Friday, November 22, 2024
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कन्हैया लाल की बर्बर हत्या के चश्मदीद को भी सता रहा डर, कहा- मास्टरजी ने सुरक्षा माँगी थी तो पुलिस ने कहा था CCTV लगवा लो

"मैं भी अपनी सुरक्षा को लेकर डर रहा हूँ, क्योंकि मैं गवाह हूँ। मेरा नाम-पता सब सार्वजानिक हो चुका है। मुझे सुरक्षा का भरोसा तो दिया गया है, लेकिन ऐसा भरोसा तो मास्टर जी (कन्हैया लाल) को भी दिया गया था।"

राजस्थान के उदयपुर में हुई कन्हैया लाल साहू की बर्बर हत्या के चश्मदीद को भी डर सता रहा है। नाम-पता उजगार होने के बाद से राजकुमार अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। कन्हैया लाल की शिकायत पर पुलिस ने जैसा रवैया दिखाया था उसके कारण उन्हें प्रशासन की ओर से किए गए सुरक्षा के वादों पर भी नहीं भरोसा हो रहा है। कन्हैया लाल के टेलर शॉप में राजकुमार आठ साल से काम कर रहे थे। हमले में उनका एक साथी ईश्वर घायल भी हो गया था। उल्लेखनीय है कि 28 जून 2022 को मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने टेलर शॉप में घुसकर कन्हैया लाल को काट डाला था।

दैनिक भास्कर के मुताबिक राजकुमार ने कहा, “मास्टर जी (कन्हैया लाल) ने जब अपनी जान को खतरा बताया था तब पुलिस ने उन्हें 2 दिन की सुरक्षा दी थी। बाद में पुलिस ने CCTV लगवाने की सलाह देते हुए सुरक्षा हटा ली थी।” इसके बाद कन्हैया लाल ने 16 जून को दुकान में कैमरे भी लगवा लिए थे। माना जा रहा है कि हत्यारों ने दुकान में घुसने से पहले ही CCTV का कनेक्शन काट दिया था।

राजकुमार ने बताया, “मैं भी अपनी सुरक्षा को लेकर डर रहा हूँ, क्योंकि मैं गवाह हूँ। मेरा नाम-पता सब सार्वजानिक हो चुका है। मुझे सुरक्षा का भरोसा तो दिया गया है, लेकिन ऐसा भरोसा तो मास्टर जी (कन्हैया लाल) को भी दिया गया था। मुझे अपने घर वालों की भी फ़िक्र सता रही है। कुछ दिनों बाद बाजार की बाकी तमाम दुकानें खुल जाएँगी, लेकिन सुप्रीम टेलर्स (कन्हैया लाल की दुकान) बंद ही रहेगा। इस दुकान से मैं लगभग 15 हजार रुपए महीने में कमा लेता था। अब वो भी नहीं कमा पाऊँगा। सब लोग जानते हैं कि मैं कन्हैया लाल के केस में गवाह हूँ ऐसे में शायद मुझे कोई और अपनी दुकान में काम पर नहीं रखना चाहेगा।”

बताया जा रहा है कि हमलावरों ने दुकान से लगभग 70 मीटर दूर अपनी बाइक स्टार्ट खड़ी रखी थी। ऐसा इसलिए क्योकि वे हत्या कर आराम से भाग सकें।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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