Saturday, November 23, 2024
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बिना फ़ीस लिए 1984 दंगा पीड़ितों का केस लड़ने वाले फुल्का ने दिया AAP से इस्तीफा

एचएस फुल्का को 1984 सिख दंगा के पीड़ितों को इन्साफ दिलाने के लिए मुफ्त में केस लड़ने के लिए भी जाना जाता है।

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। एचएस फुल्का को 1984 सिख दंगा के पीड़ितों को इन्साफ दिलाने के लिए मुफ्त में केस लड़ने के लिए भी जाना जाता है। वो पिछले तीस वर्षों से इन मुकदमों में पीड़ितों की तरफ से पैरवी कर रहे हैं। गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल को एक पत्र लिख कर उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया। अपने पत्र में उन्होंने लिखा;

मैं आम आदमी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ। मुझे पार्टी की सेवा करनेका मौक़ा देने के लिए आपका धन्यवाद।”

जब फुल्का से पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी द्वारा राजीव गाँधी का भारत रत्न वापस लेने सम्बन्धी प्रस्ताव का समर्थन नहीं करने के कारण वो पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि उनके इस्तीफे का सिर्फ एक यही कारण नहीं है बल्कि कई और भी कारण हैं और वो शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर बांकी बातों का खुलासा करेंगे। फुल्का के इस्तीफे को पंजाब में AAP के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि इस साल लोकसभा चुनाव भी होने हैं और इस से पार्टी की चुनावी तैयारियों पर भी असर पड़ सकता है। ज्ञात हो कि उन्होंने तीन महीने पहले विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया था। कई लोगों का मानना है कि 1984 सिख दंगा के पीड़ितों के मुक़दमे पर ध्यान देने के लिए उन्होंने ये कदम उठाया है।

एक ट्वीट के माध्यम से फुल्का ने अधिक जानकारी देते हुए कहा;

‘मैंने AAP से इस्तीफा दे दिया है और आज केजरीवाल जी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। यद्यपि उन्होंने मुझे इस्तीफा न देने को कहा लेकिन मै अड़ा रहा। कल शाम 4 बजे प्रेस क्लब, रायसीना रोड में मीडिया से बात करूंगा जहां मैं AAP से अपने इस्तीफे की वजह और आगे के प्लान के बारे में बताऊंगा।’

कुछ दिनों पहले टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बातचीत में फुल्का ने बताया था कि राजनीती में आना उनकी गलती थी। फुल्का ने कहा कि वो राजनीती में इस उम्मीद से आये थे कि कांग्रेस के खिलाफ कोई बड़ा मंच खड़ा हो सके। बता दें कि फुल्का जनवरी 2014 में AAP में शामिल हुए थे और उसी साल हुए लोकसभा चुनावों में पार्टी की तरफ से उम्मीदवार भी थे। बाद में उन्होंने पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर कार्यभार सम्भाला लेकिन फिर उस पद से भी उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। अभी कुछ दिनों पहले सार्वजनिक तौर पर बयान देते हुए भी फुल्का ने कहा था कि अगर AAP का कांग्रेस के साथ गठबंधन होता है तो वह पार्टी से इस्तीफा दे देंगे।

हलांकि अभी AAP और कांग्रेस में गंथान्बंधन को लेकर कोई खबर नहीं आई है, ऐसे में फुल्का के इस्तीफे की वजह आज होने वाले उनके प्रेस कांफ्रेंस के बाद ही पता चलेगा। इस बारे में पंजाब में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उन्हें फुल्का के इस्तीफे की खबर सोशल मीडिया से मिली है और पार्टी के साथ उनका कोई मतभेद नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि वो पार्टी के लिए पंजाब में एक मजबूत स्तम्भ रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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