Saturday, November 23, 2024
Homeराजनीति'चंडीगढ़ को फौरन पंजाब को करें ट्रांसफर': CM भगवंत मान ने माँग उठा विधानसभा...

‘चंडीगढ़ को फौरन पंजाब को करें ट्रांसफर’: CM भगवंत मान ने माँग उठा विधानसभा में पेश किया प्रस्ताव

चंडीगढ़ को लेकर पंजाब और हरियाणा का पिछले 5 दशकों से अधिक समय से विवाद चल रहा है। दोनों राज्य चंडीगढ़ पर दावा करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि हिमाचल प्रदेश भी शहर के कुछ हिस्सों पर अपना दावा करता है।

पंजाब के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता भगवंत मान ने चंडीगढ़ को तत्काल पंजाब को ट्रांसफर करने की माँग करते हुए शुक्रवार (1 अप्रैल 2022) को राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया। इसमें केंद्र सरकार पर केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन में संतुलन को बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया। साथ ही चंडीगढ़ को तुरंत पंजाब को ट्रांसफर करने की माँग की गई। 

बता दें कि चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश होने के साथ-साथ पंजाब और पड़ोसी हरियाणा दोनों की ही राजधानी है। केंद्र सरकार चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों के लिए सेवा नियमों में बदलाव कर रहा है। इससे केंद्र सरकार के अधिकारियों की तरह चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों को भी लाभ मिल रहा है।

विधानसभा से पास अपने प्रस्ताव में भगवंत मान ने कहा है कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के तहत पंजाब को हरियाणा राज्य में पुनर्गठित किया गया था। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और पंजाब के कुछ हिस्सों को तत्कालीन केंद्र शासित प्रदेश हिमाचल प्रदेश को दे दिया गया था। उन्होंने कहा, “तब से पंजाब और हरियाणा राज्य के नामांकित व्यक्तियों को कुछ अनुपात में प्रबंधन पदों को देकर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMS) जैसी सामान्य संपत्ति के प्रशासन में एक संतुलन का उल्लेख किया गया था। अपनी कई हालिया कार्रवाइयों के माध्यम से केंद्र सरकार इस संतुलन को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।”

मुख्यमंत्री ने बताया, “इसी तरह चंडीगढ़ प्रशासन हमेशा पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों द्वारा 60:40 के अनुपात में प्रबंधित किया गया है। हालाँकि, हाल ही में केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ में बाहरी अधिकारियों को तैनात किया है और चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सिविल सेवा नियम पेश किए हैं, जो कि पूरी तरह से अतीत में हुए समझौतों के खिलाफ है।”

यह कदम चंडीगढ़ में सरकारी कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सेवा नियमों का विस्तार करने के केंद्र सरकार के फैसले के कुछ दिनों बाद आया है। इसमें उन्होंने कहा था कि चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों को केंद्र सरकार में काम करने वाले उनके समकक्षों के समान लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार के इस फैसले की पंजाब सरकार ने आलोचना की थी। पहले चंडीगढ़ के कर्मचारी पंजाब सेवा नियमों के अधीन थे। अब सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट की आयु 58 से बढ़ाकर 60 होगी। महिलाएँ भी केंद्र सेवा नियमों के अनुरूप अब 2 साल की मातृत्व अवकाश का लाभ उठा सकती हैं। राज्य में विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि इससे चंडीगढ़ पर पंजाब का दावा कमजोर हो जाएगा।

चंडीगढ़ को लेकर पंजाब और हरियाणा का पिछले 5 दशकों से अधिक समय से विवाद चल रहा है। दोनों राज्य चंडीगढ़ पर दावा करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि हिमाचल प्रदेश भी शहर के कुछ हिस्सों पर अपना दावा करता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में BJP की अगुवाई वाली महायुति ने रचा इतिहास, यूपी-बिहार-राजस्थान उपचुनावों में INDI गठबंधन को दी पटखनी: जानिए 15 राज्यों के...

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति ने इतिहास रच दिया। महायुति की तिकड़ी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए बहुमत से सरकार बनाने का रास्ता साफ किया।

अडानी के बाद अमेरिका के निशाने पर एक और भारतीय: न्याय विभाग ने संजय कौशिक पर अमेरिकी एयरक्राफ्ट तकनीक रूस को बेचने का लगाया...

अमेरिका में अडानी समूह के बाद एक और भारतीय व्यक्ति को निशाना बनाया गया है। संजय कौशिक नाम के एक और भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया गया है।
- विज्ञापन -