Monday, May 6, 2024
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कॉन्ग्रेस ने कर दिया क्लियर, उसकी लड़ाई हिंदू और हिंदुत्ववादियों से: राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष ने सबको बताया राहुल गाँधी का ‘आदेश’

राहुल गाँधी ने जयपुर की रैली में कहा था कि हिंदू और हिंदुत्व में अंतर में है। उनकी लड़ाई हिंदुत्ववादियों से है। उन्होंने कहा था कि हिंदू और हिंदुत्व एक नहीं हो सकते। जैसे दो जीवों की एक आत्मा नहीं हो सकती, उसकी तरह दो शब्दों का एक मतलब नहीं हो सकता।

भाजपा को कोसने के चक्कर में कॉन्ग्रेस क्या-क्या बोल जाती है, इसका अंदाजा उसे भी नहीं रहता। राजस्थान कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) ने शुक्रवार (8 अप्रैल) को कहा कि पार्टी की लड़ाई हिंदू और हिंदुत्ववादियों से है। ऐसा पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी (rahul Gandhi) ने कहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी सबको साथ लेकर चलती है, भाजपा की तरह बैर नहीं बढ़ाती।

राहुल गाँधी के बयान को उल्टा पेश करते हुए डोटासरा ने कहा कि कॉन्ग्रेस सभी धर्मों को मानने वाली पार्टी है और यह हमेशा 36 कौमों को साथ लेकर चलती है। हर व्यक्ति की जो भी आस्था है, उस पर काम करे। राहुल गाँधी बयान को उल्टा पेश करते हुए उन्होंने कहा, “राहुल जी कह रहे हैं कि हमारा झगड़ा हिंदू और हिंदुत्ववादियों से है।”

भाजपा को घसीटते हुए उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस सब धर्मों को मानने वाली पार्टी है। पार्टी झूठ और नफरत फैलाने के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) झूठ और नफरत फैलाकर एक धर्म को दूसरे धर्म के खिलाफ खड़ा कर रही और अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंक रही है। कॉन्ग्रेस ऐसा कभी नहीं करती।

दरअसल, डोटासरा एक करौली हिंसा को लेकर राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इतना ही नहीं, रामनवमी और हनुमान जयंती जैसे त्योहारों से पहले कुछ जिलों में धार्मिक झंडे लगाने पर रोक की भी सरकार की आलोचना हो रही है। ऐसे में सरकार और पार्टी ने अपनी छवि सुधारने के लिए प्रदेश सरकार के देवस्थान विभाग की ओर से सभी मंदिरों में रामनवमी में रामायण और हनुमान जयंती पर हनुमान चालीसा का पाठ कराने का निर्णय लिया गया है। डोटासरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही।

क्या कहा था राहुल गाँधी ने?

राहुल गाँधी ने जयपुर की रैली में कहा था कि हिंदू और हिंदुत्व में अंतर में है। उनकी लड़ाई हिंदुत्ववादियों से है। उन्होंने कहा था कि हिंदू और हिंदुत्व एक नहीं हो सकते। जैसे दो जीवों की एक आत्मा नहीं हो सकती, उसकी तरह दो शब्दों का एक मतलब नहीं हो सकता। एक हिंदू सत्य की खोज में कभी झुकता नहीं है, लेकिन एक हिंदुत्ववादी नफरत से भरा होता है, क्योंकि उसके मन में खौफ होता है।

उन्होंने कहा था, “किसानों की जो आत्मा है… उनका जो दिल है… छाती में चाकू मारा…। और भाईयों और बहनों… आगे से नहीं… यूँ नहीं (चाकू मारने का प्रक्रिया बताते हुए)… यूँ (एक सुरक्षाकर्मी के पीछे जाकर चाकू मारने का संकेत हुए)। आगे से नहीं, पीछे से। क्यों? क्योंकि वो हिंदुत्ववादी है। हिंदू अगर मारता तो आगे से मारता। हिंदुत्ववादी है तो पीछे से मारेगा।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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