Saturday, April 27, 2024
Homeविविध विषयअन्यमोदी सरकार का कड़ा निर्णय: 12 'दागदार' व 'सुस्त' वरिष्ठ अधिकारियों को समय-पूर्व रिटायरमेंट

मोदी सरकार का कड़ा निर्णय: 12 ‘दागदार’ व ‘सुस्त’ वरिष्ठ अधिकारियों को समय-पूर्व रिटायरमेंट

मोदी सरकार ने 12 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति (Compulsary Retirement) दे दी। 'डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स' के नियम 56 के तहत निर्णय लेते हुए...

निर्मला सीतारमण के वित्त मंत्री बनते ही मंत्रालय ने कड़े फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। सोमवार को सरकार ने 12 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति (Compulsary Retirement) दे दी। ‘डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स’ के नियम 56 के तहत निर्णय लेते हुए वित्त मंत्रालय ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। ये सभी अधिकारीगण इनकम टैक्स विभाग में चीफ कमिश्नर, प्रिंसिपल कमिश्नर्स और कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जैसे महत्वपूर्ण और बड़े पदों पर तैनात थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन अधिकारियों में से कई पर भ्रष्टाचार, बेहिसाब संपत्ति का अर्जन और यौन शोषण जैसे आरोप लगे हुए थे।

रिटायर किए गए 12 अधिकारियों के नाम हैं- अशोक अग्रवाल (आईआरएस 1985), एसके श्रीवास्तव (आईआरएस 1989), होमी राजवंश (आईआरएस 1985), बीबी राजेंद्र प्रसाद, अजॉय कुमार सिंह, बी अरुलप्पा, आलोक कुमार मित्रा, चांदर सेन भारती, अंडासु रवींद्र, विवेक बत्रा, स्वेताभ सुमन और राम कुमार भार्गव। ब्यूरोक्रेसी को स्वच्छ बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत यह किया गया है। मंत्रालय की अगले कुछ महीनों में ऐसे कई सुस्त और भ्रष्टाचार आरोपित अधिकारियों को रिटायर करने की योजना है, जिनके कारण शीर्ष स्तर पर कामकाज धीमा पड़ा हुआ है या सही से नहीं चल रहा।

उपर्युक्त नियम के तहत ऐसे अधिकारियों को रिटायर किया जा सकता है, जिनकी उम्र 50 से 55 वर्ष हो चुकी हो या फिर उन्होंने 30 वर्ष की सेवा अवधि पूरी कर ली हो। हालाँकि, यह नियम कई दशकों से है लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार ने इसका प्रयोग कर एक उदाहरण स्थापित किया है। सरकार ने ख़राब परफॉरमेंस वाले अधिकारियों की एक सूची तैयार की है, जिससे ऐसे अधिकारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट दिया जा सके। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इससे रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे क्योंकि पद खाली होने से नई रिक्तियाँ निकलेंगी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कसाब को फाँसी के फंदे तक पहुँचाया, 1993 मुंबई ब्लास्ट के आतंकियों को दिलाई सज़ा: वकील उज्जवल निकम को BJP ने चुनावी मैदान में...

मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट पर अब बीजेपी के उज्जवल निकम का सामना वर्षा गायकवाड़ से होगा। वर्ष गायकवाड़ धारावी विधानसभा सीट से कॉन्ग्रेस की विधायक हैं।

राम-राम कहने पर मुँह में डाल दी लाठी, छाती में गोली मार सड़क पर घसीटी लाश: कारसेवक कमलाकांत पांडेय, मुलायम सरकार में छीना गया...

जानिए 1990 में बलिदान हुए कारसेवक कमलाकांत के बारे में जिनकी पत्नी का 'मंगलसूत्र' अयोध्या में सिर्फ राम-राम कहने पर नोच लिया गया था

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe