Sunday, December 22, 2024
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‘यह मकान बिकाऊ है, मुसलमानों के आतंक से’: मार डाले गए दलित हीरालाल के घर पर लगा पोस्टर, दावा- हत्यारा इरफान AAP का वर्कर

पीड़ित परिवार का यह भी कहना है कि हीरालाल की हत्या के बाद आरोपित कुछ लोगों के साथ उनके घर भी धमकी देने आए थे।

दिल्ली के सुल्तानपुरी में दलित हीरालाल गुजराती की इरफान सिद्दीकी और उसके भाई सानू ने 17 जनवरी 2022 को हत्या कर दी। इरफान कुछ दिन पहले ही जेल से बाहर निकला था। हीरालाल की बहन के साथ रेप करने के आरोप में वह जेल में बंद था। पीड़ित परिवार का कहना है कि आरोपितों के संबंध आम आदमी पार्टी (AAP) के स्थानीय विधायक मुकेश अहलावत से हैं। हालाँकि ऑपइंडिया से बातचीत में आप विधायक ने दावा किया है कि उन्होंने इरफान को छह महीने पहले ही पार्टी से निकाल दिया था। इलाके में इरफान के खौफ का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि हीरालाल की हत्या के बाद उनके घर पर एक पोस्टर चिपका दिया गया है। इस पर लिखा हुआ है- यह मकान बिकाऊ है, मुसलमानों के आतंक से।

सुल्तानपुर माज़रा से आप के विधायक मुकेश अहलावत ने ऑपइंडिया से कहा, “इरफ़ान हमारा कार्यकर्ता था। पर हमने उसको 6 महीने पहले ही निकाल दिया था। मेरे साथ उसकी वायरल हो रही फोटो पुरानी है।” वहीं बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने एक ट्वीट कर कहा है कि हत्यारा AAP का नेता है। उन्होंने एक बोर्ड की तस्वीर भी शेयर की है, जिस पर इरफान सिद्दीकी को आप के माइनॉरिटी विंग का अध्यक्ष बताया गया है। मिश्रा ने लिखा है, “अपनी सगी बहन की इज्जत-आबरू के लिए आवाज उठाना भी अब मुश्किल? दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में 17 जनवरी को हीरा गुजराती को सरेआम चाकू से और गोलियों से मोहम्मद इरफान ने मार दिया। इरफान अपराध के अन्य मामलों में जेल से पैरोल पर बाहर आया था।”

इस घटना को लेकर हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन भी किया है। बीजेपी के युवा नेता विशाल सिंह ने सुल्तानपुरी थाने के पास विरोध प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया में शेयर किया है।

हीरालाल के घर पर जो ऑपइंडिया ने देखा

ऑपइंडिया ने इस मामले की जमीनी पड़ताल की। ऑपइंडिया की टीम 20 जनवरी (गुरुवार) शाम लगभग 5.30 पर मृतक हीरालाल के घर पहुँची। मृतक का घर सुल्तानपुरी के बी ब्लॉक में पड़ता है। बगल की ही गली में आरोपितों का भी घर है। पीड़ित के घर से लगी सड़क पर सरकारी गर्ल्स स्कूल भी है।

बी ब्लॉक चौराहे पर विश्व हिन्दू परिषद ने हीरालाल की हत्या के विरोध में एक बोर्ड लगा रखा है। उस बोर्ड में 20 जनवरी को 11 बजे जनआक्रोश प्रदर्शन का आह्वान था। साथ ही बड़े-बड़े शब्दों में ‘हीरा के हत्यारों को फाँसी दो’ और ‘नरसिंह को इन्साफ दो’ लिखा हुआ था। उल्लेखनीय है कि जब हीरालाल की हत्या की गई तब 42 वर्षीय न​रसिंह भी उनके साथ थे। उन्हें भी गोली लगी है और उनका इलाज चल रहा है।

बी ब्लॉक चौराहे सुल्तानपुरी पर लगा VHP का बोर्ड

जिस गली में हीरालाल का घर है वहाँ दिल्ली पुलिस के कुछ जवान तैनात दिखे। एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि इनकी तैनाती घटना के बाद की गई है। मौके पर PCR गश्त लगाती दिखी। जवानों की तैनाती गली के अंदर और बाहर सड़क पर थी।

मृतक का घर हरे रंग में रंगा हुआ है। घर के आगे महादेव शिव की तस्वीर लगी हुई है। भगवान की तस्वीर से ऊपर अरविन्द केजरीवाल का स्टीकर दिखाई दिया। उसमें लिखा था, “अच्छे बीते 5 साल, लगे रहो केजरीवाल”। घर के दूसरी तरफ लाल रंग के पोस्टर में लिखा था, “यह मकान बिकाऊ है। मुसलमानों के आतंक से। हीरा की हत्या के डर के कारण।” दोनों पोस्टरों के बारे में जब मृतक के परिवार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि केजरीवाल का स्टीकर काफी पहले से लगा है। पलायन वाला पोस्टर हीरालाल की हत्या के बाद लगाया गया है।

मृतक के घर पर लगा पोस्टर

हीरालाल की माँ कुछ महिलाओं के साथ घर के आगे मौजूद खाली जगह में लगे टेंट में बैठी थीं। उन्होंने बताया, “यहाँ के नेता मदद करवा रहे हैं। उसी ने जमानत करवाई है। यहाँ का विधायक है मुकेश अहलावत। मेरे बेटे को मारने वाले इरफान और सानू उसी के वर्कर हैं।” आसपास के लोग भी मौके पर जमा थे। घर के अंदर से महिलाओं के रोने की आवाजें आ रही थी।

हीरालाल का घर

‘इरफान यहाँ के लिए कैंसर से ज्यादा बड़ी समस्या’

ऑपइंडिया ने मृतक हीरालाल के भतीजे और हत्या मामले के शिकायतकर्ता अर्जुन से बात की। अर्जुन ने बताया, “इरफ़ान और शानू पीछे गली में रहते हैं। वो सट्टा चलाते थे। मेरी बुआ के रेप केस में इरफान 4 महीने में छूट गया। इरफान यहाँ के लिए कैंसर से ज्यादा बड़ी समस्या बना हुआ है। इसे यहाँ के आम आदमी पार्टी विधायक मुकेश अहलावत का पूरा सपोर्ट है। हमें बताया गया कि इरफान को कोरोना के चक्कर में छोड़ा गया है। यहाँ पर सिर्फ इरफान का ही घर मुस्लिम का है। बाकी सभी हमारी बिरादरी गुजराती समाज के लोग हैं। हम SC समुदाय से हैं। हमें अभी तक दिल्ली सरकार से कोई भी सहयोग नहीं मिला। हमारे समाज के ही दूसरे व्यक्ति को भी गोली मारी गई है। उसे एम्स में भर्ती करवाया गया है।”

‘इरफान सट्टा चलाता था, बंदूकें बेचता था’

अर्जुन ने आगे बताया, “हत्या के बाद इरफान के घर वालों द्वारा माफ़ी माँगना तो दूर उनके परिवार वाले हमारे घर पर मारने तक पहुँच गए थे।” इसी केस में घायल नरसिंह के भाई ने बताया, “उन (इरफ़ान) की माँ, उनके 2 भाई, उसने 8-10 बाहरी आदमी बुला रखे थे। उनके हाथों में लट्ठ थे। उस समय हम अस्पताल में थे। हम अपने आदमियों को देखते या लड़ाई-झगड़ा करते।” मृतक हीरालाल की बड़ी बहन तोशी ने ऑपइंडिया को बताया, “इरफ़ान सट्टा चलाता था और UP से बंदूकें लाकर इधर बेचता था। उसे इरफान और सानू ने मार डाला।”

गौरतलब है कि 38 वर्षीय हीरालाल तीन बच्चों के पिता थे। चिड़ियों को बेचने का कारोबार कर परिवार को पालते थे। उनका परिवार मूल रूप से गुजरात के अहमदाबाद का रहने वाला है और करीब तीन दशक से दिल्ली में रह रहा है। मृतक की पत्नी ने ऑपइंडिया को बताया कि इरफान का उनके घर आना-जाना था। इसी का फायदा उठाकर पहले उसने उनकी ननद से रेप किया। इस मामले में जेल जाने के बाद से वह उनके परिवार को लगातार धमका रहा था।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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