जायरा वसीम के बॉलीवुड छोड़ने के फैसले के बहाने कॉन्ग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस्लामी कट्टरपंथियों को निशाने पर लिया है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा है, ‘हलाला जायज, एक्टिंग हराम, क्या ऐसे तरक्की करेगा हिंदुस्तान का मुसलमान।’ इस मामले पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा है कि यदि हर भारतीय मुसलमान इसी आधार पर फैसला लेने लगे तो क्या होगा। सिंघवी का यह रुख चौंकाने वाला है।
https://platform.twitter.com/widgets.jsहलाला जायज और एक्टिंग हराम,क्या ऐसे तरक्की करेगा हिंदुस्तान का मुसलमान ? #ZairaWasim
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) July 2, 2019
शरीयत के अनुसार निकाह-हलाला की परंपरा में तीन तलाक पाने वाली महिला हलाला के बाद फिर से पुराने पति से निकाह कर सकती है। इसके तहत महिला किसी गैर पुरुष से शादी से कर संबंध बनाती है और फिर उससे तीन तलाक लेकर दोबारा पहले पति से निकाह करती है। अमूमन, इस तरह की शादियाँ पति के परिवार के किसी पुरुष सदस्य के साथ ही होती है। इनमें पति का पिता और भाई भी शामिल रहते हैं।
https://platform.twitter.com/widgets.jsif this reasoning of #ZairaWasim is adopted generically, wht wl happen to pride of India #AamirKhan #ShahrukhKhan #SalmanKhan #ARRahman #JavedAkhtar And many others!
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) July 3, 2019
जायरा वसीम ने चंद दिनों पहले फिल्मों से तौबा करने की घोषणा करते हुए कहा था कि बॉलीवुड उन्हें इस्लाम से दूर ले जा रहा था। छह पन्नों के पत्र में उन्होंने अपने फैसले के पीछे की वजहों का जिक्र करते हुए कुरान का भी उल्लेख किया था। इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया में बहस छिड़ी हुई है और कई लोगों ने उनके फैसले की आलोचना की है।
2019 के आम चुनावों से पहले कॉन्ग्रेस ने तीन तलाक विरोधी बिल को खत्म करने का वादा किया था। इसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने “क्या बर्बर ‘निकाह-हलाला’ आपकी आत्मा को नहीं झकझोरता?” शीर्षक से एक ब्लॉग लिखा था।
हालाँकि, जायरा के ऐलान के बाद ऐसी खबरें आईं थी कि उनका अकाउंट हैक कर लिया गया है। लेकिन, बाद में खुद जायरा ने इसका खंडन किया। इससे साफ है कि धर्म में अपनी आस्था और गहरी करने के लिए उन्होंने पूरी तरह सोच-समझकर यह फैसला लिया है।