Sunday, September 8, 2024
Homeराजनीति'लगातार मिल रही धमकियाँ, हमें और हमारे समर्थकों को जान का खतरा': शिंदे गुट...

‘लगातार मिल रही धमकियाँ, हमें और हमारे समर्थकों को जान का खतरा’: शिंदे गुट पहुँचा सुप्रीम कोर्ट, बोले आदित्य ठाकरे – हम शरीफ क्या हुए…

सुप्रीम कोर्ट में दी याचिका में शिंदे गुट ने कहा है कि डिप्टी स्पीकर के नोटिस के बाद उन्हें और उनके समर्थकों को रोजाना धमकियाँ आ रही हैं। वहीं आदित्य ठाकरे ने ऐसी परिस्थिति में फिल्म का डायलॉग याद किया जिसमें कहा गया था- हम शरीफ क्या हुए...

महाराष्ट्र में शिवसेना नेताओं के बीच चल रहा सियासी घमासान अब सुप्रीम कोर्ट में आ गया है। एकनाथ शिंदे व उनके समर्थक नेताओं ने डिप्टी स्पीकर के उस नोटिस के विरुद्ध कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है जिसमें 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की बात है। शिंदे गुट की याचिका को कोर्ट ने सूचीबद्ध कर लिया है। अब इस पर सोमवार (27 जून 2022) को सुनवाई होगी।

इस याचिका में कहा गया है कि शिवसेना के दो तिहाई से ज्यादा सदस्य शिंदे गुट के समर्थन में हैं। इसके बावजूद डिप्टी स्पीकर ने 21 जून को पार्टी के विधायक दल का नेता नियुक्त कर दिया। याचिका में डिप्टी स्पीकर के नोटिस को अवैध और मनमाना कहा गया है।

जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में शिंदे गुट ने कुल दो याचिका लगाई हैं। याचिका में शिंदे गुट ने कहा है कि डिप्टी स्पीकर के नोटिस के बाद एक ओर उन्हें और उनके समर्थकों को रोजाना धमकियाँ आ रही हैं। उनका जीवन भी खतरे में हैं। दूसरी ओर उद्धव सरकार ने उन विधायकों के आवास से और उनके परिवारों के सदस्यों के पास से सुरक्षा पापस ले ली है। इसके अलावा संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने का काम भी किया गया है।

बता दें कि एक तरफ जहाँ बागी विधायकों के परिजनों को सुरक्षा दिलाने के लिए राज्यपाल भगत सिंग कोश्यारी ने केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखकर सुरक्षा प्रदान करने के लिए अपील की है। वहीं आदित्य ठाकरे ने युवा सेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे को याद किया। उन्होंने दिलवाले फिल्म के डॉयलॉग को भी याद किया जिसमें कहा गया था- “हम शरीफ क्या हुए, सारी दुनिया बदमाश हो गई।” आदित्य ठाकरे ने शिवसैनिकों से बैठक में ये भी कहा, “मैं तो सड़क पर उतर ही रहा हूँ। बाकी शिवसैनिक भी बागी विधायकों की सच्चाई बताने के लिए लोगों तक जाएँ।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -