरकार से आग्रह है की विधानसभा परिसर में एक कब्रिस्तान का निर्माण भी किया जाए,
ताकि एक दिन उसी कब्र में इस तुष्टीकरण राजनीति करने वाली सरकार को भी दफनाया जा सके..@dasraghubar @yourBabulal @dprakashbjp @pratulshahdeo pic.twitter.com/YTT0IorwEW
आयुष झा नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “केवल नमाज कक्ष ही क्यूँ? मेरी तो झारखंड सरकार से आग्रह है कि विधानसभा परिसर में एक कब्रिस्तान का निर्माण भी किया जाए, ताकि एक दिन उसी कब्र में इस तुष्टीकरण राजनीति करने वाली सरकार को भी दफनाया जा सके।”