Sunday, November 24, 2024
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महाराष्ट्र, बंगाल, केरल, झारखंड… पेट्रोल-डीजल पर 7 राज्यों को PM मोदी की नसीहत, कोरोना पर मुख्यमंत्रियों के साथ 24वीं बैठक में दोहराया – Test, Track, Treat

उन्होंने स्पष्ट कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड, तमिलनाडु ने किसी न किसी कारण से केंद्र सरकार की बातों को नहीं माना और उन राज्य के नागरिकों पर बोझ पड़ता रहा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस की चौथी लहर की आशंकाओं के बीच सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर के स्थिति की समीक्षा की और उन्हें विभिन्न सुझाव दिए। उन्होंने अपनी बात तमिलनाडु के तंजावुर में हुए आग हादसे को लेकर शोक प्रकट करने के साथ की, जिसमें दो बच्चों समेत 11 की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों की आर्थिक मदद की जा रही है। पीएम मोदी ने बताया कि पिछले दो वर्षों में कोरोना पर मुख्यमंत्रियों के साथ उनकी ये 24वीं बैठक है।

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में जिस तरह केंद्र और राज्यों ने मिलकर काम किया, उसने कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि ये स्पष्ट है कि कोरोना की चुनौती अभी पूरी तरह टली नहीं है, क्योंकि ओमिक्रोन और उसके सब वैरिएंट्स किस तरह गंभीर परिस्थिति पैदा कर सकते हैं, ये यूरोप के देशों में हम देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में लंबे समय के बाद स्कूल खुले हैं, ऐसे में कोरोना केस के बढ़ने से परिजनों की चिंता बढ़ रही है।

पीएम मोदी ने ध्यान दिलाया कि कैसे कुछ स्कूलों से बच्चों के संक्रमित होने की खबरें आ रही हैं, लेकिन संतोष का विषय है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को वैक्सीन का कवच मिल रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि मार्च में सरकार ने 12-14 वर्ष के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू कर दिया था और अब 6-12 वर्ष के बच्चों के लिए भी को-वैक्सीन टीके की अनुमति मिल गई है। उन्होंने कहा कि सभी योग्य बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण हमारी प्राथमिकता है और इसके लिए पहले की तरह स्कूलों में विशेष अभियान चलाने की जरूरत भी होगी।

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि टीचर्स और माता-पिता इसे लेकर जागरूक रहें, हमें ये भी सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने आँकड़े बताए कि तीसरी लहर के दौरान हमने हर दिन 3 लाख से अधिक केस देखे, जिसे हमारे सभी राज्यों ने इन्हें हैंडल भी किया और बाकी सभी सामाजिक, आर्थिक गतिविधियों को भी गति दी। उन्होंने जानकारी दी कि हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ नेशनल और ग्लोबल स्थिति को लगातार मॉनिटर कर रहे हैं और उनके सुझावों पर हमें pre-emptive, pro-active और collective approach के साथ हमें काम करना होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “संक्रमण को शुरुआत में ही रोकना हमारी प्राथमिकता पहले भी थी, आज भी यही रहना चाहिए। Test, Track और Treat की हमारी स्ट्रैटेजी को भी हमें उतने ही प्रभावी तौर पर लागू करना है। आज कोरोना की जो स्थिति है उसमें ये जरूरी है कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों में जो हमारे गम्भीर इन्फ्लूएंजा के केस हैं, उनका शत प्रतिशत RT-PCR टेस्ट हो। इंफ्रास्ट्रक्चर के अपग्रेड का काम तेजी से चलता रहे, ये सुनिश्चित करना चाहिए। बिस्तर, वेंटिलेटर और पीएसए ऑक्सीजन प्लांट जैसी सुविधाओं के लिए हम काफी बेहतर स्थिति में हैं लेकिन ये सुविधाएँ कार्यांवित रहे, हमें ये भी सुनिश्चित करना होगा।”

उन्होंने आगे कहा कि आज की वैश्विक परिस्थितियों में भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आर्थिक निर्णयों में केंद्र और राज्य सरकारों का तालमेल, सामंजस्य पहले से अधिक आवश्यक है। बकौल पीएम मोदी, जो युद्ध की परिस्थिति पैदा हुई है, जिससे सप्लाई चैन प्रभावित हुई है, ऐसे माहौल में दिनों-दिन चुनौतियाँ बढ़ती जा रही हैं और ये वैश्विक संकट अनेक चुनौतियाँ लेकर आ रहा है। ऐसे में केंद्र और राज्य के बीच तालमेल को और बढ़ाने को उन्होंने अनिवार्य करार दिया।

साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत का बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में पिछले नवंबर में कमी की थी और राज्यों से भी आग्रह किया गया था कि वो अपने यहाँ टैक्स कम करें। बकौल पीएम, कुछ राज्यों ने तो अपने यहां टैक्स कम कर दिया, लेकिन कुछ राज्यों ने अपने लोगों को इसका लाभ नहीं दिया गया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड, तमिलनाडु ने किसी न किसी कारण से केंद्र सरकार की बातों को नहीं माना और उन राज्य के नागरिकों पर बोझ पड़ता रहा।

प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरी प्रार्थना है कि नंवबर में जो करना था, अब वैट कम करके आप नागरिकों को इसका लाभ पहुँचाएँ। ढ़ती गर्मी के समय में हम अलग-अलग स्थानों पर हम आग की बढ़ती हुई घटनाएँ देख रहे हैं। पिछले साल कई अस्पतालोँ में आग लगी, वो बड़ी दर्दनाक स्थिति थी। मेरा सभी राज्यों से आग्रह है कि हम अभी से अस्पतालों का सेफ्टी ऑडित कराएँ, सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता करें।” वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी उपस्थित रहे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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