आंतरिक कलह से जूझ रही कॉन्ग्रेस की महाराष्ट्र ईकाई में भी सब कुछ ठीक नहीं है। पार्टी के 25 विधायकों ने बागी तेवर दिखाते हुए सोनिया गाँधी से मिलने का समय माँगा है। इनके तेवर ने राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार के लिए नया संकट पैदा कर दिया है। इस सरकार में शिवसेना, कॉन्ग्रेस और शरद पवार की एनसीपी शामिल है। गठन के बाद से ही तीनों साझेदारों के मतभेद समय-समय पर सामने आते रहते हैं।
द इकॉनॉमिक्स टाइम्स की खबर के मुताबिक कॉन्ग्रेस के 25 विधायकों ने महाराष्ट्र सरकार में अपनी ही पार्टी के मंत्रियों के खिलाफ शिकायत करने के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मिलने का समय माँगा है। इन कॉन्ग्रेस विधायकों का कहना है कि पार्टी के मंत्री भी उनकी बात नहीं सुनते। उनकी चिंताओं का जवाब नहीं देते हैं। विधायकों ने सोनिया गाँधी को भेजे पत्र में उनसे हस्तक्षेप करने और चीजों को सही करने का आग्रह किया है।
कुछ विधायकों ने ET से कहा है कि महाविकास अघाड़ी सरकार के मंत्री, विशेष रूप से कॉन्ग्रेस के मंत्री, उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। उनमें से एक ने कहा, “अगर मंत्री विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में काम को लागू करने के अनुरोधों की अनदेखी करते हैं, तो पार्टी चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कैसे करेगी?”
पार्टी में कोऑर्डिनेशन की कमी का संकेत देते हुए विधायकों ने कहा कि उन्हें पिछले सप्ताह ही पता चला कि कॉन्ग्रेस के प्रत्येक मंत्री को पार्टी विधायकों से जुड़े मसलों का तरीके से समाधान करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके तहत हर मंत्री के जिम्मे तीन पार्टी विधायक आते हैं। एक कॉन्ग्रेस विधायक ने कहा, “हमें इसके बारे में तब पता चला जब एचके पाटिल ने हाल ही में एक बैठक की थी। इसमें बताया गया कि कॉन्ग्रेस मंत्रियों को तीन-तीन विधायक आवंटित किए गए हैं। राज्य मे एमवीए की सरकार बनने के कुछ महीने बाद ही ऐसा किया गया था। लेकिन हमें इसके बारे में सरकार बनने के ढाई साल बाद पता चल रहा है। अब भी कोई नहीं जानता कि कौन सा मंत्री हमसे जुड़ा हुआ है।”
इसके अलावा कॉन्ग्रेस के विधायकों का यह भी कहना है कि इस तरह की परिस्थिति के कारण राज्य में पार्टी एनसीपी से भी पिछड़ रही है। विधायकों ने चिट्ठी में लिखा है कि एनसीपी के नेता और उद्धव सरकार में डिप्टी सीएम अजित पवार लगातार अपनी पार्टी के विधायकों से मिलते हैं, उनकी बात सुनते हैं और योजनाओं के लिए धन की व्यवस्था भी कराते हैं। उन्होंने ये भी लिखा है कि एनसीपी लगातार कॉन्ग्रेस पर निशाना साधती है। अगर अभी कदम नहीं उठाया गया, तो कॉन्ग्रेस बाकी राज्यों की तरह महाराष्ट्र में हाशिए पर चली जाएगी। विधायकों ने कहा कि पंजाब में पार्टी की हार के बाद तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। अगर पार्टी का महाराष्ट्र में ऐसा ही रवैया रहता है तो पंजाब जैसा परिणाम आ सकता है। बता दें कि हालिया विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस को पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में करारी हार मिली है।