Thursday, May 2, 2024
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मोदी को फँसाने के लिए 5+25 लाख रुपए, सोनिया गाँधी के सलाहकार अहमद पटेल की साजिश: तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर SIT का खुलासा

"तीस्ता की अहमद पटेल से मीटिंग हुई, पहली किश्त के तौर पर 5 लाख रुपए मिले थे। 2 दिनों बाद तीस्ता सीतलवाड़ और अहमद पटेल फिर से अहमदाबाद के एक सर्किट हाउस में मिले, जहाँ तीस्ता को फिर से 25 लाख रुपए दिए गए।"

गुजरात दंगों में रची गई साजिश की जाँच कर रही SIT (विशेष जाँच दल) ने बताया कि नरेंद्र मोदी को फँसाने के लिए रची साजिश के सूत्रधार कॉन्ग्रेस नेता अहमद पटेल थे। तीस्ता सीतलवाड़, IPS संजीव भट और पूर्व DGP आरबी श्रीकुमार को इस साजिश को अंजाम देने का जिम्मा सौंपा गया था। इस प्लानिंग के तहत गुजरात की तत्कालीन भाजपा सरकार को भी अस्थिर करना था। SIT ने यह जाँच रिपोर्ट अहमदाबाद के एक सेशन कोर्ट में शुक्रवार (15 जुलाई 2022) को दाखिल की है।

कॉन्ग्रेसी नेता और एक समय सोनिया गाँधी के राजनैतिक सलाहकार रहे अहमद पटेल की मृत्यु हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साजिश में मुख्य रूप से तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निशाने पर थे। उनके अलावा कई अन्य ऐसे लोगों को भी निशाने पर लिया गया था, जो बेगुनाह थे।

तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध करते हुए SIT ने कोर्ट को बताया कि गुजरात की छवि को धूमिल करने के लिए तीस्ता सीतलवाड़ को तत्कालीन राज्यसभा सांसद और तब की कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के राजनैतिक सलाहकार अहमद पटेल से निर्देश मिले थे। तीस्ता की जमानत के विरोध में SIT ने कोर्ट में 2 गवाह भी पेश किए हैं। न्यायालय में दिए गए शपथपत्र में SIT ने कहा:

“तीस्ता की अहमद पटेल से मीटिंग हुई थी और पहली किश्त के तौर पर तीस्ता को 5 लाख रुपए मिले थे। अहमद पटेल ने ये रुपए एक गवाह के माध्यम से भिजवाए थे। 2 दिनों बाद तीस्ता सीतलवाड़ और अहमद पटेल फिर से अहमदाबाद के एक सर्किट हाउस में मिले, जहाँ तीस्ता को फिर से 25 लाख रुपए दिए गए। यह पैसा किसी भी राहत कार्य में प्रयोग नहीं हुआ।”

SIT ने कोर्ट को आगे बताया, “तीस्ता सीतलवाड़ ने मीटिंग के सप्ताह भर में ही दंगों के दौरान बने एक राहत कैम्प में राजनैतिक लोगों के साथ मीटिंग की थी। दंगों के 4 महीने बाद तीस्ता सीतलवाड़ और IPS संजीव भट ने अहमद पटेल से उनके दिल्ली आवास पर गुप्त मुलाक़ात की थी।” SIT का दावा है कि बाद में ये दोनों तत्कालीन केंद्र सरकार के कुछ अन्य नेताओं से भी मिले थे। इस मुलाकात का मकसद गुजरात भाजपा के सीनियर नेताओं को फँसाना था।

गुजरात दंगों में रची गई साजिश की जाँच कर रही SIT का दावा है कि 2007 में केंद्र सरकार ने तीस्ता सीतलवाड़ को पद्मश्री सम्मान उनके गुजरात सरकार पर दुर्भावनापूर्ण आरोपों के चलते दिया था। जाँच एजेंसी का ये भी दावा है कि तीस्ता ने ऐसा अपने राजनैतिक करियर को बनाने और राज्यसभा की सीट पाने के लिए किया था।

पेश किए गए गवाह का दावा है कि तीस्ता ने एक बड़े राजनेता से सवाल भी किया था कि जावेद अख्तर और शबाना आज़मी जैसे फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को सांसद बना दिया गया लेकिन उन्हें क्यों नहीं? तीस्ता की राजनैतिक मंशा के लिए SIT ने साल 2006 में उनके पंचमहल में मीडिया को दिए गए बयान को शामिल किया है, जिसमें उन्होंने 3 दिनों के भीतर गुजरात सरकार के इस्तीफे की बात कही थी।

SIT ने अपनी जाँच में गुजरात दंगों में मुख्य चेहरा बनाए गए कुतुबुद्दीन अंसार का भी जिक्र किया, जिनकी मीडिया के आगे परेड करवा कर लोगों से चंदा जुटाया गया था। जाँच एजेंसी के मुताबिक खुद कुतुबुद्दीन को जब लगा कि उनका पैसे जुटाने और राजनीति के लिए दुरूपयोग हो रहा तो वो वापस घर लौट आए थे।

शपथ पत्र के मुताबिक तीस्ता सीतलवाड़ ने दिवंगत पूर्व गृहमंत्री हिरेन पंड्या के पिता को भी सम्पर्क किया था, जिनकी हत्या कर दी गई थी। तीस्ता ने हिरेन के पिता विट्ठलभाई को भी अपने NGO सिटीजन फॉर जस्टिस एन्ड पीस (CJP) में शामिल होने का ऑफर दिया था। इस दौरान तीस्ता ने एडवोकेट सोहैल द्वारा बनाई गई एक शिकायत पर विट्ठलभाई से दस्तखत करने को भी कहा था लेकिन कई बेगुनाहों का नाम देख कर विट्ठलभाई ने मना कर दिया था।

SIT ने तीस्ता सीतलवाड़ पर चंदे से मिले पैसे का निजी कार्यों में उपयोग करने का भी आरोप लगाया है। तीस्ता पर फ़िरोज़ खान पठान नाम के एक व्यक्ति ने FIR भी दर्ज करवा रखी है। फ़िरोज़ के मुताबिक तीस्ता के खातों में लाखों रुपए दंगों में मारे गए लोगों के पुनर्वास और उनके म्यूजियम बनाने के लिए डाले थे लेकिन उन पैसों को कहीं और प्रयोग किया गया। SIT ने तीस्ता सीतलवाड़ पर ज़किया जाफरी को सिखाने-पढ़ाने का भी आरोप लगाया है, जो एक पूछताछ के दौरान निकल कर आए तथ्यों के आधार पर है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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